नई दिल्ली: कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी फैल रहा है। देश में अब तक ओमिक्रॉन के 73 मामले सामने आ चुके हैं। WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि ओमिक्रॉन डेल्टा से ज्यादा तेजी से फैल रहा है। जहां डेल्टा 1 से 4 लोगों में फैल रहा था, वहीं ओमिक्रॉन एक व्यक्ति से 10 लोगों तक फैल रहा है। जिसको देखते हुए इस बात की आशंका जाहिर की जा रही है कि आने वाले दिनों में अस्पतालों पर बोझ बढ़ सकता है और मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।
नए वैरिएंट पर वैक्सीन असरदार है कि नहीं? इससे भारत में किस तरह के हालात हो सकते हैं? देश में तीसरी लहर आएगी या नहीं? जैसे सवालों को लेकर भी उन्होंने अपनी राय रखी। आइए पढ़ते हैं पूरी बातचीत…
सवाल: भारत में ओमिक्रॉन कितना खतरनाक हो सकता है?
जवाब: डेल्टा के वक्त लोगों में 70% तक इम्यूनिटी बन गई थी। तब टेस्ट भी बहुत ज्यादा हो रहे थे। अब उस हिसाब से टेस्ट में कमी आई है। इसको देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर सरकार ने सख्ती नहीं बरती तो आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है। हालांकि अभी तक इससे सिर्फ एक मौत दुनिया में हुई है, जो थोड़ी राहत की बात है।
सवाल: क्या डेल्टा की तरह ही ओमिक्रॉन से भी मौत का आंकड़ा बढ़ेगा?
जवाब: डेल्टा वैरिएंट के केस में 80 फीसदी माइल्ड बीमार हो रहे थे और 20 फीसदी लोग गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे थे। तब करीब एक फीसदी लोगों की मौत हो रही थी। इस लिहाज से देखा जाए तो ओमिक्रॉन वैरिएंट में गंभीर मरीज कम मिल रहे हैं, लेकिन चिंता की बात यह है कि अगर मरीजों की संख्या काफी ज्यादा हुई तो मौतों का भी आंकड़ा बढ़ सकता है। इतना ही नहीं अगर देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन होता है तो मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है।
सवाल: ओमिक्रॉन पर वैक्सीन का कितना असर हो रहा है?
जवाब: अभी तक जो मामले सामने आए हैं, उससे साफ है कि वैक्सीन लेने वाले लोगों में भी ओमिक्रॉन के केस मिल रहे हैं। यूरोप में कई लोगों ने बूस्टर डोज लगवाई थी, वे भी संक्रमित हुए हैं। हालांकि वे बहुत गंभीर बीमार नहीं हुए हैं। इससे यह संकेत मिल रहा है कि वैक्सीन अपना काम कर रही है। हालांकि अभी इसको लेकर बहुत ज्याद रिसर्च नहीं हुआ है, लिहाजा अभी कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा जा सकता है। भारत में 60% से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। जबकि करीब 40% लोगों को दूसरी डोज भी लग चुकी है। इस लिहाज से वैक्सीनेशन की रफ्तार और बढ़ानी चाहिए।
सवाल: ओमिक्रॉन से संक्रमित को ठीक होने में कितना समय लगता है?
जवाब: यह उस बात पर निर्भर करता है कि मरीज के हालात कैसे हैं? जो लोग कम बीमार हैं, वे एक सप्ताह में ठीक हो रहे हैं। कई लोगों को तीन दिनों में भी अस्पतालों से छुट्टी मिल रही है।
सवाल: क्या भारत में ओमिक्रॉन के कारण तीसरी लहर आ सकती है?
जवाब: अभी तक नए वायरस को लेकर स्टडी की जा रही है। इस पर अभी बहुत कुछ साफ नहीं हो पाया है। यह किस देश में किस तरह फैल रहा है और इसका क्या नेचर है, इसको लेकर रिसर्च हो रही है। तीसरी लहर आएगी या नहीं, या कब तक आएगी। ऐसे सवालों में न पड़ कर हमें अभी से सख्ती बरतनी होगी और अपनी तैयारी शुरू करनी होगी। तब जाकर इससे कारगर तरीके से निपटा जा सकता है। जिन जगहों पर केस बढ़ रहे हैं, वहां तत्काल सख्ती कर देनी चाहिए।
सवाल: अगले साल की शुरुआत में भारत के 5 राज्यों में चुनाव होने हैं। इससे ओमिक्रॉन पर क्या असर होगा?
जवाब: देखिए एक बात साफ है, चाहे कोई भी वजह हो जहां भी भीड़ होगी वहां कोरोना के मामले बढ़ेंगे। यूरोप में भी यह देखने को मिला है कि वहां कुछ महीने के लिए कोविड प्रोटोकॉल हटाए गए तो हालात बिगड़ गए। हमें यह समझना होगा कि कोरोना इतना जल्दी कहीं जाने वाला नहीं है। इससे संक्रमण से बचने का सबसे कारगर तरीका यही है कि हमें सावधान रहना होगा। लोकल लेवल के आंकड़ों पर नजर रखनी होगी। मास्क का इस्तेमाल करना होगा।