Thursday, May 2, 2024
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BCC NEWS 24: CG ब्रेकिंग- सस्पेंड IPS जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में लगाई नई याचिका: आय से अधिक संपत्ति व राजद्रोह के FIR को दी चुनौती, बताया गैरकानूनी तरीके से हुई है कार्रवाई…

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित व निलंबित IPS जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में एक नई याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरणों को चुनौती देते हुए निरस्त करने की मांग की है। याचिका में उन्होंने राज्य शासन की कार्रवाई को गैरकानूनी बताया है। इस मामले की 16 नवंबर को सुनवाई होगी।
एसीबी व राजद्रोह के मामले में फंसे प्रदेश के IPS जीपी सिंह दोबारा हाईकोर्ट की शरण में आ गए हैं। दरअसल, उन्होंने अपने खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और राजद्रोह के केश को चुनौती दी है। इसमें उन्होंने बताया है कि बतौर IPS 19 साल से सेवा कर रहे हैं। इस दौरान राज्य सरकार ने उनके उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की और उनके बेहतर कार्यों को देखकर ही कई अवार्ड भी दिए गए। लेकिन, अचानक ऐसा क्या हो गया कि रातों रात उन्हें भ्रष्टाचार का आरोपी बना दिया गया। याचिका में उन्होंने कहा है कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले के साथ ही राजद्रोह के प्रकरण में सुनियोजित तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने याचिका में FIR के तथ्यों को बेबुनियाद व आधारहीन बताते हुए पूरी कार्रवाई को रद्द करने की मांग की है।
शासन की अवैध कार्रवाई को बनाया मुख्य आधार
जीपी सिंह के अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने करीब 2 सौ 50 पेज की याचिका दायर की है। इसमें मुख्य रूप से बताया गया है कि किसी भी राजपत्रित व सिविल सेवा के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनयम के तहत कार्रवाई करने के पूर्व जरूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है। धारा 17(क) के तहत सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति लेना जरूरी है। लेकिन, जीपी सिंह के खिलाफ की गई कार्रवाई में न तो सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति ली गई है और न ही केंद्रीय कार्मित विभाग से अनुमति ली है। यही वजह है कि शासन की यह पूरी कार्रवाई दूषित व गैरकानूनी है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न आदेशों का भी हवाला दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत
दरअसल, सस्पेंड IPS जीपी सिंह ने हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन, उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को हाईकोर्ट स्थानांतरित कर दिया था। इस बीच जीपी सिंह के अधिवक्ता ने याचिका को वापस ले लिया। यही वजह है कि इस बार उनकी तरफ से दोबारा धारा 482 के तहत याचिका दायर कर आपराधिक प्रकरण को चुनौती देते हुए निरस्त करने की मांग की गई है।
पहले स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की थी मांग

जीपी सिंह के अधिवक्ता ने पूर्व में आपराधिक प्रकरण को रिट याचिका के तहत चुनौती दी थी। इसमें उन्होंने राज्य शासन की कार्रवाई को अवैध व षडयंत्र बताते हुए किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच की मांग की थी। तब उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण को निरस्त करने या फिर स्टे लगाने के संबंध में भी आग्रह नहीं किया था।

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