Tuesday, October 1, 2024




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BCC NEWS 24: CG BIG न्यूज़- कोयले पर तकरार… छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कांग्रेस सरकारें आमने-सामने, सोनिया गांधी से दखल देने की मांग

रायपुर, 20 दिसंबर 2021। छत्तीसगढ़ शासन की जैव विविधता संबंधी चिंताओं, आदिवासी हितों के संरक्षण की प्रतिबद्धताओं और राजस्थान सरकार के आसन्न बिजली संकट को लेकर कांग्रेस शासित दोनों राज्यों की सरकारों के बीच कश्मकश की स्थिति निर्मित हो गई है। राजस्थान सरकार ने छत्तीसगढ़ स्थित कोल ब्लाकों को शीघ्र मजूरी दिलवाने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गांधी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वहां स्थित परसा कोल ब्लाक के खनन के लिए मंजूरी में देरी किए जाने से राजस्थान में बिजली की समस्या पैदा हो रही है। इससे राजस्थान की 4 हजार 340 मेगावट उत्पदन क्षमता प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा है कि यदि बाहर से कोयला मंगाने की नौबत आती है तो इससे राज्य में विद्युत की दरें प्रभावित होंगी।

इसी महीने की शुरुआत में राजस्थान को ईंधन की कमी के कारण अपने बिजली स्टेशनों के ठप हो जाने से ब्लैक आउट का सामना करना पड़ा था। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने श्री गांधी का दरवाजा खटखटाया है।

राजस्थान सरकार का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार दो कोल ब्लॉक शुरु करने और दो अन्य खदानों में उत्पादन बढ़ानी की उसकी योजना को रोक रही है। इस संबंध में राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से भी हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। राजस्थान के कोल ब्लॉक छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में परसा, परसा पूर्व, कांता बसन और कांटे एक्सटेंशन में हैं। इनमें से तीन ब्लॉक 2015 में राजस्थान को 4,340 मेगावाट उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए आवंटित किए गए थे। राजस्थान का कहना है कि छत्तीसगढ़ में आवंटित कोल ब्लॉक में अब तक हुए खनन से कोयला खत्म होने के कगार पर परसा कोल ब्लॉक से खनन की मंजूरी केंद्रीय कोयला और वन मंत्रालय ने तो दी है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने मामले को लटका दिया है।

परसा कोल ब्लाक राजस्थान राज्य विद्युत निगम को आबंटित की गई थी, जिसके संचालन के लिए राजस्थान सरकार ने अडानी कंपनी के साथ अनुबंध किया है। केंद्र सरकार द्वारा परसा कोल ब्लाक में खनन के अगले चरण के लिए हरी झंडी मिलने के बाद से छत्तीसगढ़ के स्थानीय आदिवासियों तथा पर्यावरण विशोषज्ञों द्वारा चिंताएं व्यक्त की जा रही थीं। हाल ही में हसदेव क्षेत्र के आदिवासियों ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तक पदयात्रा कर राज्यपाल को केंद्र के नाम ज्ञापन सौंपकर खनन की अनुमति दिए जाने का विरोध किया था। तब छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासियों को आश्वस्त किया था कि राज्य सरकार द्वारा उनके हितों की रक्षा की जाएगी।

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