Sunday, May 19, 2024
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BCC News 24: BIG न्यूज़- छत्तीसगढ़ में LIC में बड़ा फर्जीवाड़ा.. उपभोक्ताओं को लगा लाखों का चूना; प्रीमियम राशि ले कर जारी की गई फर्जी रसीदें, करोड़ों की पॉलिसी लैप्स होने के कगार पर, जांच का दायरा बढ़ा तो बड़ा खेल आएगा सामने.. सवालों के घेरे में ब्रांच मैनेजर, FIR दर्ज

रायपुर: देश की सबसे भरोसेमंद बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है। महासमुंद के एक प्रीमियम पॉइंट में अप्रैल 2020 से लेकर दिसंबर 2021 तक (20 महीने) सैकड़ों उपभोक्ताओं से बतौर प्रीमियम लाखों रुपए लेकर फर्जी रसीदें जारी की गईं। इसका पता चलते ही आनन-फानन में प्रीमियम पॉइंट बंद कर दिया गया।

यह प्रीमियम पॉइंट एलआईसी के जिले के विकास अधिकारी धमेंद्र महोबिया के नाम पर है, जिन्होंने प्रीमियम पॉइंट पर एलआईसी के एजेंट उमेश निर्मलकर को बैठा रखा था। इस फर्जीवाड़े के सामने आने और बढ़ते दबाव के बाद धमेंद्र ने उमेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है, तब से उमेश फरार है।

50 फर्जी रसीद के साथ शिकायत की गई है, जिसमें फिलहाल साढ़े सात लाख रुपए के फर्जीवाड़े का जिक्र है। जांच का दायरा बढ़ते ही यह राशि करोड़ों में पहुंच सकती है।

अब तक 50 फर्जी रसीदें मिलीं: इनमें पांच लाख से एक करोड़ रुपए तक की पॉलिसी

ऐसे जारी होती थीं फर्जी रसीदें
एफआईआर में दर्ज बयानों और भास्कर पड़ताल में सामने आया कि डीओ धर्मेंद्र महोबिया ने प्रीमियम पाइंट उमेश के भरोसे छोड़ रखा था। एजेंट और उपभोक्ता यहां पहुंचते तो उमेश उनसे पैसा ले लेता। कभी सर्वर डाउन और कभी अन्य कारणों से कहता कि रसीद बाद में ले लेना। बाद में जो रसीद देता, वह फर्जी होती। दरअसल, फोटोशॉप की मदद से रसीद में रजिस्ट्रेशन नंबर, डेट, नेक्स्ट प्रीमियम डेट को चेंज कर देता था।

बड़े फर्जीवाड़ा की आशंका
थाने में 50 फर्जी रसीदें एफआईआर के साथ जमा करवाई गईं। सैकड़ों रसीदें फाड़ दी गईं और जो उपभोक्ता-एजेंट आ रहे हैं उनसे सेटलमेंट किया जा रहा है। सिर्फ 50 रसीदों की ही बात की जाए तो एक-एक पॉलिसी 5 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ तक की है। प्रथम दृष्टया करोड़ों के फर्जीवाड़े की आशंका है।

ऐसे फूटा पूरा मामला
पड़ताल में सामने आया कि दिसंबर 2021 में डीओ महोबिया ने अपना प्रीमियम पाइंट बंद कर दिया। जब उपभोक्ता यहां पहुंचे तो उन्हें ताला लटका दिखा। इसके बाद वे एलआईसी कार्यालय पहुंचे, तो पता चला कि प्रीमियम पाइंट से फर्जी रसीदें जारी हो रही थी। इन्होंने जमकर हंगामा किया।

अब आगे क्या…
इस पूरे मामले में कोतवाली थाना पुलिस जांच कर रही है। जांच अधिकारी एसआई योगेश सोनी का कहना है कि भले ही शिकायत 7.59 लाख रुपए की हुई हो, मगर यह मामला अधिक का है। महोबिया भले ही प्रार्थी हों, लेकिन वे भी जांच के दायरे में हैं क्योंकि प्रीमियम पाइंट उनके नाम पर है।

उधर, जैसे-जैसे उपभोक्ता सामने आएंगे, पुलिस की जांच का दायरा बढ़ता जाएगा। ठगी की राशि बढ़ती जाएगी। साथ ही एलआईसी की जांच में यह खुलासा होगा कि कितने करोड़ की पॉलिसी लैप्स हो गई और फर्जीवाड़ा कितने करोड़ का है।

जरूरी है सचेत रहना

खुलासे ने साबित किया कि आपकी एलआईसी पॉलिसी सुरक्षित नहीं है। अगर, संदेह है तो तत्काल पॉलिसी की जांच करवाएं। इसके लिए 3 विकल्प हैं…

  • पहला: कॉल सेंटर नंबर- 02268276827 से पुष्टि करें।
  • दूसरा: रसीद लेकर एलआईसी कार्यालय में जाएं व जानकारी लें।
  • तीसरा: एलआईसी की वेबसाइट में कस्टमर पोर्टल में जाएं और पॉलिसी नंबर के आधार पर रजिस्ट्रेशन कर पूरी जानकारी ले सकते हैं।

मामले की जांच करवाएंगे
पंसारी द्वारा मौखिक रूप से 4-5 रसीदों के फर्जी होने की जानकारी दी गई थी, इससे ज्यादा कोई सूचना नहीं है। एलआईसी महोबिया को ही जानती है। गड़बड़ी हुई है तो वही जिम्मेदार हैं। जांच होगी। -शंभू सरकार, विपणण प्रबंधक, रायपुर मुख्यालय

सवालों के घेरे में ये दो अधिकारी
नंबर :1
धमेंद्र महोबिया, विकास अधिकारी, एलआईसी, महासमुंद
ये एलआईसी में क्लास-2 अधिकारी हैं। 30 साल से सेवारत हैं। इनके प्रीमियम पॉइंट में 103 एजेंट जुड़े हुए हैं। हर दिन 400 से अधिक पाॅलिसी की प्रीमियम जमा होती थी। एक प्रीमियम पर 10 रुपए कमीशन तय है। इन्होंने बातचीत में दावा किया कि वे महासमुंद के सबसे ज्यादा आयकर जमा करने वाले शख्स हैं।

क्या बोले- उमेश अप्रैल 2020 से फर्जीवाड़ा कर रहा था, मैंने उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई है। पूरे घटनाक्रम के बारे में ब्रांच मैनेजर पंसारी को जानकारी दी है। उमेश मुझे धमकी दे रहा है।

नंबर :2
वासुदेव पंसारी, एलआईसी ब्रांच मैनेजर, महासमुंद
ये महासमुंद में एलआईसी के सबसे बड़े अधिकारी हैं। सभी प्रीमियम पॉइंट इनके अधीन है। इसके बावजूद ये खुद को इस फर्जीवाड़े से अंजान बता रहे हैं, वह भी तब जबकि पूरे का पूरा मामला थाना पहुंच चुका है। पूरे महासमुंद में फर्जीवाड़े की चर्चा है। महोबिया इनसे रोज मिलते हैं। और इनके साथ ही केबिन में बैठते हैं।
क्या बोले- महोबिया ने इस घटना की कोई जानकारी नहीं दी है। जो जानकारी है वो आप लोगों के माध्यम से ही मिल रही है। मंडल कार्यालय की ओर से मेरे पास घटना के संबंध में जो भी निर्देश आएंगे, कार्रवाई करेंगे।

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