Friday, April 19, 2024
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Big News: 400 फीट गहरे बोरवेल में फंसे बच्चे की मौत.. रेस्क्यू टीम ने 84 घंटे बाद बाहर निकाला शव, 39 फीट की गहराई में फंसा था; पसली में थी चोट, चेस्ट कंजेशन भी

Madhya Pradesh: बैतूल (Betul) में बोरवेल (borewell) में फंसे 6 साल के बच्चे की मौत हो गई। 84 घंटे बाद बच्चे का शव बाहर निकाला गया। पोस्टमॉर्टम के बाद बैतूल जिला अस्पताल से परिजन तन्मय के शव को लेकर गांव पहुंचे। घर से 15 मिनट बाद अंतिम यात्रा निकली, जिसमें पूरा गांव शरीक हुआ। ताप्ती घाट पर तन्मय को अंतिम विदाई दी। चाचा राजेश साहू ने मुखाग्नि दी।

रेस्क्यू टीम शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात 3 बजे बच्चे के करीब पहुंच गई थी। सुबह 5 बजे तक शव को बाहर निकाला जा सका। 7 बजे बैतूल के जिला अस्पताल में शव को लाया गया। बोर में पानी की वजह से शव गल गया था। 5 डॉक्टरों की टीम ने शव का पीएम किया।

बच्चे की पसली में थी चोट, चेस्ट कंजेशन भी

ADM श्यामेंद जायसवाल ने बताया कि तन्मय के शरीर को जब निकाला गया, तो वो डीकम्पोज की स्थिति में था। पीएम रिपोर्ट में जो जानकारी मिली है, उसमें चेस्ट कंजेशन (सीने में जकड़न) और पसलियों में चोट सामने आई है। तहसीलदार गांव में परिजन के पास पहुंच चुके हैं। अंतयेष्टि के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि बोर 400 फीट गहरा है। बच्चा करीब 39 फीट की गहराई में फंसा था। रेस्क्यू टीम ने बोर के समानांतर 44 फीट गहरा गड्‌ढा खोदा। इसके बाद 9 फीट की हॉरिजेंटल सुरंग खोदी गई थी।

पीएम के बाद परिजन बच्चे का शव लेकर मांडवी गांव के लिए रवाना हुए। प्रशासन की ओर से भी अधिकारी मांडवी पहुंचे हैं।

पीएम के बाद परिजन बच्चे का शव लेकर मांडवी गांव के लिए रवाना हुए। प्रशासन की ओर से भी अधिकारी मांडवी पहुंचे हैं।

CM ने तन्मय के परिवार को दी 4 लाख रुपए की आर्थिक मदद
बैतूल के मांडवी में बोर में गिरे 7 साल के बच्चे तन्मय के परिजनों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। शनिवार को तन्मय के परिजनों को चेक सौंपा गया है। इसके अलावा तन्मय की अंत्येष्टि के लिए जिला प्रशासन की ओर से 15 हजार और संबल योजना के तहत 5 हजार रुपए की सहायता राशि भी परिजनों को प्रदान कर दी गई है।

बच्चे के शव को सुबह 7 बजे बैतूल जिला अस्पताल पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया। 5 डॉक्टरों के पैनल ने शव का परीक्षण किया।

बच्चे के शव को सुबह 7 बजे बैतूल जिला अस्पताल पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया। 5 डॉक्टरों के पैनल ने शव का परीक्षण किया।

शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बैतूल में रेस्क्यू स्थल का जायजा लिया। उन्होंने बोरवेल में गिरे बच्चे के माता-पिता से भी बात की थी।

शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बैतूल में रेस्क्यू स्थल का जायजा लिया। उन्होंने बोरवेल में गिरे बच्चे के माता-पिता से भी बात की थी।

बोरवेल के समानांतर गड्‌ढा खोदा गया। इसके बाद 9 फीट की हॉरिजॉन्टल सुरंग खोदी गई थी।

बोरवेल के समानांतर गड्‌ढा खोदा गया। इसके बाद 9 फीट की हॉरिजॉन्टल सुरंग खोदी गई थी।

रेस्क्यू में NDRF और DSRF के 61 जवान लगे थे
रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे होमगार्ड कमांडेंट एसआर आजमी ने बताया कि बोरवेल में तन्मय 39 फीट पर फंसा हुआ था। बच्चे की नॉर्मल हाइट तीन से चार फीट मानकर हमने 44 फीट तक गड्‌ढा खोदा है। टनल बनाने में NDRF और DSRF के 61 जवान लगे थे।

बोरवेल के समानांतर 44 फीट गहरा गड्‌ढा खोदा गया। इसके बाद यहां से टनल बनाई गई।

बोरवेल के समानांतर 44 फीट गहरा गड्‌ढा खोदा गया। इसके बाद यहां से टनल बनाई गई।

चार गांव के लोग मदद में जुटे थे
घटनास्थल मांडवी गांव के साथ-साथ आसपास के 4 गांव के लोगों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए। रेस्क्यू में जुटे 200 से अधिक लोगों के लिए निःशुल्क भोजन से लेकर सभी प्रकार की व्यवस्था ग्रामीणों ने की। उनकी एक ही मंशा थी कि तन्मय को हंसता-खेलता देखें।

6 साल का तन्मय दूसरी क्लास में पढ़ता था। वह खेलते-खेलते बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। शुरुआत में तन्मय को रात में रस्सी से खींचा गया, लेकिन वो वापस गिर गया।

6 साल का तन्मय दूसरी क्लास में पढ़ता था। वह खेलते-खेलते बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। शुरुआत में तन्मय को रात में रस्सी से खींचा गया, लेकिन वो वापस गिर गया।

बोरवेल के अंदर से आई थी बच्चे की आवाज
हादसा मंगलवार शाम बैतूल जिले के आठनेर के मांडवी गांव में करीब 5 बजे हुआ। 6 साल का तन्मय दूसरे बच्चों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान वह पड़ोसी के बोरवेल में गिर गया। आवाज लगाने पर बोरवेल के भीतर से बच्चे की आवाज आई। इस पर परिवार वालों ने तत्काल बैतूल और आठनेर पुलिस को सूचना दी।

तन्मय की 11 साल की बहन निधि साहू ने बताया, हम छुपन-छिपाई खेल रहे थे। भाई को कहा कि चलो अब घर चलते हैं। वो कूदकर आया। बोर के ऊपर बोरी थी। वो बोरी को पकड़कर रखा था, मैं जब तक पहुंची तो भाई नीचे चला गया। मां रितु साहू का कहना है कि वह 5 बजे के करीब गिरा। उसने आवाज भी दी। तब उसकी तेज सांस चल रही थी।

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