Friday, March 29, 2024
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BIG News: तिहाड़ में मनेगी मनीष सिसोदिया की होली… कोर्ट ने 20 मार्च तक जेल भेजा… शराब नीति केस में CBI ने कस्टडी नहीं मांगी, कहा- 15 दिन बाद जरूरत पड़ सकती है

नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति केस में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया को दिल्ली की ​​​राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सिसोदिया को तिहाड़ जेल में रखा जाएगा। सोमवार को हुई सुनवाई में स्पेशल CBI जज एमके नागपाल ने सिसोदिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा।

CBI के वकील ने कहा कि सिसोदिया की और रिमांड नहीं मांगी जा रही है, लेकिन अगले 15 दिनों में जरूरत पड़ने पर दोबारा कस्टडी मांगी जा सकती है।

कोर्ट ने दिए ये निर्देश…

  • जेल सुपरिटेंडेंट आरोपी को मेडिटेशन सेल में रखने की अपील पर ध्यान दें।
  • सिसोदिया को जेल में अपने पास डायरी, पेन, भगवत गीता और चश्मा रखने दिया जाए।
  • पूर्व डिप्टी CM को उनकी MLC में लिखी गईं दवाएं लेने की भी अनुमति है।
  • मनीष सिसोदिया अब 20 मार्च को दोपहर 2 बजे कोर्ट में पेश किए जाएंगे।

पहले दो दिन के लिए बढ़ाई गई थी CBI रिमांड
4 मार्च को कोर्ट ने सिसोदिया की CBI रिमांड दो दिन 6 मार्च तक के लिए बढ़ा दी थी, जो सोमवार को खत्म हो गई। हालांकि, CBI ने कोर्ट से तीन दिन के लिए उनकी कस्टडी मांगी थी। सिसोदिया की जमानत याचिका पर कोर्ट 10 मार्च को दोपहर 2 बजे फैसला सुनाएगा।

CBI ने उन्हें 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। 27 फरवरी को उनकी कोर्ट में पेशी हुई थी, यहां से सिसोदिया को 5 दिन की CBI रिमांड पर भेजा गया था।

4 मार्च को कोर्ट ने सिसोदिया को 2 दिन की कस्टडी में भेजा था, जो आज को पूरी हो गई।

4 मार्च को कोर्ट ने सिसोदिया को 2 दिन की कस्टडी में भेजा था, जो आज को पूरी हो गई।

​​CBI ने मांगी 3 दिन की रिमांड, कोर्ट ने पूछा- अब क्या बाकी रह गया?
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने CBI के रिमांड मांगने पर सवाल किया था कि अब क्या बाकी रह गया है। इस पर CBI के वकील ने कहा था कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अभी उनसे कई सवालों के जवाब लेने हैं। कुछ गवाहों से उनका आमना-सामना कराना है।

अपनी सफाई में सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि अधिकारी मुझसे एक ही सवाल बार-बार पूछते हैं। इससे मुझे मानसिक प्रताड़ना महसूस हो रही है। मेरी कोर्ट से अपील है कि मुझे इससे बचाया जाए।

सिसोदिया की दलील- पूछताछ में पूरा सहयोग किया
3 मार्च को सिसोदिया ने निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में उन्होंने लिखा कि CBI की पूछताछ में उन्होंने सहयोग किया है। जब भी उन्हें बुलाया गया, वे आए हैं। उन्होंने दलील दी कि उन्हें कस्टडी में रखने के पीछे अब कोई वाजिब कारण नहीं है, क्योंकि सारी रिकवरी तो CBI कर चुकी है।

शनिवार को कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 6 मार्च तक CBI की कस्टडी में भेज दिया था।

शनिवार को कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 6 मार्च तक CBI की कस्टडी में भेज दिया था।

केजरीवाल बोले – BJP नेता के बेटे से 8 करोड़ रुपए मिले, पकड़ा सिसोदिया को
सिसोदिया की कस्टडी बढ़ाने पर 4 मार्च को दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कर्नाटक के दावणगेरे में निशाना साधा था। केजरीवाल ने कहा कि BJP के एक नेता का बेटा 8 करोड़ रुपए के साथ पकड़ा गया, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई। हो सकता है कि ‌BJP उसे अगले साल पद्म भूषण दे दे। 8 करोड़ रुपए उसके घर से मिले और गिरफ्तार मनीष सिसोदिया को किया। मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी के दौरान कुछ नहीं मिला था।

राउज एवन्यू कोर्ट में सिसोदिया की पेशी से पहले ही CBI ऑफिस के बाहर पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स और CRPF को तैनात कर दिया गया था।

राउज एवन्यू कोर्ट में सिसोदिया की पेशी से पहले ही CBI ऑफिस के बाहर पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स और CRPF को तैनात कर दिया गया था।

सिसोदिया को कोर्ट ले जाने के लिए CBI ऑफिस से गाड़ियों का बड़ा काफिला रवाना हुआ।

सिसोदिया को कोर्ट ले जाने के लिए CBI ऑफिस से गाड़ियों का बड़ा काफिला रवाना हुआ।

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया।

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया।

26 फरवरी को हुई थी सिसोदिया की गिरफ्तारी
CBI ने 26 फरवरी को सिसोदिया को 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। 27 फरवरी को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने CBI को सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी दी थी। 28 फरवरी की सुबह कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।

उन्होंने कोर्ट से मामले पर फौरन सुनवाई की अपील की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। हालांकि, 28 फरवरी को सुनवाई के दौरान CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आप पहले हाईकोर्ट जाइए। सीधे हमारे पास आने का क्या मतलब है। हम एक गलत परंपरा को बढ़ावा नहीं दे सकते।

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