अयोध्या: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला विराजेंगे। 15 जनवरी से मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस कार्यक्रम के लिए न्योता दिया जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक समारोह के अंतिम दिन यानी 22 जनवरी को पीएम मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर में रामलला को विराजमान किया जाएगा।
शनिवार (9 सितंबर) को राम मंदिर से जुड़ी भवन निर्माण समिति की दूसरे दिन की बैठक में इन सभी बातों पर चर्चा हुई। इसमें विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार, उपाध्यक्ष जीवेश्वर मिश्रा और राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी मौजूद रहे।
ये तस्वीर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की है।
मूर्तियों-मंदिर के ग्राउंड फ्लोर को फाइनल टच देने पर चर्चा
भवन निर्माण समिति की दूसरी बैठक LNT ऑफिस में भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई। इसमें रामसेवकपुरम में बन रही मूर्तियों और मंदिर के ग्राउंड फ्लोर को फाइनल टच देने पर चर्चा की गई। इसके अलावा मंदिर से जुड़े सभी निर्माण कार्यों को दिसंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए गए।
निर्माण से जुड़े अधिकारियों की ओर से बताया गया कि इस समय मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का फर्श बनाने का काम चल रहा है। यहां खंभों पर देव प्रतिमाओं को उकेरा जा रहा है। मंदिर के फर्स्ट फ्लोर में लगने वाले सभी 14 दरवाजे बनकर तैयार हो गए हैं।
ये तस्वीर राममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय भवन की है।
नक्काशी को फाइनल टच दिया जा रहा
यह काम हैदराबाद के कारीगर कर रहे हैं। जबकि दरवाजे की लकड़ी महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से खासतौर पर मंगाई गई है। खंभों पर नक्काशी को फाइनल टच दिया जा रहा है। बैठक में अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के अलावा राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र और अयोध्या के राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र सहित एलएंडटी के इंजीनियर मौजूद रहे।
निर्माण कार्यों में तेजी लाने की भी बात कही गई। इस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के आगमन के पहले की तैयारियों पर भी मंथन किया गया।
9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने रामजन्मभूमि पर फैसला सुनाया था। तब चीफ जस्टिस रहे रंजन गोगोई बेंच की अध्यक्षता कर रहे थे।
स्वामी रामभद्राचार्य के जन्म दिन 22 जनवरी को अमृत महोत्सव का आयोजन
तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य का जन्मदिन अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। ये कार्यक्रम 14 से 22 जनवरी तक चलेगा। इसके लिए पीएम मोदी को प्रमुख रूप से आमंत्रित किया गया है। रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास के मुताबिक, समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी निश्चित रूप से शामिल होंंगे। इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा समारोह और अमृत महोत्सव एक ही दिन 22 जनवरी 2024 को होने की बात कही जा रही है।
मार्च 2024 तक अयोध्या में 1 करोड़ भक्तों के आने की संभावना
विश्व हिंदू परिषद के प्रचार-प्रसार प्रमुख सुरेंद्र जैन ने बताया कि 15 जनवरी से लेकर मार्च 2024 तक एक करोड़ श्रद्धालु अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं। यह संख्या और बढ़ सकती है, जिसके 5 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
मंदिर निर्माण के फोटो:
मंदिर की दीवारों पर डिजाइन बनाने का काम अंतिम चरण में है। कारीगर मूर्तियों पर डिजाइन बना रहे हैं।
राम मंदिर जाने के लिए श्रीरामजन्मभूमि पथ इस तरह बनाया जा रहा है।
राम मंदिर के गर्भ गृह के ऊपरी हिस्से यानी पहले फ्लोर की ये तस्वीर है। इसमें 2 स्तंभों के बीच सूर्योदय दिखाई दे रहा है।
राम मंदिर के पहले तल का निर्माण तेजी से हो रहा है।
ये तस्वीर राम मंदिर गर्भगृह की है, यहां प्रभु श्रीराम विराजमान होंगे। इसमें दिख रहा है कि मंदिर के गर्भगृह में सभी स्तंभ खड़े किए जा चुके हैं।जिस स्थान पर ध्वज लहरा रहा है, उसी स्थान पर रामलला विराजमान होंगे।
यह तस्वीर राम मंदिर के गर्भगृह निर्माण के सामने की है। इसमें प्रथम तल का निर्माण आकार लेते हुए दिख रहा है। भगवान राम लला के मंदिर का गर्भगृह अष्ट कोणीय होगा।
राम मंदिर में इस प्रकार की ईंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। ईंटों पर श्रीराम 2023 लिखा हुआ है।
तस्वीर में राम मंदिर के स्तंभ आकार लेते दिखाई दे रहे हैं। दीवारें मकराना के सफेद संगमरमर से बनाई जा रही हैं।
छत के करीब 200 बीम की नक्काशी का काम पूरा हो चुका है। बीम की तराशी रामसेवक पुरम और रामघाट स्थित कार्यशाला में हो रही है।
रामलला के दर्शन करने के लिए 32 सीढ़ियां बननी हैं, जिसमें से 24 सीढ़ियां बन गई हैं। अब राम मंदिर का भव्य स्वरूप दूर से ही दिखाई देने लगा है।
भूतल निर्माण में गर्भगृह पर 20 फीट ऊंची दीवार और 166 पिलर खड़े कर दिए गए हैं।