Tuesday, July 1, 2025

BIG News: शाहरुख की सुरक्षा में चूक, 2 लोग मन्नत में घुसे… दीवार फांदकर बंगले की तीसरी मंजिल तक पहुंच गए थे, सुरक्षा गार्ड ने पकड़ा

मुंबई: शाहरुख खान के बंगले ‘मन्नत’ की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया। गुरुवार देर रात दो युवक दीवार फांदकर बंगले के तीसरी मंजिल तक पहुंच गए। हालांकि, सिक्योरिटी गार्ड्स ने इन्हें पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।

दोनों लड़कों की उम्र 21 से 25 साल बताई जा रही है। दोनों गुजरात के हैं। पुलिस ने दोनों के खिलाफ IPC की धारा 452/34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

घटना के वक्त शाहरुख खान बाहर थे।

घटना के वक्त शाहरुख खान बाहर थे।

शाहरुख घर पर नहीं थे, सबसे पहले गार्ड ने देखा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना के वक्त शाहरुख खान घर पर नहीं थे। दोनों लड़के बंगले की तीसरी मंजिल तक पहुंच गए थे। सबसे पहले सिक्युरिटी गार्ड ने देखा। ये घटना रात 9.30 बजे की है। पुलिस की पूछताछ में बताया कि दोनों सूरत के रहने वाले हैं और शाहरुख से मिलने के लिए मुंबई पहुंचे थे। दोनों के आपराधिक रिकॉर्ड का पता लगाया जा रहा है।

शाहरुख ने 2001 में खरीदा था मन्नत
व्हाइट मार्बल से बने इस बंगले ‘मन्नत’ को शाहरुख ने 2001 में बाई खोरशेद भानू संजना ट्रस्ट से लीज पर 13.32 करोड़ रुपए में खरीदा था। चार साल तक चले इसके रिनोवेशन के बाद इसे मन्नत नाम दिया गया। मुंबई स्थित फकीह एंड एसोसिएट्स ने 6,000 वर्ग फीट के इस बंगले को संवारा है। शाहरुख-गौरी के इस बंगले का ढांचा 20वीं सदी के ग्रेड-3 हेरिटेज का है, जो चारों तरफ खुलता है। आसमान की ओर, पीछे की ओर और किनारे की ओर।
6 मंजिला मन्नत में शाहरुख खान का परिवार महज 2 मंजिलों में ही रहता है। बाकी की मंजिलों को ऑफिस, प्राइवेट बार, प्राइवेट थिएटर, स्विमिंग पूल, गेस्ट रूम, जिम, लाइब्रेरी, प्ले एरिया और पार्किंग जैसी अन्य सुविधाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

6 मंजिला मन्नत में शाहरुख खान का परिवार महज 2 मंजिलों में ही रहता है। पूरी तरह व्हाइट मार्बल से बने इस बंगले को शाहरुख ने 2001 में खरीदा था।

6 मंजिला मन्नत में शाहरुख खान का परिवार महज 2 मंजिलों में ही रहता है। पूरी तरह व्हाइट मार्बल से बने इस बंगले को शाहरुख ने 2001 में खरीदा था।

गौरी खान ने किया इंटीरियर डिजाइन
इंटीरियर के साथ स्टाइलिंग का काम खुद गौरी ने किया है। वे बताती हैं कि इसके लिए उन्हें चार साल से भी अधिक का समय लगा। वे ट्रैवलिंग करतीं, एक-एक चीज़ खुद अपनी पसंद से खरीदतीं और घर के हर कोने को पूरी शिद्दत से सजातीं, ताकि सब परफेक्ट लगे। इसके बाद ही गौरी ने इंटीरियर डिजाइनर के तौर पर काम शुरू किया।


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