Bilaspur: बिलासपुर में आयोजित समर कैंप में भारी अव्यवस्था के बीच स्कूली बच्चे रात बिताने के लिए मजबूर हैं। यहां रात में सांप से बच्चों को खतरा है। वहीं, भीषण गर्मी में घटिया और भरपेट भोजन नहीं मिलने से बच्चों की सेहत पर असर पड़ सकता है। रात में मच्छरों के काटने से परेशान बच्चों की नींद भी पूरी नहीं हो पा रही है। दैनिक भास्कर ने समर कैंप की रियलिटी चेक की, देखिए रिपोर्ट….
दरअसल, खेल और युवा कल्याण विभाग की ओर से बहतराई स्थित स्टेडियम में जिला स्तरीय समर कैंप का आयोजन किया गया है। भीषण गर्मी के बीच 21 मई से 10 जून तक चलने वाले इस कैंप में जिले के मस्तूरी, बिल्हा, तखतपुर, कोटा सहित सभी ब्लॉक के तकरीबन 160 स्कूली बच्चे शामिल हो रहे हैं।
बच्चों को रूचि के अनुसार दी जा रही ट्रेनिंग
इस दौरान बच्चों को उनके रूचि के अनुसार खेलकूद, चित्रकला, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, गीत-संगीत सहित अन्य गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जा रही है। कैंप में बच्चों के रात में रूकने और खाने की भी व्यवस्था की गई है। इसके लिए परिसर में बने कमरों में ही बच्चों को ठहराया गया है।
समर कैंप में अव्यवस्था से परेशान हो रहे दूर दराज से आए स्कूली बच्चे।
कैंप में निकला सांप, रात में बच्चों को खतरा
बहतराई स्थित खेल परिसर के आसपास झाड़ियां है, जहां सांप भी निकलते हैं। कैंप के पहले ही दिन रूम में सांप पहुंच गया था, जिसे बच्चों ने किसी तरह बाहर निकाला, जिसके बाद उन्होंने राहत की सांस ली। बच्चों ने बताया कि यहां सोते समय सांप निकलने का डर रहता है।
रात में मच्छरों का डेरा, बच्चों की नींद हराम
रात में बच्चों के लिए यहां गद्दा और चादर का इंतजाम किया गया है। छात्र विशाल कुमार भानू ने बताया कि रात में सोते समय बहुत मच्छर काटते हैं, जिससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। रात में नींद आने के बाद भी मच्छर काटते रहते हैं। जब सुबह नींद खुलती है तब मच्छर के काटने से शरीर में फफोले दिखते हैं।
न तो भर पेट भोजन मिल रहा और न ही नाश्ता।
भर पेट भोजन और नाश्ता भी नहीं
छात्र हिमांचल गंधर्व ने बताया कि कैंप में जिला प्रशासन की तरफ से रहने खाने और रात में ठहरने का इंतजाम किया गया है। भोजन में रोटी, चावल, दाल, सब्जियां दी जाती है। इसके साथ ही सुबह नाश्ता भी मिलता है। लेकिन, भोजन और नाश्ता भर पेट नहीं मिलता। कई बच्चों को कभी नाश्ता नहीं मिलता तो किसी को रात में भोजन नहीं मिल पाता।
निरीक्षण में पहुंचे कलेक्टर को भी बताई समस्या
छात्र ओमप्रकाश कौशिक ने बताया कि समर कैंप में निरीक्षण करने के लिए कलेक्टर अवनीश शरण आए थे। इस दौरान उन्होंने बच्चों से हाल-चाल जाना और व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली। तब बच्चों ने कहा कि ओढ़ने के लिए चादर, तकिया, निरमा, ब्रश और मच्छर की समस्या बताई।
इस दौरान कलेक्टर ने उन्हें सभी जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। हालांकि, उनके निर्देश के बाद भी कमियों को दूर नहीं किया गया है।
कलेक्टर अवनीश शरण को बच्चों ने बताई समस्या।
भीषण गर्मी में टीचर भी हैं परेशान, कहा- खामियां बहुत है पर बता नहीं सकते
दैनिक भास्कर की टीम ने समर कैंप में शामिल होने वाले टीचर्स से भी बातचीत की। उन्हें ब्लॉकवार बच्चों की देखरेख और प्रशिक्षण देने के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में बच्चों को बहुत परेशानी हो रही है।
न तो ठीक से भोजन की व्यवस्था की गई है और न ही उनके लिए रहने का इंतजाम किया गया है। दिन में बच्चे गर्मी से परेशान रहते हैं तो रात में मच्छर काटने से नींद पूरी नहीं हो पाती।
प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख रुपए खर्च
शिक्षकों ने बताया कि राज्य शासन और जिला प्रशासन की तरफ से समर कैंप के लिए पर्याप्त बजट दिया गया है। बच्चों को प्रशिक्षण से लेकर भोजन और ठहरने के लिए प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख रुपए खर्च करने की बात कही जा रही है। लेकिन, जिस तरह से कैंप में व्यवस्था की गई है। इससे कैंप के नाम पर पैसे हजम करने की बात कही जा रही है।
सरकार ने दिया बजट फिर भी अफसरों की चल रही मनमानी।
कैंप में नहीं है किसी तरह की अव्यवस्था
अनुशासन प्रभारी और लाला लाजपत राय स्कूल के प्राचार्य भूपेंद्र शर्मा ने कहा कि समर कैंप में बच्चों के लिए ऑरकेस्ट्रा पार्टी, सांस्कृतिक संध्या सहित शैक्षणिक भ्रमण कराया जा रहा है। शिविर में शामिल बच्चों को चाय-नाश्ता, भोजन और कपड़ों का इंतजाम किया गया है।
कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त ने बच्चों के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराने सख्त निर्देश दिए हैं। भरपेट भोजन और नाश्ता नहीं मिलने की बात गलत है। बच्चों के कलेक्टर से शिकायत करने की जानकारी मुझे नहीं है।
(Bureau Chief, Korba)