नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (MCD) के 12 वार्डों पर उपचुनावों के नतीजे आ गए हैं। भाजपा ने 7, आम आदमी पार्टी ने 3 और कांग्रेस-ऑल इंडिया फॉर्वर्ड ब्लॉक पर जीत हासिल की है। इससे पहले 12 वार्डों में से 9 भाजपा और 3 आप के पास थे।
दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद हुए इस पहले चुनाव में पार्टी को 2 सीटों का नुकसान हुआ है। वहीं, कांग्रेस अपना खाता खोलने में कामयाब रही है। बीजेपी ने जिन वार्डों में जीत दर्ज की उनमें द्वारका-बी, अशोक विहार, ग्रेटर कैलाश, दिचाऊं कलां, शालीमार बाग-बी, विनोद नगर और चांदनी चौक शामिल हैं।
आप ने नरैना, मुण्डका, डाक्षिणपुरी और एक अन्य सीट जीती। कांग्रेस के सुरेश चौधरी ने संगम विहार-A से 3628 वोटों की बढ़त से जीत हासिल की। यह कांग्रेस की एकमात्र जीत रही। चांदनी महल से AIFB के मोहम्मद इमरान जीते।
इन 12 वार्डों में मतदान 30 नवंबर को हुआ था। इस बार मतदान प्रतिशत 38.51% रहा, जो 2022 में 250 वार्डों पर हुए चुनावों के 50.47% टर्नआउट से काफी कम है।
भाजपा की 2 सीटों पर AAP का कब्जा
इस उपचुनावों में भाजपा ने जिन 2 सीटों को खोया है, वो दोनों सीट AAP को मिली है। हालांकि AAP को भी अपनी 2 पुरानी सीटों पर हार मिली, इस वजह से उसके पास पहले की तरह 3 ही सीटें रही।
30 नवंबर को वोटिंग हुई थी
दिल्ली नगर निगम (MCD) के 12 वार्डों पर उपचुनाव के लिए 30 नवंबर को सुबह 7:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक वोटिंग हुई थी। इस चुनाव में 51 उम्मीदवार मैदान में थे। इस बार मतदान प्रतिशत 38.51% रहा।
इन 12 सीटों से 11 सीटें पार्षदों के विधायक बनने के बाद खाली हुई थीं। जबकि द्वारका बी सीट 2024 में खाली हुई थी, जब यहां की पूर्व पार्षद कमलजीत सहरावत ने पश्चिमी दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव जीता था।
आप की सीट फिर 100 के पार पहुंची
रिजल्ट आने के बाद अब दिल्ली MCD में भाजपा के 123, आप के 102, कांग्रेस के 9 और 16 अन्य हो गए हैं।
26 महिला उम्मीदवार मैदान में थे
इस उपचुनाव में कुल 51 उम्मीदवार मैदान में थे। कांग्रेस, भाजपा और आप तीनों ने सभी 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। बाकी 15 उम्मीदवार अन्य दल या निर्दलीय थे। कुल उम्मीदवारों में 50 प्रतिशत से ज्यादा यानी 26 महिला उम्मीदवार थीं।
इसी साल फरवरी में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत हासिल हुई थी। भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर 26 साल बाद सत्ता में वापसी की। आम आदमी पार्टी (AAP) को 40 सीटों का नुकसान हुआ और वह 22 सीटों पर सिमट गई।
इस बार भाजपा ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा, 48 सीटें जीतीं। यानी 71% स्ट्राइक रेट के साथ उसकी 40 सीटें बढ़ीं। वहीं AAP स्ट्राइक रेट 31% रहा और उसे 40 सीटों का नुकसान हुआ।
भाजपा+ को AAP से 3.6% ज्यादा वोट मिले, जबकि उसे AAP के मुकाबले 26 सीटें ज्यादा मिलीं। इधर कांग्रेस को दिल्ली में लगातार तीसरे विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली।
पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले भाजपा का वोट शेयर 9% से ज्यादा बढ़ा। AAP को करीब 10% का नुकसान हुआ। कांग्रेस को भले ही एक भी सीट नहीं मिली, लेकिन वोट शेयर 2% बढ़ाने में कामयाब रही।

(Bureau Chief, Korba)




