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भाजपा ने राजा देवेंद्र प्रताप सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है।
रायपुर: भाजपा ने छत्तीसगढ़ से राजा देवेंद्र प्रताप सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही 56 राज्यसभा सीटों के लिए भी उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय का कार्यकाल अप्रैल में खत्म होने वाला है।
चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ के साथ ही 15 राज्यों के लिए चुनाव 27 फरवरी को होगा। इसके लिए सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है।
![मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ राजा देवेंद्र प्रताप सिंह।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/02/11/whatsapp-image-2024-02-11-at-195546_1707662170.jpeg)
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ राजा देवेंद्र प्रताप सिंह।
27 फरवरी को ही आएंगे नतीजे
छत्तीसगढ़ की एक राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को वोटिंग होगी और इसी दिन नतीजे आएंगे। चुनाव के लिए आयोग 8 फरवरी को अधिसूचना जारी करेगा। नामांकन पत्रों की जांच की तारीख 16 फरवरी है। उम्मीदवार 20 फरवरी तक नाम वापस ले सकेंगे।
सरोज पांडेय पहली निर्वाचित राज्यसभा सांसद थीं
सरोज पांडेय छत्तीसगढ़ की पहली निर्वाचित राज्यसभा सांसद थीं। तब 49 विधायकों वाली भाजपा की प्रत्याशी सरोज पांडेय को 51 वोट मिले थे। राज्य के इतिहास में यह पहला मौका था, जब राज्यसभा के लिए मतदान किया गया। पिछली बार कांग्रेस ने लेखराम साहू को उतरा, लेकिन उनको पार्टी के ही पूरे वोट नहीं मिले थे।
![डिप्टी सीएम अरुण साव के साथ राजा देवेंद्र प्रताप सिंह।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/02/11/whatsapp-image-2024-02-11-at-195544_1707662230.jpeg)
डिप्टी सीएम अरुण साव के साथ राजा देवेंद्र प्रताप सिंह।
कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव ?
राज्यसभा सदस्यों के लिए चुनाव की प्रक्रिया अन्य चुनावों के काफी अलग है। राज्यसभा के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। यानी कि राज्यसभा सदस्यों का चुनाव सीधे जनता नहीं करती, बल्कि जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि राज्यसभा सदस्यों को चुनते हैं।
राज्यसभा चुनाव के लिए कौन करता है मतदान ?
राज्यसभा चुनाव के लिए राज्यों के विधायक मतदान करते हैं। इस चुनाव में सीधे जनता वोटिंग नहीं करती है। इस चुनाव में जिस पार्टी के पास विधायकों की संख्या अधिक होती है उस पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार की जीत तय होती है।
कैसे आवंटित होती हैं राज्यसभा सीटें ?
राज्यसभा सीटों का आवंटन राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय होता है। जिस राज्य में जितनी जनसंख्या है उस राज्य को उसी हिसाब से सीटें मिलती है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 31 राज्यसभा की सीटें हैं। राज्यसभा को संसद का उच्च सदन कहा जाता है।
![नितिन नबीन और गृहमंत्री विजय शर्मा के साथ राजा देवेंद्र प्रताप सिंह।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/02/11/whatsapp-image-2024-02-11-at-195545_1707662267.jpeg)
नितिन नबीन और गृहमंत्री विजय शर्मा के साथ राजा देवेंद्र प्रताप सिंह।
राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल
राज्यसभा एक स्थाई सदन है। यानी कि ये कभी भंग नहीं हो सकता है। इसके एक तिहाई सदस्य प्रत्येक दो वर्ष के बाद रिटायर होते हैं। राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल छह वर्ष का होता है। लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है और वह अस्थाई सदन है।
राज्यसभा सीटों की संख्या
देश में राज्यसभा सीटों की कुल संख्या 245 हैं। इनमें से 233 सीटों पर अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव होते हैं और 12 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं।
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(Bureau Chief, Korba)