छतरपुर जिला अस्पताल में शनिवार रात सफाईकर्मी धर्मदास मेहरोलिया (45 साल) ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उसने ड्यूटी खत्म होने के बाद तीसरी मंजिल पर स्थित ऑपरेशन थिएटर में फांसी लगा ली। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा दिया है। परिजन ने बताया कि धर्मदास कई दिनों से आर्थिक तंगी और बीमारी से परेशान चल रहा था। उसके जेब से कुछ दवाइयां भी मिली हैं। साथ ही उसने ऐप्रिन और स्टेथोस्कोप भी पहन रखा था।
पुलिस के मुताबिक, बेनीगंज मोहल्ला के रहने वाला धर्मदास मेहरोलिया छतरपुर जिला अस्पताल में अस्थाई कर्मचारी था। वह यहां सफाई का काम करता था। शनिवार को वह दोपहर में ड्यूटी पर आया और रात 8:30 तक काम किया। ड्यूटी खत्म होने पर वह तीसरी मंजिल पर बने ऑपरेशन थियेटर में गया। यहां खाली रूम में उसने पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। देर रात ड्यूटी पर तैनात मनसुख ने रूम खोला तो मामले का खुलासा हुआ।
अस्थायी कर्मचारी था
DSP शशांक जैन ने बताया कि धर्मदास अस्पताल का स्थायी कर्मचारी नहीं था। पुलिस ने जांच की तो उसके पास से कुछ दवाइयां भी मिली हैं। उसने डॉक्टर वाला एप्रिन भी पहन रखा था। वहीं, मृतक के बड़े भाई रविकुमार ने बताया कि धर्मदास, पत्नी और दो बच्चे 13 साल की रागिनी और 15 साल के बेटे शिवम के साथ रहता था। वह बीमार रहता था और उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। इसी बात को लेकर वह परेशान रहता था। वह दवाई हमेशा साथ रखता था।