रायगढ़: जिले के लैलूंगा नगर पंचायत में अध्यक्ष मंजू मित्तल को अविश्वास प्रस्ताव में अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 9 और विपक्ष में 4 मत पड़े। जिसकी वजह से यह प्रस्ताव दो तिहाई बहुमत के आधार पर केवल दशमलव के बीच फंस गया। जहां 4 घंटे के कानूनी और निर्वाचन नियमों के बाद पीठासीन घरघोड़ा एसडीएम ने प्रस्ताव को पारित किया।
बता दें कि मंजू मित्तल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद लैलूंगा की राजनीति गरमा गई थी। नगर पंचायत अध्यक्ष मंजू देवी मित्तल के खिलाफ 11 पार्षदों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से अविश्वास प्रस्ताव की मांग की थी। 17 अक्टूबर को नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान का दिन निर्धारित किया गया था। चुनाव के लिए घरघोड़ा एसडीएम ऋषा ठाकुर पीठासीन अधिकारी रहीं। मतदान में पूरे 14 पार्षदों ने भाग लिया।
कांग्रेस खेमे में दिखी मायूसी
कलेक्टर द्वारा आहूत अविश्वास प्रस्ताव सम्मेलन की वजह से पूरे लैलूंगा में दिनभर गहमागहमी का माहौल रहा। जानकारी के अनुसार, मंगलवार को 14 पार्षदों के द्वारा की गई वोटिंग में कुल 9 मत अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में जबकि 4 मत अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ पड़े, वहीं एक मत निरस्त हुआ। पुलिस-प्रशासन ने शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न कराया। अविश्वास प्रस्ताव में हारने के बाद कांग्रेस खेमे में मायूसी देखने को मिल रही है।
कई घंटों तक परिणाम पर रहा संशय
9 मत पक्ष और 4 मत विपक्ष में पड़े, कुल 14 मत रहे, लेकिन एक वोट रद्द हो गया। ऐसे में दो तिहाई का कोरम होना जरूरी हो गया। 9 में दशमलव 3 आड़े आ गया। इसके बाद इस पर पालिका की अधिनियम को खंगाला गया। जहां धारा 43 (क) के तहत आधे से अधिक बहुमत को पूरा करने पर प्रस्ताव पारित हुआ है। इन परिस्थितियों में 4 घंटे तक परिणाम उलझा रहा।