भिलाई: एक तरफ जहां मुहर्रम का त्योहार पर पूरा शहर मना रहा था। वहीं भिलाई के फरीद नगर में माता पिता अपने 13 साल के बच्चे को खोज रहे थे। यहां रहने वाले कपड़ा व्यवसायी का बेटा शाजिद 25 जुलाई से घर नहीं लौटा। वो बोल और सुन नहीं पाता है। बेटे की तलाश में परिजन रात दिन एक कर दिया है। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। सुपेला पुलिस भी लड़के की तलाश कर रही है।
शाजिद की मां सुमय्या का कहना है कि उनका बेटा हर दिन सुबह नाश्ता करने के बाद घर से बाहर घूमने जाता था। इसके बाद दोपहर 12-1 बजे तक लौट आता था। 25 जुलाई की सुबह भी वो उठा। नाश्ता किया और सुबह 10.30 बजे घूमने के लिए निकला। उसके बाद से वो आज तक वापस नहीं लौटा है।
6 दिनों से घर वाले उसे खोज-खोजकर परेशान हैं। माता पिता और बड़ा भाई सब काम छोड़कर उसकी तलाश में लगे हैं। मां ने बताया कि उसने ब्लैक कलर का लोवर और पिंक कलर की शर्ट पहनी है। घर वालों ने आशंका जताई है कि कोई उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया है।
आखिरी बार सीसीटीवी फुटेज में दिखा था शाजिद
शाजिद न तो बोल पाता है, और न ही सुन पाता है..
शाजिद की मां ने बताया कि, उनका बेटा बोल और सुन नहीं पाता है। इसलिए उसका कोई दोस्त नहीं था। वो अपने बड़े भाई और दो बहनों के साथ ही खेलता था। 25 जुलाई की सुबह उसने अपने बड़े भाई को इशारों में बस करके बोला था, लेकिन वो समझ नहीं पाया कि वो कहना क्या चाहता है।
ट्रेन को देखकर खुशी से चिल्लाने लगता था शाजिद
परिजनों का कहना है कि शाजिद घूमने का काफी शौकीन था। जब भी वो उसे लेकर कहीं जाते वो काफी खुश होता था। ट्रेन में घूमना उसे काफी पसंद था। ट्रेन को देखते ही वो खुशी से चिल्लाने लगता था। इसलिए ऐसी आशंका जताई जा रही है कि वो कहीं ट्रेन में बैठकर न चला गया हो।
पिता के साथ हर सप्ताह जाता था घूमने
शाजिद घूमने का इतना शौकीन था उसके पिता फारुख उसे हर सप्ताह दुर्ग शनिचरी बाजार घुमाने ले जाते थे। घरवालों को आशंका थी की वो वहां न गया हो। उन्होंने पूरे दुर्ग में पता कराया, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। शाजिद की मां ने लोगों से गुहार लगाई है कि उसका बेटा किसी को भी कहीं दिखे तो वो उन्हें सूचित करें। घरवालों ने इसके लिए 20 हजार रुपए का ईनाम भी रखा है।