दुर्ग: जिले के पेंड्रावन प्राथमिक स्कूल में गुरुवार को एक-एक कर 15 बच्चे बेहोश हो गए। स्कूल प्रबंधन ने आनन-फानन में बच्चों को अस्पताल पहुंचाया। वहां इलाज के बाद उनकी स्थिति में सुधार आया। बच्चे बेहोश क्यों हुए ये तो पता नहीं चला है, लेकिन अध्यापकों का कहना है कि बच्चे घर से बिना खाना खाए आ गए थे। भूख के चलते उन्हें चक्कर आ गया।
जानकारी के मुताबिक, धमधा ब्लॉक के पेंड्रावन शासकीय माध्यमिक विद्यालय में प्रार्थना के दौरान गुरुवार को 3 बच्चे बेहोश हो गए थे। प्रार्थना के बाद जब बच्चे क्लास रूम में पहुंचे, तो वहां बेहोश होने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 15 हो गई। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों और बच्चों के परिजनों को दी। बच्चों को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेंड्रावन ले जाया गया।
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पेंड्रावन, जहां एक के बाद एक 15 बच्चे बेहोश हो गए।
आला अधिकारी भी बच्चों का हाल जानने पहुंचे अस्पताल
परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर अपने बच्चों का हालचाल जाना। गांव के सरपंच रेखचंद साहू भी हाल बच्चों का हाल जानने पहुंचे। उन्होंने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया और इसकी शिकायत ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर धमधा से की।
बच्चों को इलाज के बाद किया गया डिस्चार्ज
सूचना मिलते ही बीएमओ डॉ. केएस ठाकुर भी डॉक्टरों की टीम के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। इसके बाद बच्चों को इलाज के लिए सीएचसी धमधा पहुंचाया गया। वहां सभी बच्चों की हालत फिलहाल ठीक बताई जा रही है। बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
स्कूल की प्रधान पाठक दुर्गेश्वरी साहू और अस्पताल के बेड पर इलाज कराते हुए बच्चे।
प्रधान पाठिका ने कहा- भूख के चलते हुई परेशानी
स्कूल की प्रधान पाठिका दुर्गेश्वरी साहू का कहना है कि बच्चे घर से खाना खाकर नहीं आए थे। उन्हें पहले से बुखार भी था, इसके चलते उन्हें चक्कर आया। पहले प्रार्थना के दौरान 3 बच्चे बेहोश हुए। इसके बाद क्लास में बेहोश होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ गई। फिलहाल सभी बच्चे स्वस्थ हैं। वहीं स्कूल में भी डॉक्टर को बुलाया गया था, जिसने सभी बच्चों की जांच की।
स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग
इधर परिजनों ने बच्चों की सेहत का ध्यान नहीं रखने पर स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई करने की मांग की है। परिजनों का कहना है कि वे अपने बच्चों को भरोसे के साथ विद्यालय भेजते हैं और वहां उनकी देखभाल करना शिक्षकों और स्टाफ का काम है। एक साथ 15 बच्चों का बेहोश हो जाना मामूली बात नहीं है। परिजनों ने कहा कि बच्चे घर से नाश्ता करके गए थे, इसलिए प्रधान पाठिका की ये बात सही नहीं है कि बिना खाए बच्चे बेहोश हो गए।