Friday, July 4, 2025

CG: अननेचुरल सेक्स के मामले में 9 साल की सजा… बड़े बिजनेसमैन की पत्नी ने दहेज व शारीरिक प्रताड़ना सहित लगाए थे कई गंभीर आरोप

अननेचुरल सेक्स का दोषी निमिष अग्रवाल

दुर्ग: जिला सत्र न्यायालय के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपनी पत्नी से अननेचुरल सेक्स के लिए मजबूर करने के आरोपी को 9 साल की सजा सुनाई है। यह मामला दुर्ग व भिलाई शहर का हाई प्रोफाइल मामला रहा है। पीड़िता यहां के बडे़ बिजनेसमैन की पत्नी है।

पीड़िता ने बताया कि उसकी शादी सन 2007 में भिलाई के बिजनेसमैन निमिष अग्रवाल से हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही ससुराल में उसे दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। इतना ही नहीं उसका पति उसे अननेचुरल सेक्स के लिए मजबूर करता था। इस सबसे तंग आकर पीड़िता 2016 में ससुराल को छोड़कर मायके रहने आ गई।

आरोपी को कोर्ट ले जाती दुर्ग कोतवाली पुलिस

आरोपी को कोर्ट ले जाती दुर्ग कोतवाली पुलिस

पीड़िता जब मायके आई तो उसकी गोद में एक बेटी थी। इसके बाद भी उसने सिंगल मदर के रूप में बेटी की परवरिश करने का निर्णय लिया और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। दुर्ग जिले की फास्ट कोर्ट ने शनिवार को अप्राकृतिक सेक्स और दहेज प्रताड़ना के मामले में बड़ा फैसला सुनाया। पीड़िता ने कहा कि उसने न्यायालय से न्याय मिला है।

कोर्ट के फैसला का स्वागत करती पीड़िता

कोर्ट के फैसला का स्वागत करती पीड़िता

पीड़िता ने कहा अन्याय सहने से अच्छा उसके लिए लड़ें

पीड़िता ने न्यायालय के फैसले का सम्मान किया है। उनका कहना है कि उनकी बेटी ने बड़ा काम किया है। आज महिलाएं शादी के बाद इस तरह के प्रताड़ना के मामले को छुपाती हैं। दुर्ग जिले में शायद है ऐसा पहला मामला होगा जहां अननेचुरल सेक्स के मामले में किसी को सजा हुई है। ये उनकी बेटी के साहस की बदौलत हो पाया है। पीड़िता ने कहा कि सभी महिलाओं को ऐसी प्रताड़ना को सहने की जगह उसका विरोध करना चाहिए और उससे लड़ना चाहिए।

अधिवक्ता नीरज चौबे

अधिवक्ता नीरज चौबे

दुर्ग न्यायालय में इस तरह का पहला मामला

पीड़िता के वकील नीरज चौबे ने बताया कि अननेचुरल सेक्स एवं मारपीट के मामले में दुर्ग फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शायद यह पहला फैसला दिया है, जिसमें आरोपी को सजा हुई है। पीड़िता ने धारा 377 अननेचुरल सेक्स, 498ए दहेज प्रतिशोध अधिनियम के तहत सुपेला थाने में 7 मई 2016 शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में पीड़िता के पति निमिष अग्रवाल, सांस रेखा अग्रवाल, ससुर सुनील अग्रवाल को आरोपी बनाया था।

दुर्ग जिला न्यायालय

दुर्ग जिला न्यायालय

कोर्ट ने आरोपियों को सुनाई सजा

बाद में विवेचना के दौरान पीड़िता की ननद नेहा अग्रवाल का भी आरोपी के रूप में जोड़ा गया था। उक्त मामले की सुनवाई दुर्ग फास्ट ट्रैक कोर्ट में की गई। कोर्ट ने सारे सबूतों और बयानों के आधार पर पीड़िता के पति निमिष अग्रवाल को धारा 377 का अपराधी पाया, जिसमें उसे 9 साल के सश्रम कारावास और 10000 के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही धारा 323 के अधीन दंडनीय अपराध में 1 साल के सश्रम कारावास और 1000 के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई।

इसके साथ ही ससुर सुनील अग्रवाल, सास रेखा अग्रवाल को धारा 323 का दोषी मानते हुए 10 माह की कैद और 1000 के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई। ननद नेहा अग्रवाल को धारा 323 का दोषी मानते हुए 6 माह की कैद और 1000 रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई।


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