- पहुंचविहीन दूरस्थ वनांचल वासियों को मिल रही है प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं
- बदल रही है पखनार की तस्वीर, बुनियादी सुविधाओं की पहुंच से विकास की तरफ बढ़ रहे हैं ग्रामीण
जगदलपुर: दरभा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले पखनार गांव की तस्वीर बदल रही है। डिलमिली की पहाड़ियों पर बसा यह गांव कभी नक्सल प्रभावित इलाके की पहचान रखता था। लेकिन आज यहां की कहानी कुछ अलग है। दरअसल सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसी मूलभूत आवश्यकताएं यहां पूरी हो रही हैं। जिसका नजारा यहां के साप्ताहिक बाजार में देखने को मिलती है। दरअसल मंगलवार को पखनार का साप्ताहिक बाजार लगता है। जहां मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के तहत ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। पखनार ही नहीं आस-पास के क्षेत्रों से बाजार करने वाले ग्रामीण भी हाट-बाजार क्लिनिक योजना का लाभ ले रहे हैं।
पखनार के हाट-बाजार क्लिनिक में एक डॉक्टर और स्थानीय बोली के जानकार 2 सुपरवाइजर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। क्लिनिक के डॉक्टर दुलेश्वर दानी का कहना है कि यहां के स्थानीय ग्रामीणों को प्राथमिक टेस्ट जैसे बीपी, शुगर, मलेरिया, एनसी चेकअप की सुविधा है। डॉ दानी का कहना है कि छोटी-मोटी बीमारियों और उसके टेस्ट के लिए ग्रामीणों को शहर नहीं जाना पड़ता है। चेकअप के दौरान उचित स्वास्थ्य परामर्श दिया जाता है। इसके अलावा एक एंबुलेंस की भी सुविधा है जिससे इमरजेंसी जैसी स्थिति के लिए उपयोग किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि मलेरिया जैसी बीमारी को कम करने में भी हाट-बाजार क्लिनिक काफी कारगर साबित हुआ है।
बाजार में ही दुकान लगाने वाली कटेनार की लोदी ने बताया कि हाट-बाजार क्लिनिक का फायदा उन्हें मिल रहा है। वो बीपी का चेकअप कराने हाट-बाजार क्लिनिक में जाती हैं। दवाइयां भी उन्हे फ्री में दी जाती है।
मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य वन, पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों के रहवासियों तक साप्ताहिक बाजारों के माध्यम से उन्हें प्राथमिक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। बस्तर जैसे क्षेत्र में इस योजना से लोगों को काफी फायदा हो रहा है। जहां एक तरफ इस योजना से महिलाओं और बच्चों के पोषण में सतत निगरानी हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ योजना से बस्तर में मलेरिया उन्मूलन अभियान को गति मिली है।