दुर्ग: कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वहां भारी अव्यवस्था पाई। इसे देखते हुए उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों सभी की क्लास ली। इतना ही नहीं उन्होंने तीन नायब तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए दो रीडर को सस्पेंड भी कर दिया।
जानकारी के मुताबिक कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा बुधवार दोपहर औचक निरीक्षण पर दुर्ग तहसील पहुंचे थे। यहां उन्होंने फाइलें निकलवाकर लंबित प्रकरणों को देखा। उन्होंने पाया कि काफी प्रकरणों को काफी समय से ऑनलाइन नहीं किया गया था। इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने रीडर तनसुख देशमुख और सुरेखा तिवारी को जमकर फटकार लगाई। जब दोनों रीडर सही जवाब नहीं दे पाए तो कलेक्टर ने उनको निलंबित कर दिया।
कलेक्टर ने बताया कि तहसील न्यायालयों में कुछ केस काफी लंबे समय से लंबित है। इन प्रकरणों की तारीख बार-बार आगे बढ़ रही थी। इससे इनका निराकरण नहीं हो पा रहा था। यह देख कलेक्टर ने नायब तहसीलदार ढाल सिंह बिसेन, प्रीतम सिंह चौहान और सत्येंद्र शुक्ला को शोकॉज नोटिस जारी किया। इसके साथ ही उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के रीडर मोहम्मद कादिर को भी शो काज नोटिस जारी किया।
आवेदकों से मुलाकात कर पूछताछ करते कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा
तहसील कार्यालय पहुंचकर आवेदकों से की मुलाकात
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के साथ आईएएस लक्ष्मण तिवारी भी मौजूद थे। दोनों अधिकारियों ने अनुविभागीय परिसर में स्थित सभी तहसील न्यायालयों को देखा। वहां की फाइलें देखीं। इस दौरान उन्होंने तहसील परिसर में आये आवेदकों से भी मुलाकात की। आने का कारण पूछा। कुछ आवेदक राजस्व प्रकरणों को लेकर आये थे और कुछ पेशी में।
चिटफंड के आवेदकों को दी सरकार की योजना की जानकारी
पूछताछ के दौरान कलेक्टर ने पाया कि वहां बड़ी संख्या में लोग चिटफंड कंपनियों में फंसे रुपए मिलने से संबंधित जानकारी लेने के लिए पहुंचे थे। इस पर कलेक्टर ने उन्हें आश्वस्त किया कि चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई लगातार जारी है। निवेशकों की राशि लौटाने की कार्रवाई लगातार की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों का पैसा लौटा रही है। उनका भी पैसा जल्द ही लौटाया जाएगा।
तय सीमा में काम पूरा करने के निर्देश
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान निर्देशित किया कि किसी भी प्रकरण में पटवारी और आरआई के प्रतिवेदन में विलंब नहीं होना चाहिए। यदि विलंब हो रहा है तो इसका स्पष्ट कारण होना चाहिए। सीमांकन के लिए तय की गई तिथि में टीम पहुंचना चाहिए और आवेदकों को इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि इस बात की लगातार मानिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों को समयसीमा पर पूरा करवाने की जिम्मेदारी तहसीलदारों की है। वे इसे सुनिश्चित करें। प्रकरण के आते ही उसका आनलाइन रजिस्ट्रेशन कर आगे की कार्रवाई शुरू करें।
अधिक से अधिक प्रकरणों का करें निराकरण
कलेक्टर ने कहा उनके यहां राजस्व के मामले बड़ी मात्रा में लंबित है। इसलिए समयसीमा से अधिक समय से लंबित प्रकरणों में लगातार सुनवाई कर जल्द फैसला दिया जाए। कलेक्टर ने कहा कि तहसीलों का औचक निरीक्षण इसी तरह से जारी रहेगा। भविष्य में इस तरह की खामी मिली तो वो किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।