Tuesday, July 1, 2025

CG: अडानीगेट पर कांग्रेस का हल्लाबोल.. छत्तीसगढ़ में स्टेट बैंक की शाखाओं के सामने प्रदर्शन, SBI-LIC को अडानी-मोदी के चरणों में बैठा दिखाया

रायपुर: हिंडनबर्ग रिपोर्ट से वित्त बाजार में तबाही जारी है। इस बीच निवेशकों के हित को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार और वित्तीय संस्थाओं को घेर लिया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने अडानी मुद्दे पर भारतीय स्टेट बैंक और LIC की मुख्य शाखाओं के सामने प्रदर्शन किया है। रायपुर में प्रदर्शन के दौरान SBI और LIC की तख्ती लगाए प्रदर्शनकारी, गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे का मुखौटा लगाए व्यक्तियों के कदमों में लोटते दिखाए गए।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में मुख्य प्रदर्शन राजधानी रायपुर के जय स्तंभ चौक स्थित भारतीय स्टेट बैंक-SBI की मुख्य शाखा के बाहर हुआ। इस प्रदर्शन में वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, विधायक विकास उपाध्याय, कुलदीप जुनेजा, महापौर एजाज ढेबर, नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे सहित प्रमुख पदाधिकारी और नेता शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने जय स्तंभ चौराहे पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया।

उसके बाद सभी नेता बैंक के सामने सड़क पर बैठ गए। इस दौरान वित्तीय संस्थाओं के अडानी-मोदी के चरणों में लोट जाने को नुक्कड़ नाटक के जरिये दिखाया गया। दो प्रदर्शनकारियों ने गौतम अडानी और नरेंद्र मोदी का मुखौटा लगाया। वहीं दो लोग LIC और SBI के नाम की तख्ती गले में लटकाकर बैठ गये। करीब आधे घंटे की नारेबाजी और नुक्कड़ नाटक के बाद प्रदर्शनकारी वापस लौटे।

प्रदर्शनकारियों ने हाथ में मोदी सरकार और अडानी का गठजोड़ बताने वाले पोस्टर ले रखे थे।

प्रदर्शनकारियों ने हाथ में मोदी सरकार और अडानी का गठजोड़ बताने वाले पोस्टर ले रखे थे।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना था, शेयर बाजार में तेज गिरावट ने मोदी सरकार और कुछ कॉर्पोरेट घरानों के बीच के अवैध गठजोड़ को सार्वजनिक कर दिया है। इतना सब होने के बाद भी सरकार निवेशकों को सुरक्षित रखने के लिए किसी तरह की जांच और कार्रवाई से बच रही है। इसकी वजह से पूरा मध्यम वर्ग चिंतित है। केंद्र सरकार द्वारा अडानी समूह में SBI और LIC जैसे सरकारी वित्तीय-बैंकिंग संस्थानों के बेहद जोखिम भरे निवेश ने LIC के 29 करोड़ पॉलिसी धारकों और SBI के 45 करोड़ खाता धारकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। केंद्र सरकार जांच भी नहीं करा रही है और संसद में चर्चा से भी भाग रही है। यह निवेशकों को और अंधेरे में डालने वाली बात होगी।

संसदीय समिति से जांच की मांग उठाई

इस प्रदर्शन के जरिए कांग्रेस ने दो प्रमुख मांग उठाई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, हमारी मांग है कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में उठे सवालों की सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अथवा संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराई जाए। हमारी दूसरी मांग है कि LIC, SBI सहित अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के अविवेकपूर्ण निवेश पर संसद में चर्चा कराई जाए। निवेशकों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।

क्या है यह अडानीगेट जिसने बढ़ा दी है चिंता

एक अमेरिकी कंपनी है हिंडनबर्ग रिसर्च। यह इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का विश्लेषण करती है। इसे कॉरपोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए जाना जाता है। कंपनी यह पता लगती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेराफेरी तो नहीं हो रही है। कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट कर खुद को बड़ा तो नहीं दिखा रही है। कोई कंपनी शेयर मार्केट में अपने फायदे के लिए गलत तरीके से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही है। 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। इसमें 88 सवाल भी शामिल किये थे। इसमें दावा किया गया, अडानी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया, मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक टैक्स हेवन देशों में अडानी परिवार की कई मुखौटा कंपनियां हैं। इनका उपयोग भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग के लिए किया गया है। इन मुखौटा कंपनियों के जरिए फंड की हेराफेरी भी की गई।

इस रिपोर्ट के असर से भरभराकर गिरे अडानी के शेयर

रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर 12 दिन में करीब 60% टूट चुके हैं। इसके पहले शुक्रवार को कंपनी के शेयर 35% तक गिर गए थे। शेयरों में भारी गिरावट के बाद गौतम अडानी की नेटवर्थ 90 बिलियन डॉलर हो गई है। पिछले साल ये 150 बिलियन डॉलर के करीब थी। सोमवार को जारी हुई फोर्ब्स की अमीरों की रियल टाइम लिस्ट में अडानी 21वें स्थान पर आ गए हैं। शुक्रवार को वह 22वें स्थान पर खिसक गए थे। 27 फरवरी के पहले अडानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे और एशिया में पहले नंबर पर थे।

अब तक क्या-क्या हुआ है

  • 24 जनवरी – हिंडनबर्ग ने 106 पेज की रिपोर्ट जारी कर अडानी ग्रुप पर शेयर बाजार में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े आरोप लगाए।
  • 27 जनवरी – अडानी इंटरप्राइजेज 20 हजार करोड़ का FPO लाया। पहले दिन सिर्फ 1% सब्सक्रिप्शन मिला। इस ऑफर का प्राइस बैंड 3112 से 3276 रुपए प्रति शेयर रखा गया था।
  • 29 जनवरी – अडानी इंटरप्राइजेज का FPO फुल सब्सक्राइब हो गया। इसी दिन अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को गलत बताया। कहा, यह भारत पर साजिश के तहत हमला है। ग्रुप ने 413 पन्नों में इसका जवाब दिया।
  • 30 जनवरी – हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा, अडाणी से 88 सवाल पूछे गए थे। उनमें से वो 62 का जवाब देने में विफल रहे। धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद के नाम पर छुपाया नहीं जा सकता। हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के जवाब को ब्लोटेड रिस्पॉन्स करार दिया।
  • 1 फरवरी – अडानी ग्रुप ने 20 हजार करोड़ रुपए के फुली सबस्क्राइब्ड FPO को रद्द कर इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने की बात कही।
  • 2 फरवरी- गौतम अडानी ने FPO रद्द करने के बाद एक वीडियो मैसेज दिया। इसमें उन्होंने कहा, मेरे लिए निवेशकों का हित सर्वोपरि है। इसी दिन संसद पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की सभी बैंकों से अडानी ग्रुप को दिए कर्ज और निवेश का ब्योरा मांगा। NSE ने अडाणी ग्रुप के तीन शेयरों को शॉर्ट टर्म के लिए एडिशनल सर्विलांस मेजर्स लिस्ट में शामिल किया।
  • 3 फरवरी – अडानी मुद्दे पर विपक्ष एकजुट हुआ। सरकार पर जांच का दबाव बनाने के लिए कांग्रेस ने सोमवार को देश भर में प्रदर्शन की घोषणा की।

                              Hot this week

                              रायपुर : वाहन चालक भर्ती प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ

                              रायपुर: वनमंडल बलौदाबाजार ने वाहन चालक और भारी वाहन...

                              रायपुर : छत्तीसगढ़ में लॉजिस्टिक हब बनाने पर निजी निवेशकों को मिलेगा 140 करोड़ तक अनुदान

                              मंत्रिपरिषद ने लॉजिस्टिक्स नीति 2025 को दी मंजूरीरायपुर: मुख्यमंत्री...

                              Related Articles

                              Popular Categories

                              spot_imgspot_img