अंबिकापुर: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण शनिवार को एक महिला की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि भर्ती कराने के बाद महिला दर्द से तड़पती रही, लेकिन 11 घंटे बीत जाने के बाद भी उसका इलाज शुरू नहीं किया गया। आखिरकार मरीज ने बिना इलाज के ही दम तोड़ दिया।
सरगुजा जिले के बतौली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मांजा चिरंगा निवासी प्रमिला दास की तबियत खराब थी। परिजन उसे इलाज के लिए शुक्रवार शाम करीब 4 बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आए। यहां उसे भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान शनिवार सुबह महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद उसके परिजन ने चिकित्सक और स्टाफ नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
एक्सपायरी डेट की बोतल।
मृतका के पति सुखदेव दास का कहना है कि उसे इलाज के लिए वार्ड में भर्ती तो करा दिया गया, लेकिन उसका इलाज ही नहीं किया गया। उसने बताया कि पत्नी दर्द से तड़पती रही, लेकिन इलाज के नाम पर उसे एक टैबलेट तक नहीं दिया गया। भर्ती कराने के करीब 11 घंटे बाद तक न तो उसे कोई डॉक्टर देखने आया और न ही उसका इलाज चला। मृतका के पति का कहना है कि समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी पत्नी की मौत हो गई।
मरीज को चढ़ाई गई एक्सपायरी डेट की सलाइन, जैसे-तैसे बची जान।
मृतका के बेटे मुनदेव दास ने बताया कि डॉक्टर ने कहा था कि तुम्हारी मां को शुगर की बीमारी है। हमें नहीं पता था कि मां को क्या हुआ था। डॉक्टर को अच्छे से इलाज करना चाहिए था, लेकिन नहीं किया। मां के पूरे शरीर में दर्द था। अंदर क्या हुआ, हम लोगों को कुछ पता नहीं चला। अगर समय पर इलाज शुरू हो जाता, तो मेरी मां बच सकती थी।
अस्पताल अधीक्षक को घटना का पता ही नहीं
वहीं इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ आरसी आर्या का कहना है कि मुझे इस मामले में जानकारी नहीं है। अगर ऐसी घटना हुई है, तो हम इस मामले की जांच कराएंगे कि वास्तव में महिला का इलाज शुरू हुआ या नहीं।
स्टाफ नर्स ने मरीज को चढ़ा दिया एक्सपायरी बॉटल
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आए दिन लापरवाही की घटना सामने आ रही है, जिसका खामियाजा मरीज और उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। एक दिन पहले शुक्रवार को भी स्टाफ नर्स की लापरवाही के कारण अस्पताल में भर्ती मरीज को एक्सपायरी डेट की सलाइन चढ़ा दी गई थी। दोनों मरीजों के परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। शहर के भट्ठापारा निवासी कुलदीप गुरुवार को सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। परिजन ने उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया।
चोट लगने के कारण कुलदीप के सीने में भी दर्द था, इसलिए उसे मेल मेडिकल वार्ड में शिफ्ट करा दिया गया था। शुक्रवार की शाम को उसे सलाइन चढ़ाया जा रहा था। सलाइन लगभग 80 प्रतिशत चढ़ चुका था। इस बीच पाइप से ग्लूकोज चढ़ना बंद हो गया। परिजन ने इसकी जानकारी स्टाफ नर्स को दी, तो उसने फिर से बॉटल शुरू कर दिया। इस दौरान एक परिजन की नजर जब बॉटल पर पड़ी, तो उसमें दिसंबर 2022 एक्सपायरी डेट लिखा हुआ था।
इसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान आनन-फानन में अपने बचाव के लिए स्टाफ नर्स ने तत्काल नई बॉटल लगा दी और एक्सपायरी बॉटल को कहीं छिपा दिया। वहीं इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ आरसी आर्या का कहना है कि यह मामला काफी गंभीर है। स्टाफ नर्स को बॉटल या दवा देने से पहले जरूर ध्यान देना चाहिए। इस मामले की जांच कराई जा रही है कि एक्सपायरी बॉटल वहां कैसे पहुंचा।