Saturday, May 18, 2024
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CG: हाथी का अटैक, दो टुकड़ों में बंटा शरीर… शव से हाथ-पैर भी अलग, वन विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज कर किसान गया था जंगल

जशपुर: जिले में जंगल से लकड़ी लेने गए किसान को हाथियों ने पटक-पटककर मार डाला। हाथियों के हमले में ग्रामीण के शरीर के टुकड़े हो गए हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि वन विभाग के लगातार चेतावनी देने के बाद भी लोग जंगल के अंदर जा रहे हैं और हाथियों के हमले में अपनी जान गंवा रहे हैं। मामला बगीचा वनपरिक्षेत्र के खंताडांड़ का है।

जानकारी के मुताबिक, खंताडांड़ गांव में अब्राहम तिर्की खेती का काम करता है। सोमवार को वो लकड़ियां लाने के लिए जंगल में जाने की बात पत्नी उर्सेला तिर्की से कही। जिस पर पत्नी ने उसे जंगल के अंदर जाने से मना किया। उसने कहा कि वन विभाग भी लगातार जंगल में नहीं जाने की चेतावनी जारी कर रहा है। पत्नी के समझाने के बावजूद अब्राहम नहीं माना और जंगल में लकड़ियां लाने के लिए चला गया।

पति अब्राहम तिर्की के शव के पास बिलखती हुई पत्नी उर्मिला तिर्की। पत्नी के मना करने के बावजूद बिना बताए पति जंगल से लकड़ियां लाने चला गया था।

पति अब्राहम तिर्की के शव के पास बिलखती हुई पत्नी उर्मिला तिर्की। पत्नी के मना करने के बावजूद बिना बताए पति जंगल से लकड़ियां लाने चला गया था।

जंगल में अब्राहम का सामना हाथियों से हो गया। हाथियों ने उसे पटक-पटककर मारा और फिर उसके शरीर को कुचल दिया, जिससे उसके शव के टुकड़े हो गए। शव के हाथ-पैर भी अलग हो गए। जब पति काफी देर तक नहीं लौटा, तो पत्नी ने गांववालों को ये बात बताई। गांववालों ने जंगल में जाकर देखा, तो किसान की क्षत-विक्षत लाश दिखाई दी। इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई।

हाथियों ने किसान को मार डाला। गांववालों की सूचना पर वन विभाग की टीम जंगल में मौके पर पहुंची।

हाथियों ने किसान को मार डाला। गांववालों की सूचना पर वन विभाग की टीम जंगल में मौके पर पहुंची।

वन विभाग की टीम जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। विभाग ने पीड़ित परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि भी दी है। पत्नी उर्सेला तिर्की ने कहा कि सब्जियों की फसल के लिए पति जंगल से लकड़ी लाने की बात कह रहे थे और मेरे मना करने के बावजूद चुपचाप किसी समय बिना बताए घर से निकल गए।

हाथियों ने किसान को पहले पटक-पटककर मारा, फिर कुचलकर शव के टुकड़े भी कर दिए।

हाथियों ने किसान को पहले पटक-पटककर मारा, फिर कुचलकर शव के टुकड़े भी कर दिए।

बता दें कि हाथियों के उत्पात को देखते हुए वन विभाग ने बगीचा वन परिक्षेत्र के गावों में अलर्ट जारी किया है। गांववालों को जंगल के अंदर नहीं जाने की चेतावनी दी जा रही है, साथ ही हाथियों के पास नहीं जाने को लेकर भी अलर्ट किया गया है। वन विभाग की टीम रात में गश्त भी कर रही है, इसके बावजूद लोग लापरवाही बरत रहे हैं।

जशपुर DFO जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि जिले में 18 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। हाथी विचरण क्षेत्र में वन अमला और हाथी मित्र दल 2 पाली में गश्त कर रहे हैं। हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। जिले में सभी रेंज में 2-2 गश्ती दल काम कर रहे हैं, साथ ही लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लोगों को हाथी के व्यवहार के संबंध में भी जानकारी दी जा रही है और वे किस तरह से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं, ये भी बताया जा रहा है।

वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि हाथी गश्ती दल द्वारा दी गई समझाइश और सूचना को मानें।

वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि हाथी गश्ती दल द्वारा दी गई समझाइश और सूचना को मानें।

डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय ने लोगों से अपील की है कि हाथी गश्ती दल द्वारा दी गई समझाइश और सूचना को मानें। जिस जगह पर हाथियों का दल है, वहां मछली मारने, पुटू-खुखड़ी उठाने, रात को खुले में शौच या अनावश्यक रात में आवागमन करने से बचें। जिस स्थान या घर में पक्के कटहल हों, उन्हें तोड़कर तत्काल सुरक्षित स्थान पर रखें या गडढ़े में डालकर ढंक दें या फिर वन विभाग को तत्काल सूचित करें।

जशपुर वनमंडल में हाथियों का उत्पात जारी है। पिछले एक सप्ताह में हाथी के हमले में 4 लोगों की मौत हो चुकी है। डीएफओ ने बताया कि प्रतिदिन हाथी विचरण ग्रामों में वन अमला, हाथी मित्र दल के साथ-साथ महिला वनरक्षक भी लोगों को हाथी के व्यवहार और सुरक्षा उपायों की जानकारी दे रही हैं। उन्होंने बताया कि महिलाएं लकड़ी बीनने और पुटू-खुखड़ी उठाने सामान्यत: जंगल में जाती हैं, जिसके कारण महिला वन रक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई है।

जशपुर DFO जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि जिले में 18 हाथियों का दल विचरण कर रहा है।

जशपुर DFO जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि जिले में 18 हाथियों का दल विचरण कर रहा है।

DFO ने बताया कि हाथियों की गतिविधि और संभावित विचरण क्षेत्र में मुख्य रूप से कुनकुरी विकासखण्ड के लोटापानी, गड़ाकटा, उपकापानी, टुकूपानी, कुडुकेला, जामचुआ, बनकोम्बो, गिधाबहार, बिलासपुर, मुसकुनी, खारीझरिया, कुंजारा, श्रीटोली, ढ़ोंगाअम्बा, पाकरटोली, बंदरचुआ, तामासिंघा, लोढ़ाअम्बा फरसाबहार विकाखण्ड के तूबा, बेलबांधा, छिरोटोली, दाईजबहार, बाम्हनमारा, जमुना, साजबहार, बंधाटोली, जबला, सेमरताल, कंदईबहार, छीरोटोली, मंडाडीह, पगुराबहार शामिल हैं।

इसके अलावा कांसाबेल विकाखण्ड के देवरी, दोकड़ा, खूंटगांव, मनोरा विकासखण्ड के खुटापानी, केराकोना, पोड़ीपटकोना, खरवाटोली, सोगड़ा, टेम्पू, सरूवा, डूमरटोली, दुलदुला विकासखण्ड के सपघरा, नोनपानी, सिमड़ा, बरपानी, देवबहार, धांधअम्बा, बकुना, करडेगा और बगीचा विकासखण्ड के झिक्की, फुलडिह, ततकेला, पेटा, तटकेला पसिया, कुरडेग, जुरगुम, सोनपुर, परसाडांड शामिल हैं।

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