- क्रेडा द्वारा स्टेकहोल्डर्स को दी गई ऊर्जा संरक्षण भवन कोड की जानकारी
रायपुर: छत्तीसगढ़ में नए वाणिज्यिक भवनों के डिजाइन और संरचना में आवश्यक सुधार कर ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ ऊर्जा संरक्षण भवन कोड बनाया गया है। इस कोड से नए वाणिज्यिक भवनों की ऊर्जा दक्षता में सुधार होगा। यह कोड बिजली में खपत में कमी के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा। इस नए कोड में अक्षय ऊर्जा का उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, भारत सरकार की सहायता से छत्तीसगढ़ विगत 24 जनवरी 2024 को छत्तीसगढ़ ऊर्जा संरक्षण भवन कोड की विस्तार से जानकारी देने के लिए स्टेकहोल्डर्स की बैठक आयोजित की गई।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश सिंह राणा ने बताया कि वाणिज्यिक भवनों और नई इमारतों में ऊर्जा दक्षता लाने में ऊर्जा संरक्षण भवन कोड एक महत्वपूर्ण नियामक उपाय है। इस कोड का उपयोग से निर्मित भवनों में ऊर्जा की आवश्यकता 25 से 30 प्रतिशत तक कम हो जाएगी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा संरक्षण भवन कोड के नियमों की अधिसूचना प्रक्रियाधीन है। इस कोड के क्रियान्वयन से नए वाणिज्यिक भवनों के माध्यम से प्रति वर्ष कम से कम 3 करोड़ यूनिट बिजली की बचत होगी। उन्होेंने यह भी बताया कि स्टेकहोल्डर्स के सहयोग से बिल्डिंग के नियमों बिल्डिंग अनुमति प्रक्रिया और एसओआर में इसे शामिल किया जाना है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री मनोज खरे ने कहा चूंकि अधिकांश थर्मल पावर प्लांट कोयला आधारित हैं और राज्य में उत्पादित बिजली कई अन्य राज्यों को निर्यात की जाती है, इसलिए औद्योगिक क्षेत्र के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन का भार पहले से ही अधिक है। छत्तीसगढ़ के भवन निर्माण क्षेत्र और बुनियादी ढांचे के विकास से इन उत्सर्जन में बढ़ोतरी हो रही है। हमारे पर्यावरण को बचाने के लिए, उद्योगों, भवनों, परिवहन, डिस्कॉम और नगर पालिकाओं जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता पहल लागू की जानी चाहिए। प्रत्येक क्षेत्र की संचयी बचत, ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में पर्याप्त बचत हासिल करने में सक्षम होगी।
बैठक में जानकारी दी गई ऊर्जा संरक्षण भवन कोड को 17 मार्च 2023 को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया था। यह एक तकनीकी कोड है जो विभिन्न भवन डिजाइन और सिस्टम दक्षता मापदंडों के अनुपालन के माध्यम से कुल निर्मित क्षेत्र 1000 वर्गमीटर से अधिक या 50 किलोवाट और उससे अधिक के कनेक्टेड लोड या 60 के.वी.ए. और उससे अधिक की अनुबंध भार के साथ वाणिज्यिक भवनों में ऊर्जा दक्षता प्राप्त करने के लिए न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करता है। बैठक में डिजाइन ऑक्यूपेंसी सर्विसेज, जयपुर के सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट और बिल्डिंग एनर्जी विशेषज्ञ श्री मोहित त्रिपाठी ने राज्य में सीजीईसीबीसी के क्रियान्वयन के लिए सभी हितधारकों से एकीकृत दृष्टिकोण के लिए आगे बढ़ने के तरीके पर एक तकनीकी प्रस्तुति दी।
(Bureau Chief, Korba)