उत्तर बस्तर कांकेर: जिले में छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) विभाग द्वारा प्राप्त सोलर पम्पों से सिंचाई आसान हुई है। सौर सुजला योजना अंतर्गत जिले के सुदूर वनाच्छादित दुर्गम स्थलों के कृषकों को कृषि कार्य करने हेतु सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देष्य से सोलर पम्पों का स्थापना किया गया है। इन सुदूर वनांचल क्षेत्रों में सोलर पंप स्थापित होने से कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। किसानों को सषक्त बनाने में सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रहा है। सोलर पंप स्थापित होने से मक्का, सब्जी सहित अन्य फसल का लाभ किसान ले रहे हैं, जिससे इनकी आमदनी के स्त्रोत में वृद्धि हुई है एवं जिले के सिंचित क्षेत्रों में भी वृद्धि हुई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार कृषकों को रियायती दर पर सिंचाई पंप प्रदान कर कृषि और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत बनाना चाहती है। विकासखण्ड अंतागढ़ के दुर्गम एवं वनांचल क्षेत्र ग्राम उसेली के कृषक झिटकू राम तारम ने बताया कि उसके पास दो एकड़ जमीन है, जो दूध नाला के समीप है, जिसमें वर्षभर जल स्तर बना रहता है, किन्तु वह सिंचाई साधन के अभाव में कृषि कार्य से वंचित रह जाता था। उन्होंने बताया कि सौर सुजला योजना के तहत् सौर ऊर्जा चलित सिंचाई पंप की जानकारी मिलते ही अपनी जमीन पर 5 हार्स पावर के सोलर पंप स्थापित कर लिया। अब वह अपने खेतों में सिंचाई कर मिर्च, प्याज, टमाटर जैसे अन्य सब्जियों के साथ-साथ दलहनी फसलों का उत्पादन कर रहे हैं, इससे उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त हो जाती है। इसके अलावा सोलर पंप लग जाने से सिंचाई साधन की समस्या भी दूर हो गई है। अब पूरे वर्ष खेतों में हरियाली रहती है, जिससे वे बहुत खुश है।