बलरामपुर: जिले के शंकरगढ़ थाने में कोर्ट के आदेश के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों और एफआईआर दर्ज नहीं करने वाले तत्कालीन शंकरगढ़ थानेदार के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। जेएमएफसी कोर्ट प्रथम श्रेणी राजपुर के आदेश क्रमांक पर किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ में कृषि विभाग द्वारा 18.46 लाख रुपये की राशि से तालाब निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी। उक्त कार्य कराए बिना ही कार्य को पूरा बताकर राशि का आहरण कर लिया गया। मामले में 156(3) के तहत सामाजिक कार्यकर्ता संदीप एक्का ने परिवाद दायर किया था। न्यायालय के आदेश पर संदीप एक्का के पूर्व में दिए गए आवेदन पर एफआईआर दर्ज की गई है।
यह था मामला
संचालक कृषि छत्तीसगढ़ रायपुर के द्वारा सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी रामानुजगंज जिला-बलरामपुर, तत्कालीन अविभाजित जिला अंबिकापुर को क्रियान्वयन एजेन्सी नियुक्त कर ग्राम मनोहरपुर विकास खण्ड शंकरगढ में लघुत्तम सिंचाई योजना एम.आई.टी.के तहत 31.50 हेक्टेयर रकबा के लिए तालाब निर्माण का कार्य हेतु 18.46 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति 16 जून 2008 को जारी की गई थी।
जांच में प्रमाणित हुआ 10.77 लाख का गबन
जांच दल ने पाया गया कि षडयंत्र पूर्वक फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर राशि आहरित कर ली गई। निर्माण कार्य में अनियमितता के साथ 10.77 लाख का गबन किया गया है। इस संबंध में उनके जांच दल द्वारा सीएन सिंह संयुक्त संचालक कृषि सरगुजा के समक्ष जांच प्रतिवेदन 10 नवंबर 2017 को पेश किया गया। अधिकारियों द्वारा प्रशासनिक कार्रवाई की खानापूर्ति करते हुए अनावेदक क्र.01 को निलंबित कर दिया गया, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।
इनके खिलाफ अपराध दर्ज
इस मामले में शंकरगढ़ पुलिस ने एम.के.राठौर तात्कालीन सर्वेयर शंकरगढ, आरके सोनवानी तत्कालीन कृषि विकास अधिकारी शंकरगढ, बीपी पिल्लै तत्कालीन सहायक भूमि संरक्षण अधीकारी रामानुजगंज, सीएन सिंह, संयुक्त संचालक कृषि सरगुजा संभाग एवं तात्कालीन थाना प्रभारी शंकरगढ के खिलाफ धारा 409, 417, 419, 467, 468, 120बी व 34 अंतर्गत के तहत अपराध दर्ज किया है।
(Bureau Chief, Korba)