RAIPUR: राजधानी रायपुर में साइबर ठगी का अनोखा मामला सामने आया है। ठगों ने एनर्जी कंपनी के नाम से मिलती जुलती नकली कंपनी बनाई। जिसके बाद सोशल मीडिया में लोगों को जोड़कर पैसे डबल करने का झांसा दिया। आरोपी इतने शातिर हैं कि, ठगी के बाद AI से वीडियो बनाकर खुद ही इसकी जानकारी भी दी।
लोगों ने जब पैसा इनवेस्ट कर दिया, तो आरोपियों ने कंपनी को बंद कर दिया और पैसा लेकर फरार हो गए। फरार होने के दौरान आरोपियों ने तीन आर्टिफिशियल वीडियो बनाए। जिसमें कहा गया कि, आप लोग ठगे गए हैं। मुझपर भरोसा करने के लिए धन्यवाद। अब हम फरार हो रहे हैं।
‘हम करोड़पति बन गए’
ठगी के बाद उसी ग्रुप में आरोपियों ने 3 वीडियो डाले। जिसे लड़की के चेहरे पर AI से बनाया गया था। वीडियो में एक लड़की कह रही है कि मेरा नाम हेलेना है, मैं बहुत बड़ी फ्रॉड हूं और अब हम करोड़पति बन गए हैं। आपके पैसे लेकर हम फरार हो रहे हैं।
वहीं एक और AI वीडियो में यह कहा जा रहा है कि, मेरा नाम रुचिका का है और मैं गुरु हेलेना के नक्शेकदम पर चल रही हूं और आप से रोज मैं पैसे मंगाती हूं अब हम भाग रहे हैं, पुलिस अब हमारी तलाश करेगी।
AI के तीन वीडियो में से एक, जिसे रुचिका नाम से बनाया गया।
ठगों ने एंग्लो अमेरिकन नाम से बनाई थी कंपनी
ठगो के झांसे में आने वाले राजा तालाब निवासी शख्स ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया, कि उन्हें परिचित के माध्यम से इस ऐप की जानकारी हुई थी। उन्होंने ऐप में पहले 40 हजार रुपए इनवेस्ट किया। पैसा इनवेस्ट करने के बाद उन्हें उनके वाट्सग्रुप में मैसेज आया, कि उन्हें 120 दिन तक 700 रुपए रोज मिलेगा। पैसा इनवेस्ट करते ही अगले दिन से उन्हें पैसा मिलना भी शुरु हो गया।
तीन महीने तक उन्हें लगातार पैसा मिला, इसी बीच उनके वाट्सग्रुप में मैसेज आया। जिसमें कंपनी ने इनवेस्ट करने के नाम पर एक दिन में पैसा डबल करने का ऑफर दिया। इस ऑफर को देखकर राजा तालाब निवासी ने लाखों रुपए इनवेस्ट कर दिए। पैसा इनवेस्ट करने के दिन कंपनी ने वाट्सऐप ग्रुप में वीडियो अपलोड किया और कंपनी बंद करके फरार हो गए।
आरोपियों ने वाट्सऐप ग्रुप बनाया था जिसमें 713 लोग जुड़े हुए थे।
सैकड़ों इनवेस्टर जुड़े थे ग्रुप से
पीडि़त ने बताया, कि उसके जैसे सैकड़ों लोग वाट्सऐप ग्रुप में जुड़े थे। कंपनी के लोग ग्रुप में चैट के माध्यम से चर्चा करते थे। उन्होंने हेल्पलाइन नंबर भी दिया था, जिसमें कंप्यूटराइज्ड बात होती थी। ठग पैसा इनवेस्ट कराने के लिए अलग-अलग खातों का प्रयोग करते थे। ये खाते अधिकांशता प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के होते थे।
एक साल के लिए परचेज किया था डोमेन तीन माह में बंद किया
डीबी डिजिटल टीम ने आरोपियों की कंपनी की जांच साइबर एक्सपर्ट से कराई। साइबर एक्सपर्ट ने बताया, कि आरोपियों ने एंग्लो अमेरिकन नाम से डोमेन एक साल के लिए परचेज किया था। डोमेन तो एक साल के लिए परचेज किया, लेकिन आरोपियों ने तीन माह में उसे बंद कर दिया है। आरोपियों ने ऐप की सेटिंग से ऐसी छेड़छाड़ की है, कि वो अब ओपन भी नहीं हो रहा है।
ठगी के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। जिसके आधार पर साइबर पुलिस जांच में जुटी है।
बदनामी के डर से नाम छिपा रहे पीड़ित
आरोपी ठगों के खिलाफ पीडि़त ने पुलिस में लिखित शिकायत दी है। लेकिन अधिकांश पीडि़त बदनामी के डर से अपना नाम सार्वजनिक नहीं कर रहे है। पीडि़तों के इस डर से इस तरह के आरोपियों के हौसले बुलंद है। डीबी डिजिटल टीम को आरोपियों की करतूत बताने वाले पीडि़त ने नाम नहीं सार्वजनिक करने की अपील की थी। पीडि़त की इस अपील की वजह से उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। पीडि़त का कहना है, कि उसके अलावा परिवार और रिश्तेदारी में कई महिलाओं ने भी पैसा मिलने के लालच में इनवेस्टमेंट कर दिया था। अब ठगी होने के बाद सब परेशान घूम रहे है।
हर दिन हो रही है साइबर ठगी
राजधानी रायपुर में साइबर ठगी का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। हर दिन ठगी की घटनाएं बढ़ रही है। आंकड़ों के अनुसार रायपुर साइबर सेल को बीते साल दो हजार से ज्यादा शिकायत पहुंची थी। लेकिन एफआईआर 105 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई थी। इसी तरह इस साल भी हर दिन साइबर ठगी से जुड़ी दो से तीन शिकायत पहुंच रही है। जिनमें साइबर सेल की टीम जांच कर रही है और उसके बाद केस दर्ज हो रहा है।
इन पैटर्न से हो रही ठगी
- इनवेस्टमेंट के नाम पर
- आधार कार्ड बैंक से जोड़ने के नाम पर
- लॉटरी के नाम पर
- इनाम की राशि के नाम पर
- एटीएम कार्ड की वैलिडिटी खत्म होने के ना मपर
- ऑनलाइन खरीदी में भारी छूट के नाम पर
- फेक ईमेल भेजकर ठगी
- ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर ठगी
- ऑनलाइन मोबाइल टावर बिजनेस के नाम पर ठगी
- सिम कार्ड की वैधता खत्म होने के नाम पर ठगी
- पॉलिशी रिनूअल कराने के नाम पर ठगी
- जॉब ऑफर के नाम पर ठगी
- ऑर्मीमैन बनकर ठगी
- रिश्तेदार बनकर ठगी
- सेक्स वीडियो बनाकर ठगी
- मदद के नाम पर ठगी
- क्रेडिट कार्ड बंद करने और शुरु करने के नाम पर ठगी