Bilaspur: बिलासपुर-गौरेला मार्ग पर रतनपुर के पास हुए भीषण सड़क हादसे में कार सवार दो युवक और युवती जिंदा जल गए और एक युवती का अब तक पता नहीं चल सका है। माना जा रहा है कि दुर्घटना के बाद सभी अंदर फंस गए और कार में आग लग गई।
युवक-युवतियों को बाहर निकलने का कोई मौका नहीं मिल पाया। धू-धूकर जल रहे कार ने पेड़ और उसकी टहनियों को भी झुलसा दिया था। मृतकों की पहचान कार के नंबर के साथ ही लाशों से मिले घड़ी, चेन और कड़ा जैसे अर्नामेंट्स से की गई।
याशिका की पहचान उसकी चेन से हुई।
इस हादसे के बाद गायब एक युवती की रूम की चाबी मिली है, जिसका कंकाल भी नहीं मिल सका है। ऐसे में उसके पिता को आशंका है कि उनकी बेटी भी जिंदा जल गई है और दो लाशें चिपक गई होगी। अब यह पुलिस के लिए जांच का विषय बन गया है। पुलिस इसकी पुष्टि करने के लिए हडि्डयों के अवशेषों का सिम्स में एफएसएल जांच कराएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कार में चौथा कंकाल भी था।
पत्रकार शाहनवाज खान ड्राइविंग सीट पर था। कड़ा, चेन और अंगूठी से उसकी पहचान हुई।
रविवार की देर रात लोगों ने कार को जलते देखा और पुलिस को हादसे की सूचना दी। घटना रात करीब एक से ड़ेढ़ बजे की है। राहगीरों ने इस हादसे की सूचना पुलिस को दी। जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, कार जलकर खाक हो गई थी। हादसे के बाद जब मौके पर पुलिस और परिचित के लोग पहुंचे तो कार की स्थिति देखकर हैरान हो गए। कार में सिर्फ लोहे का ढांचा बचा था।
मृतकों के कंकाल भी सीट से बुरी तरह से छिपके हुए थे। कार के नंबर प्लेट से कार मालिक पत्रकार शाहनवाज की पहचान हुई। ड्राइवर सीट पर उसके गले की मोटी चेन, हाथ में पहने कड़ा और अंगूठियों से उसकी पहचान हुई। वही, ड्राइवर सीट के बाजू में मिले कंकाल की पहचान एक चेन से हुई। बताया गया कि वह लड़की याशिका मनहर है। ऐसे ही पीछे की सीट में मिले कंकाल से एक कड़ा, चेन और घड़ी मिली, जिसकी पहचान अभिषेक कुर्रे के रूप में की गई।
जलकर खाक हो चुकी थी सभी लाशें, घड़ी व कड़ा से अभिषेक की हुई शिनाख्त।
चौथी लड़की के रूम की मिली चाबी, पिता बोले- मेरी बेटी भी जल गई
इस हादसे की जानकारी मिलते ही सभी के पेरेंट्स और दोस्त रतनपुर पहुंच गए। पुलिस की फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम भी मौके पर पहुंची थी। लेकिन, एक्सपर्ट भी यह नहीं बता सके कि कार में चौथी लड़की भी सवार थी। इसलिए, शुरुआत में यह माना जा रहा था कि बिलासपुर से निकलने के बाद वह रास्ते में कहीं उतर गई होगी। इधर, चौथी लड़की विक्टोरिया आदित्य के पिता सीएल आदित्य ने उसकी तलाश शुरू की, तब उन्हें पता चला कि उसके रूम में ताला बंद है। उसका मोबाइल भी आउट ऑफ रेंज है। उन्होंने पुलिस से हादसे की जानकारी ली, तब उन्हें तीन लाशें बरामद होने की जानकारी दी गई। उसके मोबाइल का लास्ट लोकेशन रतनपुर इलाके में मिला।
इससे घबराए आदित्य और परिजन भी देर शाम रतनपुर थाना पहुंचे। इस दौरान उन्हें बेटी विक्टोरिया की पहचान पूछा गया। लेकिन, विक्टोरिया कुछ ऐसे अर्नामेंट्स नहीं पहनी थी, जिससे उसकी पहचान की जा सके। उनका कहना था कि कार की बॉडी जलकर खाक हो गया तो अर्नामेंट्स से क्या पता चलेगा। पूछताछ में पता चला कि कार से एक चाबी मिली है, जिसे देखकर उन्होंने विक्टोरिया के रूम की चाबी की पहचान की। चाबी देखकर पिता को आशंका है कि उनकी बेटी भी जिंदा जल गई है। उन्होंने आशंका जताई कि पीछे की सीट में बैठे युवक और युवती की लाश चिपक गई होगी।
ऐसे में विक्टोरिया की पहचान के लिए पुलिस ने हडि्डयों के अवशेषों के साथ ही कार से बरामद सभी कंकाल का सिम्स के फोरेंसिक डिपार्टमेंट में पोस्टमार्टम और जांच के लिए भेजा है। उम्मीद है कि शव के अवशेषों और हडि्डयों की जांच से विक्टोरिया की पहचान हो सकती है। इसके बाद ही कार में चौथे सवार की पुष्टि हो सकती है। दैनिक भास्कर से बातचीत में सीएल आदित्य ने कहा कि उनकी बेटी भी जिंदा जल गई है। लेकिन, कार बुरी तरह से जलकर खाक हो गया था तो लाश की पहचान कैसे की जा सकती है। कार से हडि्डयों के अवशेष मिले हैं।
धू-धूकर जल रहे कार के अंदर नजर आ रहा था सवार युवक।
रात 11 बजे मां से कहा- पार्टी मनाने क्लब जा रही है
सीएल आदित्य कोरबा के एनटीपीसी स्थित केंद्रीय विद्यालय में टीचर हैं। उनका बड़ा बेटा कोनार्क आदित्य बीए कर चुका है और बेटी विक्टोरिया आदित्य (22) गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बीए सेकेंड ईयर की छात्रा थी। वह पीएससी की कोचिंग भी कर रही थी। वह रोज अपनी मां से बात करती थी। शनिवार की रात करीब 11 बजे भी उनकी बात हुई थी। तब विक्टोरिया ने कहा था कि वह दोस्तों के साथ पार्टी मनाने क्लब जा रही है। इस दौरान उसकी मां ने उसे जल्दी रूम जाने की समझाइश दी थी। इधर, रविवार की सुबह हादसे की जानकारी मिली, तब उनकी धड़कने बढ़ गई। सुबह से विक्टोरिया का फोन नहीं लग रहा था। उसके दोस्तों और सहेलियों से बात करने पर पता चला कि कार में वह भी सवार थी। लेकिन, उसका कुछ पता नहीं चल सका है। तब घबराएं परिजन रतनपुर पहुंचे।
आग से जलकर कार के अंदर अवशेष इस तरह दिख रहे थे।
अभिषेक ने शादी तय होने पर रखी थी पार्टी
इस हादसे में जिंदा जलने वाले अभिषेक कुर्रे (25) की शनिवार को ही शादी तय हुई थी। वह बेमेतरा लड़की देखने गया था। अभिषेक सिविल लाइन क्षेत्र के वसुंधरा नगर में रहता था और ऑटो डील का काम करता था। शादी तय होने पर उसके ससुरालवालों ने उसे गिफ्ट में घड़ी दिया था, जिसे देखकर उसके जीजा ने पहचान कार सवार युवक के रूप में की। शादी तय होने के बाद वह शहर पहुंचा और शाहनवाज खान से मिलने के बाद वह पार्टी करने के लिए निकल गया। इस दौरान कार में सवार होकर निकले। फिर देर रात कोरबा जिले के बालको की दो युवतियां याशिका मनहर पिता भवानीराम (22) और विक्टोरिया आदित्य (22) को साथ लेकर पार्टी करने के लिए रतनपुर क्षेत्र के पचरा स्थित गिन्नी रिसॉर्ट जाने के लिए निकल गए। रतनपुर के ग्राम पोड़ी और खैरा के बीच पहुंचे थे, तभी उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई और उसमें आग लग गई।
आग बुझी तब सिर्फ कार का ढांचा दिख रहा था।
बिलासपुर में पढ़ाई करती थी याशिका
पुलिस के अनुसार याशिका मनहर पिता भवानी राम मनहर (22) भी कोरबा जिले के बालको नगर स्थित भद्रापारा की रहने वाली थी और बिलासपुर में किराए में रूम लेकर गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करती थी। इसी दौरान उसकी पहचान कोरबा के एनटीपीसी में रहने वाली विक्टोरिया से हुई थी। वह भी पीएससी की कोचिंग कर रही थी। दोनों होटल में पार्टी मनाने जाती थीं, तभी उनकी दोस्ती शाहनवाज और अभिषेक से हुई थी।