- आरक्षण विधेयक-2022 के संबंध में चर्चा करते हुए अनुमोदन की अनुशंसा
- नगरनार इस्पात संयंत्र का निजीकरण नहीं करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने का निर्णय
- अनुसूचित क्षेत्रों में सामुदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों पर होगी त्वरित कार्यवाही
रायपुर: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण (संशोधन) विधेयक-2022 और छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) विधेयक-2022 के अनुमोदन की अनुशंसा की गई।गौरतलब है कि उक्त आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इसका अनुमोदन न होने पर विभिन्न वर्गों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति वर्ग को भी नौकरियों में भर्ती तथा शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश संबंधी कठिनाईयां आ रही है। इसके मद्देनजर आज छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में इसके अनुमोदन की अनुशंसा की गई। बैठक में नगरनार इस्पात संयंत्र का निजीकरण नहीं करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने का भी निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में सामुदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों पर त्वरित कार्यवाही की जाए।
बैठक में आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष एवं विधायक श्री रामपुकार सिंह, लोकसभा सांसद श्री दीपक बैज, संसदीय सचिव एवं विधायक श्री शिशुपाल सोरी और श्री इन्द्रशाह मण्डावी, विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, श्री चक्रधर सिंह, श्री लखेश्वर बघेल, श्री चंदन कश्यप, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सदस्य एवं विधायक श्री मोहन मरकाम, श्री अनूप नाग, श्री विनय भगत, श्री गुलाब कमरो, पूर्व विधायक श्री बोधराम कंवर सहित समिति के सदस्य श्री के.आर. पिस्दा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, आदिम जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह और आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी उपस्थित थीं।