Saturday, December 21, 2024
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              CG: MLA चिंतामणि महाराज की BJP में होगी घर वापसी… ओम माथुर रायपुर से अंबिकापुर रवाना, कराएंगे भाजपा प्रवेश; टिकट कटने पर कांग्रेस से की बगावत

              सरगुजा: टिकट कटने से बागी हुए सामरी कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज मंगलवार को बीजेपी में शामिल होंगे। उन्हें भाजपा में प्रवेश दिलाने के लिए प्रदेश प्रभारी ओम माथुर रायपुर से रवाना हो गए हैं। वे विमान से दरिमा पहुंचेंगे। चिंतामणि महाराज अपने समर्थकों के साथ अंबिकापुर के राजमोहनी भवन में भाजपा प्रवेश करेंगे।

              दरअसल कांग्रेस ने सामरी से विधायक चिंतामणी महाराज की जगह विजय पैकरा को प्रत्याशी बनाया है। तब से चिंतामणी महाराज के तेवर बगावती हैं। वे लगातार भाजपा के संपर्क में थे। पहले चिंतामणि महाराज ने भाजपा में शामिल होने के लिए अंबिकापुर से प्रत्याशी बनाए जाने की शर्त रखी थी।

              हेलीकॉप्टर से पहुंचे चिंतामणि महाराज बोले- बीजेपी नेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं।

              हेलीकॉप्टर से पहुंचे चिंतामणि महाराज बोले- बीजेपी नेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं।

              दो दिन पहले भाजपा के हेलीकाप्टर से आए थे चिंतामणि​​

              रविवार को बृजमोहन अग्रवाल हेलीकॉप्टर से कुसमी और श्रीकोट पहुंचे थे। तब चिंतामणि महाराज भी भाजपा के हेलीकॉप्टर से रायपुर से कुसमी आए थे। यहां भाजपा के नेताओं ने उनका स्वागत किया था। दो दिन पहले तक चिंतामणि महाराज ने यह स्पष्ट नहीं किया था कि वे भाजपा में जा रहे हैं।

              सांसद का टिकट देने का आश्वासन मिला

              भाजपा ने चिंतामणि को अंबिकापुर से भाजपा प्रत्याशी बनाने की शर्त को दरकिनार कर दिया। अंबिकापुर से राजेश अग्रवाल को डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के खिलाफ प्रत्याशी घोषित कर दिया। चिंतामणि के भाजपा प्रवेश की अटकलें इसके बाद भी थी। चिंतामणि ने खुद खुलासा किया था कि भाजपा उन्हें सरगुजा से सांसद का टिकट देने तैयार है।

              भाजपा से कांग्रेस में आए थे चिंतामणि

              चिंतामणि महाराज करीब 11 साल पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। 2013 में उन्हें कांग्रेस ने लुंड्रा से टिकट दिया था और वे विधायक बने। फिर 2018 में चिंतामणि महाराज को कांग्रेस ने सामरी से प्रत्याशी बनाया और वे दूसरी बार विधायक चुने गए।

              रमन सरकार के पहले कार्यकाल में चिंतामणि महाराज 2004 से 2008 तक राज्य संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष रहे। भाजपा से उपेक्षित होने पर उन्होंने 2008 में सामरी विधानसभा से ही निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें हार गए थे।

              भाजपा से कांग्रेस में आए थे चिंतामणि महाराज।

              भाजपा से कांग्रेस में आए थे चिंतामणि महाराज।

              डिप्टी सीएम सिंहदेव ने भी की थी बात

              चिंतामणी महाराज के भाजपा प्रवेश की खबरों के बीच डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने भी चिंतामणि महाराज को फोन किया था। सिंहदेव ने कहा था कि वे चाहते हैं कि चिंतामणि कांग्रेस में ही रहें तो अच्छा है। कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया है।

              6 विधानसभा सीटों पर सीधे असर

              चिंतामणि महाराज पूज्य संत गहिरा गुरू के बेटे हैं। संत समाज के अनुयायी पूरे सरगुजा संभाग और रायगढ़ जिले में भी हैं। हालांकि उनके ज्यादा अनुयायी अंबिकापुर, लुंड्रा, सामरी, जशपुर, कुनकुरी और पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्रों में हैं। उनके भाजपा प्रवेश का असर इन 6 विधानसभाओं में देखने का मिल सकता है।




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