Thursday, November 28, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाCG: बच्चे का शव सीने से लगाकर घूमती रही मां.. पति और...

CG: बच्चे का शव सीने से लगाकर घूमती रही मां.. पति और पिता ने निकाल दिया था घर से, मदद के लिए दर-दर भटकती रही

Kanker: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मासूम की मौत हो गई। इसके बाद उसकी मां 2 दिन तक बच्चे के शव को सीने से लगाकर घूमती रही। उसने कई लोगों से बच्चे का अंतिम संस्कार कराने के लिए मदद मांगी, मगर किसी ने उसकी सहायता नहीं की। उधर, पिता और पति ने पहले से ही उसे घर से निकाल दिया था। जिसके कारण वह कई दिनों से मायके में ही भटक रही थी। मामला कांकेर थाना क्षेत्र का है।

मलांजकुड़ूम की रहने वाली मनसू गावड़े(22) की शादी कुछ साल पहले मुरागांव निवासी लक्ष्मण गावड़े से हुई थी, लेकिन शादी के बाद से ही दोनों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। मनसू भी मानसिक रूप से कमजोर थी। इसलिए आए दिन दोनों के बीच विवाद होता था। महिला जब गर्भवती हुई तो उसकी तबीयत भी काफी बिगड़ गई थी। मगर पति ने उसका इलाज नहीं करवाया।

आए दिन पति करता था पिटाई

बताया गया कि तबीयत बिगड़ने के बाद मनसू की स्थित और खराब हो गई। इसके बाद जब उसने बच्चे को जन्म दिया, तब बच्चा भी काफी कमजोर था। बच्चा होने के बावजूद लक्ष्मण उससे मारपीट करता था। आए दिन विवाद होता था। इसी कारण मनसू कुछ समय पहले अपने मायके मलांजकुड़ूम आ गई। यहां मायके में वो कुछ दिन रही, लेकिन मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसके पिता ने भी उसे घर से निकाल दिया।

मदद की आस में ऐसे बैठी रही महिला।

मदद की आस में ऐसे बैठी रही महिला।

जलप्रपात के किनारे बैठी थी

इसके बाद से मनसू मायके में ही यहां-वहां घूमती रहती थी। वो खाने-पीने के लिए भी मोहताज थी। इधर-उधर मांगकर वह खाना खाया करती थी। इस बीच उसके बच्चे की भी मौत हो गई। इस बात की जानकारी तब सामने आई, जब रविवार दोपहर मलांजकुड़म जलप्रपात के बीच महिला अपने बच्चे का शव लिए बैठी थी। जलप्रपात घूमने आए लोगों ने उसे देखा था। जिसके बाद महिला ने उनसे मदद मांगी।

शनिवार सुबह ही खत्म हो गया था बच्चा

ये देखने के बाद ही घूमने आए लोगों ने महिला की मदद की और उसके बारे में जानकारी मांगी। तब उसने पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। मगर मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण महिला ठीक से ज्यादा बोल नहीं पा रही थी। फिर भी उसने थोड़ी बहुत जानकारी दी है। उसने बताया कि उसका 2 साल का बच्चा शनिवार सुबह खत्म हो गया। इसलिए मैं उसे सीने से लगाई घूमती रही, कुछ लोगों से मदद मांगी, पर किसी ने मदद नहीं की। इसलिए यहां जलप्रपात के किनारे बैठी थी।

मां ने रोते-रोते बच्चे को अंतिम विदाई दी।

मां ने रोते-रोते बच्चे को अंतिम विदाई दी।

रविवार शाम हुआ अंतिम संस्कार

इस पूरे घटनाक्रम के बाद नगर पालिका की टीम को बुलाया गया। तब बच्चे का अंतिम संस्कार रविवार शाम को किया गया है। वहीं महिला के देख-रेख के लिए उसे सखी सेंटर भेजा गया है। जहां उसकी ठीक से देख रेख हो सके। पुलिस को भी इस बात की सूचना दी गई थी। पुलिस ने महिला से इस बारे में और जानकारी जुटानी चाही, लेकिन वह ज्यादा कुछ बोल नहीं पा रही थी।

कुपोषित था बच्चा

इस मामले को लेकर कांकेर थाना प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि, बच्चे के शव को अपने कब्जे में लेकर उसका विधिवत अंतिम संस्कार नगर पालिका की मदद से कराया गया है। बच्चा काफी कमजोर व कुपोषित था जिससे उसकी स्वाभाविक मौत हुई। महिला को सखी सेंटर भेजा गया है। पहले महिला का काउंसलिंग कराया जाएगा। इसके बाद उसके परिवार के लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

नगर पालिका की मदद से बच्चे का अंतिम सं संस्कार किया गया है।

नगर पालिका की मदद से बच्चे का अंतिम सं संस्कार किया गया है।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

मानसिक रूप से कमजोर महिलाओं के साथ इससे पहले भी एसी घटनाएं हो चुकी हैं। साल 2020 में कोयलीबेड़ा थाना के सरगीकोट में एक मानसिक रूप से कमजोर महिला ने शिशु को जन्म दिया था। महिला को परिजनों ने मवेशी के कोठे में बेड़ियों में जकड़ कर रखा था। जन्म के बाद महिला व शिशु दोनो 24 घंटे तक एसे ही पड़े रहे, लेकिन परिजन वहां नहीं पहुंचे।

इस मामले में सूचना पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी व उनकी टीम ने रेस्क्यू कर दोनों को वहां से सुरक्षित निकाला था। इसके पूर्व साल जनवरी 2019 में दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग ने एक शिशु को जन्म दिया था। जन्म के तीसरे दिन शिशु की मौत हो गई थी और बालिका के माता-पिता उसे 24 घंटे तक बेड के नीचे गोद में लेकर बैठे हुए थे।




RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular