रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक नवम्बर से शुरू हुई धान की सरकारी खरीदी 31 जनवरी को पूरी हो गई। सरकार ने तीन महीनों के दौरान एक करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का टारगेट तय किया था। मंगलवार को 13 हजार 446 टन धान आया। इसके साथ ही धान खरीदी का आंकड़ा एक करोड़ सात लाख 52 हजार मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया, अब तक राज्य के 23 लाख 39 हजार किसानों ने धान बेचा है। 30 जनवरी को 6 हजार 905 किसानों से 23 हजार टन से अधिक धान की खरीदी की गई। ऑनलाइन प्राप्त टोकन के जरिए किसानों से 2 हजार टन धान की खरीदी हुई। वहीं 31 जनवरी को शाम तक तीन हजार 964 किसानों ने 13 हजार 446 मीट्रिक टन धान बेचा। इसी के साथ सरकारी खरीदी का यह सीजन खत्म हो गया। धान खरीदी के भुगतान के लिए मार्क फेड ने अपेक्स बैंक को 22 हजार करोड़ रुपया जारी कर दिया है।
धान खरीदी केंद्रों पर इस तरह का उत्साह दिख रहा था।
इस साल छत्तीसगढ़ में 24 लाख 98 हजार किसानों का पंजीयन हुआ था। उसमें से लगभग 2 लाख 32 हजार नये किसान शामिल हैं। किसानों को धान बेचने में सहूलियत हो इसके लिए इस वर्ष राज्य में 135 नए खरीदी केन्द्र शुरू किए गए।प्रदेश में अभी धान खरीदी के लिए 2 हजार 617 केन्द्र हो गये हैं। सामान्य धान 2040 रुपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। छत्तीसगढ़ के 22 साल के इतिहास में यह एक सीजन में हुई धान की सर्वाधिक खरीदी है। पिछले सीजन में 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी।
89 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव पूरा
इस वर्ष धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव जारी है। अब तक कुल धान खरीदी 107 लाख मीट्रिक टन में से लगभग 96 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया जा चुका है। इसके आधार पर राइस मिलर्स ने 89 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उठाव कर लिया है।
पिछले साल खरीदी के दौरान बारदानों का संकट आया था, इस साल इस तरह की कोई बड़ी दिक्कत पेश नहीं आई।
पिछले सालों में लगातार बढ़ी है आवक
राज्य सरकार ने पिछले साल एक दिसम्बर से 7 फरवरी तक खरीदी की थी। तब 97 लाख 97 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी हुई थी। यह तब की सबसे अधिक खरीदी का रिकॉर्ड था। वर्ष 2021 में 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। वहीं 2020 में 83लाख 94हजार मीट्रिक टन तथा 2019 में 80 लाख 37 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी।