BHILAI: भिलाई स्टील प्लांट के रेल मिल के कर्मचारी प्रवीण देशमुख की शुक्रवार रात रेल लाइन पर क्षत-विक्षत लाश मिली। रेलवे ट्रैक पर लाश देखकर वहां से गुजर रहे शख्स ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पहले नेवई पुलिस मौके पर पहुंची। बाद में सीमा विवाद के चलते मामला पद्मनाभपुर पुलिस को हैंड ओवर किया गया।
बीएसपी कर्मी वहां कैसे पहुंचा, उसने खुदकुशी की या ये दुर्घटना या हत्या है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस जांच कर रही है। पद्मनाभपुर पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, उन्हें नेवई पुलिस से शुक्रवार देर रात सूचना मिली थी कि पारस धाम जैन मंदिर धनोरा रोड, शराब भट्टी के पीछे करीब 100 मीटर की दूरी पर रेलवे लाइन पर एक लाश मिली है।
डेड बॉडी का एक हाथ और पैर कट गया था। शव देखते ही नेवई पुलिस ने केस लेने से मना किया और कहा कि ये मामला पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र का है।
क्षत-विक्षत लाश को भेजा गया पोस्टमॉर्टम के लिए।
आधार कार्ड और मोबाइल फोन से हुई पहचान
सूचना पाकर पद्मनाभपुर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए दुर्ग जिला अस्पताल भेजा। शव के कपड़ों की तलाशी लने पर उसकी जेब से एक आधार कार्ड मिला था। उस आधार कार्ड से पता चला कि ये लाश प्रवीण देशमुख (50) की है। शव से कुछ ही दूरी पर ही एक मोबाइल फोन भी पड़ा हुआ मिला, जिसे जब्त कर पुलिस जांच कर रही है।
शनिवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। जिसके बाद उन्होंने शाम को रिसाली मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया।
सीमा विवाद में उलझा रहा मामला
दरअसल रेलवे ट्रैक पर जिस जगह पर प्रवीण देशमुख की लाश मिली थी, वो नेवई और पद्मनाभपुर पुलिस का सीमावर्ती क्षेत्र है। नेवई पुलिस पहले वहां पहुंची और उसके बाद वो कहने लगी कि ये क्षेत्र पद्मनाभपुर पुलिस थाना इलाके का है। इसके बाद नेवई पुलिस कार्रवाई करने से पीछे हट गई। बड़ी मुश्किल से पद्मनाभपुर पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
परिजनों ने पुलिस को बताया कि प्रवीण शुक्रवार रात 10 बजे घर से निकला था। रात 12 बजे तक नहीं लौटने पर घर वालों ने उसकी तलाश शुरू की। परिजन उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने नेवई थाने भी पहुंचे थे। यहां पुलिस ने आधार कार्ड और लाश की फोटो दिखाई, तो उन्होंने प्रवीण की पहचान कर ली।
रेल मिल में कार्यरत थे प्रवीण
परिजनों ने बताया कि प्रवीण देशमुख रेल मिल के एलआरपी में कार्यरत थे। इससे पहले वो नंदिनी माइंस में काम करते थे। रेल मिल के कर्मचारियों को यकीन ही नहीं हो रहा है कि देशमुख आत्महत्या कर सकते हैं। मृतक का एक बेटा है। पत्नी शिक्षा विभाग में कार्यरत है। परिवार रिसाली में रहता है।