दुर्ग: जिले की बेटी आईपीएस श्वेता चौबे राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होगी। श्वेता इस समय उत्तराखंड राज्य के पौड़ी में बतौर एसएसपी पदस्थ हैं। वो दुर्ग जिले की रहने वाली हैं और छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी विजय शंकर चौबे की बेटी हैं। श्वेता के पिता भी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं।
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अलग-अलग क्षेत्र में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए पुरस्कृत करने चयनित किया गया है। इन सभी अधिकारियों की सूची हाल ही में जारी की गई है। इसमें श्वेता चौबे का भी नाम शामिल है। श्वेता का नाम पौड़ी जिले में बतौर एसएसपी पदस्थ रहते हुए सराहनीय पुलिस सेवा के दृष्टिकोण से राष्ट्रपति मेडल के लिए चयनित हुआ है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी विजय शंकर चौबे।
आईपीएस श्वेता चौबे के पिता विजय शंकर चौबे को यह पुरस्कार सन 1987 में दुर्ग में पदस्थ रहते हुए मिला था। इसके बाद वे सन 2000 में विशिष्ट पुलिसिंग सेवा के लिए भी राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजे गए थे। बता दें कि श्वेता चौबे का पूरा बचपन छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में ही बीता है।
उत्तराखंड की शेरनी के नाम से जानी जाती हैं श्वेता
श्वेता चौबे को उनकी पुलिसिंग के लिए पूरे उत्तराखंड में उत्तराखंड की शेरनी के नाम से जाना जाता है। श्वेता ने सन 2005 में बतौर डीएसपी राज्य पुलिस सेवा में अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद अपने दबंग अंदाज के चलते उन्हें धीरे-धीरे उत्तराखंड की शेरनी के नाम से जाना जाने लगा। सन 2019 में उन्हें आईपीएस अवार्ड हुआ और वे देहरादून में बतौर एसपी पदस्थ हुईं।
शिक्षक भर्ती घोटाले सहित कई बड़े अपराधों को किया खुलासा
कोरोना काल में बतौर एसपी सिटी श्वेता के कार्यकाल की हर किसी ने सराहना की। इसके अलावा 2021 के महाकुंभ के दौरान उन्होंने जिस तरह से कार्य किया वह किसी से छिपा नहीं है। एसआईटी में रहते हुए उन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाले का भंडाफोड़ किया। वहीं विजिलेंस में रहते हुए बड़े-बड़े भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने का काम किया।
अंकिता भंडारी कांड के बाद पौड़ी जिले के बिगड़ते हालात को देखते हुए उनको पौड़ी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी मिली थी। उनके नेतृत्व में पौड़ी पुलिस ने कई बड़ी सफलता हासिल की है। इस बार के कांवड़ मेले के दौरान नीलकंठ महादेव मंदिर में उमड़ी भीड़ और खराब मौसम के बीच वह लगातार पुलिसकर्मियों का उत्साहवर्धन करती रहीं। अब केंद्रीय गृह विभाग ने उनकी बेहतरीन पुलिसिंग के लिए उन्हें राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
पिता के पदचिन्हों पर चल रही है बेटी
मीडिया से बातचीत में श्वेता चौबे ने बताया कि उनके पिता विजय शंकर चौबे को बचपन से ही उन्होंने पुलिस में सेवा देते हुए देखा है। वो बचपन से ही एक बड़ी पुलिस अधिकारी बनना चाहती थीं। उनका यह सपना तब पूरा हुआ जब वे उत्तराखंड राज्य पुलिस सेवा में बतौर डीएसपी पदस्थ हुईं।
श्वेता ने बताया कि इस पुरस्कार के मिलने से वे बहुत खुश हैं, लेकिन उससे भी ज्यादा खुशी उन्हें इस बात की है कि वे अपने पिता के पदचिन्हों पर आगे बढ़ रहीं है। आगे भी इसी तरह वो अपने पिता के आदर्शों के साथ ईमानदारी से पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं देती रहेंगी।
(Bureau Chief, Korba)