Sunday, December 22, 2024
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              CG NEWS: राजस्थान से 1.60 करोड़ की नशीली दवाएं जब्त… दुर्ग पुलिस ने की छापेमारी, संचालक गिरफ्तार, देशभर में करता था सप्लाई

              DURG: छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने नशे के खिलाफ अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने राजस्थान में अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर 1 करोड़ 60 लाख 44 हजार रुपए की नशीली टेबलेट और सिरप जब्त किया है। संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

              एसपी राम गोपाल गर्ग मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जिले में लगातार नशे के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। नशे के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए एक विशेष टीम गठित की है। टीम ने मामले की जांच करते हुए प्रदेश में नशे की दवाओं की सप्लाई करने वाले गिरोह तक पहुंची।

              मामले का खुलासा करते दुर्ग एसएसपी, एएसपी और अन्य अधिकारी।

              मामले का खुलासा करते दुर्ग एसएसपी, एएसपी और अन्य अधिकारी।

              राजस्थान में व्यापारी के ठिकाने पर मारा छापा

              जैसे ही पता चला कि नशे की सिरप और दवाओं की सप्लाई के तार राजस्थान से जुड़े हैं, तो सीएसपी मणि शंकर चंद्रा के नेतृत्व में एक टीम राजस्थान के बूंदी भेजा गया। वहां बायोलैब रेमेडीज के संचालक अंकुश पॉलीवाल के पास से 1.60 करोड़ की नशीली दवा जब्त किया है।

              राजस्थान से जब्त की गई डेढ़ करोड़ से अधिक कीमत की दवाएं।

              राजस्थान से जब्त की गई डेढ़ करोड़ से अधिक कीमत की दवाएं।

              राजस्थान से पूरे देश में सप्लाई होती थी नशीली दवाएं

              दुर्ग पुलिस ने जांच में पाया कि राजस्थान के बूंदी स्थित बायोलैब रेमेडीज से पूरे देश में नशीली दवाओं की अवैध सप्लाई की जाती थी। पुलिस ने जब संचालक अंकुश पालीवाल से पूछताछ की, तो उसने बताया कि उनके यहां से भारत के कई राज्यों सहित बांग्लादेश में भी ऑनलाइन दवा की सप्लाई की जाती है। वैध दस्तावेज नहीं मिलने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

              नशीली दवा के कारोबार से जुड़ा था दुर्ग का वैभव खंडेलवाल।

              नशीली दवा के कारोबार से जुड़ा था दुर्ग का वैभव खंडेलवाल।

              दवा बेचने के लिए भाई-बहन ने बनाई फर्जी कंपनी

              नशीली दवा बेचने के काले कारोबार में दुर्ग के वैभव खंडेलवाल और आकांक्षा खंडेलवाल भी शामिल थे। इन दोनों ने ऑनलाइन दवा सप्लाई के लिए इंडिया मार्ट साइट का सहारा लिया। उन्होंने एक फर्जी कंपनी (वायरस मेडिकोज) बनाई और उसके आधार पर इंडिया मार्ट में उसका रिजस्ट्रेशन कराया।

              ये लोग राजस्थान से अकुंश पालीवाल से प्रतिबंधित नशीली दवाओं को मंगाते थे और ऑनलाइन पूरे देश में बेचते थे। वहीं वैभव की बहन आकांक्षा खंडेलवाल छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में संपर्क कर इस दवा को रिटेल में बेचती थी। उसे पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

              नशीली दवा के कारोबार से जुड़ी थी दुर्ग का आकांक्षा खंडेलवाल।

              नशीली दवा के कारोबार से जुड़ी थी दुर्ग का आकांक्षा खंडेलवाल।

              डॉर्क वेब वेबसाइट का किया उपयोग

              आरोपियों ने बताया कि उन्होंने फर्जी कंपनी बनाने के लिए डार्ग वेब नाम की वेबसाइट का उपयोग किया। उस वेबसाइट की मदद से सीखा कि किस तरह से फर्जी कंपनी राजिस्टर्ड कर नशीली दवाओं का कारोबार कर अधिक पैसा कमाया जा सकता है। इसके बाद अंकुश पालीवाल से संपर्क किया और उससे दवा लेकर पूरे देश में सप्लाई किया।




                    Muritram Kashyap
                    Muritram Kashyap
                    (Bureau Chief, Korba)
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