रायपुर: आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर नवा रायपुर में 218 करोड़ रुपए के 10 काम छीन लिए गए हैं। इसमें से करीब 200 करोड़ रुपए के 9 काम रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही थी बाकी एक काम कल्याण टोल नाम की कंपनी के पास है। रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्राेपाइटर मोहम्मद असगर हैं। इस मामले की मंत्री ओपी के पास दस्तावेज के साथ शिकायत की गई है।
ओपी ने कहा कि यह कंपनी पूर्व मंत्री मो. अकबर के परिवार से जुड़ी हुई है। इसकी जांच की जाएगी। जून में सभी काम पूरे हो जाने थे, उसके बावजूद कंपनी को हर तीन महीने में एक्सटेंशन दे दिया जा रहा था। पड़ताल करने पर यह भी सामने आया कि स्मार्ट सिटी के काम में 50% केंद्र और 50% शेयर राज्य का होता है। जून में स्मार्ट सिटी का काम बंद हो जाएगा। ऐसे में पूरा खर्च राज्य को ही करना पड़ेगा। इसे देखते हुए ओपी ने काम को तेजी से करने कहा है।
असगर को 100 करोड़ का भुगतान भी हो चुका है
एनआरडीए के अधिकारियों ने बताया कि 14 काम रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी के पास है। इसमें से 6 काम कंपनी लगभग पूरा कर चुकी है। बाकी 9 काम की गति बहुत ही धीमी थी। कंपनी को अब तक करीब 100 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है।
ऐसे समझें पूरा विवाद
नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के अफसरों ने स्मार्ट सिटी में धीमा काम कर रही एजेंसियों से 218 करोड़ रुपए के 10 काम वापस ले लिए। ये एजेंसी मनमाने तरीके से काम कर रही थी। नवा रायपुर स्मार्ट सिटी ने ठेका एजेंसी को आधा दर्जन से अधिक बार नोटिस जारी किया था। नोटिस के बाद भी काम नहीं सुधरा। स्मार्ट सिटी लिमिटेड अब इन कामों के लिए दोबारा टेंडर जारी करेगा।
स्मार्ट सिटी में 9 काम कर रही थी रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी
- क्लब हाउस
- साइकिल ट्रैक
- सड़क निर्माण
- सेंध लेक का सौंदर्यीकरण
- 3 तालाबों का सौंदर्यीकरण
- सेक्टर 29 और 27 में पार्क बनाना
- एसटीपी पाइप लाइन को जोड़ने का काम
- मंत्रालय के चारों तरफ फेंसिंग और प्लांटेशन
- कब्रिस्तान और श्मशान घाट का निर्माण