महासमुंद: जिले के एक एनजीओ ने महिला समूह का गठन करने के बाद काम देने के नाम पर महिलाओं से लाखों रुपए की धोखाधड़ी की है। महिलाओं ने यह भी बताया कि एनजीओ ने 16 महिलाओं की टीम बनाई गई थी। प्रत्येक को 5 ग्राम पंचायत में समूह गठन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। महिलाओं ने इसकी लिखित शिकायत सिटी कोतवाली में की है।
महिलाओं ने बताया कि प्रत्येक समूह में 10 महिलाओं को रखा गया था। इस तरह से हमारी जानकारी में कुल 800 महिलाओं के साथ ठगी हुई है। ठगी का शिकार होने वाली महिलाएं महासमुंद शहर सहित ग्रामीण अंचलों की हैं। आरोप है कि बसना के जीव संस्कार जन जाग्रति एनजीओ ने लाखों की धोखाधड़ी की है।
इन महिलाओं से हुई ठगी
महासमुंद जिले के ग्राम बकमा, कोना, खट्टी, परसदा, लभरा, परसकोल, मचेवा, बरोंड़ा बाजार, रमन टोला की गायत्री भारद्वाज, बसंती बंजारे, भोलेश्वरी कोसरे, सबित्री देवांगन, सविता डहरिया, निधी मानिकपुरी अमरिका बघेल, रामकुमार साहू, कांती, मैना, हीराबाई, बसंती साहू तुलसी दिनेश्वरी और ज्योति ध्रुव समेत कई महिलाओं से ठगी हुई है।
महासमुंद जिले के एक एनजीओ ने महिला समूह का गठन करने के बाद काम देने के नाम पर महिलाओं से लाखों रुपए की धोखाधड़ी की है।
पांच गांव में दो-दो समूह गठन करने की जिम्मेदारी
पीड़ितों ने बताया कि, बसना के जीव संस्कार जन जाग्रति एनजीओ के मुख्य कार्यकर्ता भुकेल निवासी परवेज आलम, झलप के सुनिल कुलदीप, दिलीप दास और राजा खान ने पिछले एक साल से शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में गांव की महिलाओं को प्रतिनिधि नियुक्त कर प्रत्येक महिला को पांच-पांच गांव में दो-दो समूह गठन करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
28 किलो निरमा बनाने का कच्चा माल देकर फरार
एनजीओ ने समूह को अगरबत्ती, चाय पत्ती, निरमा बनाने का काम देने का भरोसा दिलाया। समूह के प्रत्येक सदस्यों से 650 रुपए वसूला गया। एनजीओ के मुख्य कार्यकर्ता काम देने के नाम पर घुमाते रहा। महिलाओं के दबाव के बाद एनजीओ ने करीब 28 किलो निरमा बनाने का कच्चा माल दिया, इसके बाद कर्मचारी रफूचक्कर हो गए। आरोपी का नाम परवेज आलम बताया जा रहा है।
जांच में धोखाधड़ी पाए जाने पर होगी कार्रवाई
इस धोखाधड़ी के मामले में सिटी कोतवाली प्रभारी मोनिका श्याम ने कहा कि महिलाओं की शिकायत मिली है, जिसकी जांच कराई जाएगी। जांच में धोखाधड़ी पाई जाती है, तो संबंधित एनजीओ के खिलाफ विधिवत कार्रवाई की जाएगी।