रायपुर: छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पिछली सरकार में बहुत सारे भ्रष्टाचार हुए हैं, जहां लगेगा की गलत हुआ है जांच बैठाएंगे और दोषियों पर कार्रवाई करेंगे। रायपुर से बस्तर रवाना होने से पहले सीएम ने यह बयान दिया है।
पूर्व मंत्री और कुरुद से भाजपा के विधायक अजय चंद्राकर ने हाल ही में बयान दिया था कि कांग्रेस ने राम के नाम पर भ्रष्टाचार किया है। करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट में अनियमितता है। इसकी जांच होनी चाहिए। हालांकि तब कांग्रेस ने इस आरोप को नकारते हुए निराधार बता दिया था।
मुख्यमंत्री पहले भी दे चुके हैं बयान
सरकार बनने के बाद दिसंबर के महीने में पहली कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने भगवान राम और कांग्रेस को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने राम के नाम पर पाखंड किया। इन लोगों ने वोट के नाम पर नौटंकी की। हम तो राम को अपना आराध्य मानते हैं। जनता ने कांग्रेस का पाखंड समझ लिया इसलिए 35 पर आ गए।
क्या है राम वनगमन प्रोजेक्ट ?
माना जाता है कि छत्तीसगढ़ को प्राचीन धर्म ग्रंथों में कोशल प्रदेश बताया गया है। कौशल प्रदेश (छत्तीसगढ़) भगवान राम का ननिहाल है। यहां के लोग उन्हें भांचा यानी भांजा मानते हैं। उन्होंने अपने वनवास का सबसे ज्यादा समय भी यहीं बिताया। श्रीराम यहां कोरिया से लेकर कोंटा तक 2226 किमी पैदल चले और 12 चातुर्मास किए।
प्रदेश के उत्तर में सरगुजा से लेकर दक्षिण के सुकमा तक श्रीराम से जुड़े स्थानों की पूरी श्रृंखला मिलती है, जिनसे लोक आस्थाएं जुड़ी हुई हैं। इस दौरान राम जिन 9 जिलों से होकर गुजरे, उस पथ की 75 जगहों को चिन्हित किया गया है। इनको विकसित करने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 137 करोड़ 45 लाख का ‘राम वन गमन परिपथ’ का प्रोजेक्ट तैयार किया।