बिलासपुर: हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने शीतकालीन अवकाश के बीच अचानक एक जनहित याचिका की सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर और सिम्स के डीन को तलब कर जमकर फटकार लगाई। सुनवाई के दौरान कलेक्टर बिना ड्रेस कोड के ही कोर्ट पहुंच गए, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। इसके साथ ही सिम्स की अव्यवस्थाओं, दवाओं की कमी और रेलवे की पार्किंग की समस्या को लेकर भी जमकर फटकार लगाई।
हाईकोर्ट में शीतकालीन अवकाश चल रहा है। बावजूद इसके गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेाश कुमार सिन्हा ने आनन-फानन में डिवीजन बेंच गठित की और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल को कोर्ट बुलाया। फिर उन्होंने सिम्स की अव्यवस्थाओं पर चल रही जनहित याचिका की सुनवाई शुरू की। इसके साथ ही कलेक्टर अवनीश शरण और सिम्स के डीन डॉ. केके सहारे को तलब किया।
बुधवार को कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान सिम्स में मिला था कॉकरोच।
आपका ड्रेस कोड कहा है महोदय
केस की सुनवाई शुरू हुई, तब डिवीजन बेंच ने कलेक्टर अवनीश शरण से पूछा कि आप बिना ड्रेस कोड के कैसे पहुंच गए हैं। तब कलेक्टर ने बताया कि वो दफ्तर में बैठे थे। इसी बीच उन्हें कोर्ट आना पड़ा। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि टाई तो लगाकर आना चाहिए था।
आप फोटो खिंचाइए ठीक है, लेकिन व्यवस्था में भी सुधार हो
चीफ जस्टिस सिन्हा ने सिम्स की अव्यवस्थाएं दूर नहीं होने पर कलेक्टर पर जमकर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि कल आप सिम्स गए थे, यह हमें अखबारों से पता चला है। आप जाइए फोटो खिंचाइए। लेकिन, निरीक्षण के बाद अव्यवस्थाओं पर भी ध्यान दे। जो खामियां मिली है उसे दूर करना भी चाहिए।
कलेक्टर बोले- लंबे समय से पदस्थ डॉक्टर हटाए जाएंगे
केस की सुनवाई के दौरान कलेक्टर अवनीश शरण ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद से लगातार खामियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है। खुद चीफ सेक्रेटरी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक लेकर दिशानिर्देश दिए थे। जिसके बाद से वो खुद लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिम्स में मैनेजमेंट की समस्या है, जिसे दूर करने के लिए लंबे समय से पदस्थ डॉक्टरों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर अवनीश शरण ने मरीज और परिजनों का जाना हाल।
पीडब्यूडी, नगर निगम, सीजीएमसी सब मिलकर कर रहे हैं काम
कलेक्टर अवनीश शरण ने कहा कि सिम्स में मूल रूप से तीन तरह की अव्यवस्थाएं हैं। इसमें पहला अधोसंरचना, क्लिनिकली और मैनेजमेंट की समस्या है। उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर का 75 फीसदी काम हो गया है। क्लिनिकल में दिक्कत यह है कि सिम्स में डॉक्टर सहित ज्यादातर स्टाफ लंबे समय से पदस्थ है। अब उनका ट्रांसफर करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। कलेक्टर ने कहा कि वो खुद लगातार सिम्स की मानिटरिंग कर रहे हैं।
सीजे ने डीन से पूछा 2021 से क्या कर रहे हैं
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सिम्स के डीन डॉ. केके सहारे को भी जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि डीन यहां कब से पोस्टेड हैं। तब डीन डॉ. सहारे ने बताया कि वो 2021 से हैं। इस पर कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि इतने सालों से आप क्या कर रहे हैं। केवल निरीक्षण करना ही काम नहीं है। खामियों को दूर करने के लिए आपने क्या किया है। इस पर डीन डॉ. सहारे चुप्पी साधे रहे। वहीं कोर्ट ने कलेक्टर अवनीश शरण से अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए कहा। वहीं, कलेक्टर ने सिम्स का लगातार निरीक्षण कर दिक्कतों को दूर करने की बात कही।
सिम्स और जिला अस्पताल में दवाइयों की कमी क्यों है
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूछा कि सिम्स और जिला अस्पताल में दवाइयों की कमी है। सीजीएमसी दवाइयां नहीं दे रहा है। यह सब क्या है। राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर फंड दे रही है, जिसके बाद भी इस तरह की स्थिति क्यों है। दवाइयां सप्लाई नहीं करने पर डिवीजन बेंच ने सीजीएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर को शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले की सुनवाई 17 जनवरी को होगी।
रेलवे में पार्किंग की समस्या पर भी मांगा जवाब
रेलवे क्रासिंग सहित रेलवे की अव्यवस्था को लेकर चल रही जनहित याचिका की भी हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। इस दौरान चीफ जस्टिस सिन्हा ने रेलवे की पार्किंग की समस्या और अवैध वसूली को लेकर जमकर नाराजगी जताई। उन्होंने इस मामले में भी कलेक्टर से कहा कि आप स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान दे रहे हैं। लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। लेकिन, रेलवे की समस्या पर कौन ध्यान देगा। इस पर कलेक्टर ने डीआरएम से चर्चा करने की बात कही। तब कोर्ट ने रेलवे के डीआरएम को इस मामले में शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है। साथ ही इस तहर की अव्यवस्थाओं को दूर करने का प्रयास करें। कोर्ट ने जनहित याचिका अगली सुनवाई के लिए 5 जनवरी की तारीख तय की है।