- एंटी नक्सल अभियान में मिल का पत्थर साबित होगा कटेमा का नवीन कैंप
- पुलिस कैंप अंत्योदय के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
- छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा पर प्रदेश में स्थित है यह कैंप
रायपुर: राजनांदगांव रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री राहुल भगत के निर्देशन में खैरागढ़-छुईखदान-गंडई की पुलिस अधी़क्षक सुश्री अंकिता शर्मा के नेतृत्व में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर जिले के दूरस्थ अति संवेदनशीन क्षेत्र ग्राम कटेमा में एंटी नक्सल अभियान की दिशा में पुलिस प्रशासन की ओर से एक बड़ी पहल देखने को मिली है। पुलिस ने तीन राज्यों के ट्राई जंक्शन पर अंततः पुलिस सुरक्षा कैंप की स्थापना कर दी है। यह पुलिस सुरक्षा कैंप अंत्योदय के संकल्प को सकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वही ग्राम कटेमा में निवासरत आम जनों के लिए मूलभूत सुविधाओं की डोर साबित होगा। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा पर छत्तीसगढ़ में बसे गांव कटेमा स्थापित नवीन कैंप एंटी नक्सल अभियान में मिल का पत्थर साबित होगा। इस दौरान ग्राम कटेमा में पुलिस बल द्वारा ग्राम भ्रमण कर प्रत्येक घर में जाकर मिठाई एवं कंबल का वितरण किया गया। साथ ही ग्रामीणों की समस्याओं से भी रू-ब-रू हुए। पुलिस बल द्वारा ग्रामीणों को अश्वासन दिया गया कि पुलिस उनकी सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहेगी। अब वे पुलिस को निर्भीक होकर अपनी समस्याओं से अवगत करा सकेगें।
तीन राज्यों की सीमा पर बसा है कटेमा
छत्तीसगढ़ के बॉर्डर में बसा कटेमा गांव महाराष्ट्र का गोंदिया और मध्यप्रदेश का बालाघाट जिला की सीमा को टच करता है। यह प्रदेश का अंतिम गांव है। इसे नक्सलियों का एमएमसी जोन भी कहा जता है। क्योंकि तीन राज्यों की सीमा होने की वजह से नक्सलियों का आवागमन बना रहता है। इस क्षेत्र का उपयोग नक्सली एक राज्य से दूसरे राज्य में क्रासिंग प्वाईंट के रूप में करते है। पुलिस के लिए यह स्थान सामरिक दृष्टिकोण से अति महत्चपूर्ण है।
नक्सल गतिविधियों पर लगेगा अंकुश
कटेमा में पुलिस कैंप के स्थापना से नक्सलियों के गतिविधियों पर प्रभावी रूप से अंकुष लगाने में मद्द मिलेगी। पुलिस कैंप कटेमा को सफल अंतर्राज्यीय नक्सल विरोधी अभियान चलाये जाने हेतु लांच पैड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। कटेमा से राजनांदगांव जिला के लगते सीमा क्षेत्र में नक्सली अपने गतिविधियों में वृध्दि कर वारदातों को अंजाम दे रहे थे। सुरक्षा कैंप स्थापना से सीमावर्ती जिला राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में नक्सली गतिविधि पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त होगा।
खुलेगा विकास का रास्ता
विकास कार्य निर्बाध रूप से पूर्ण किये जाने में सहायता मिलेगी। क्षेत्र की जनता एवं पुलिस के बीच आपसी समझ एवं विष्वास में वृध्दि होगी। क्षेत्र में सुरक्षा एवं शांति का वातावरण निर्मित होने से विकास कार्य में तेजी आएगी। कैंप स्थापित किये जाने के कारण नक्सली अपने प्रभाव क्षेत्र के विस्तार नहीं कर सकेंगे। शासन के जन हितैषी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचेगा।