- रूरल कनेक्टिविटी ट्रेनिंग एवं रिसर्च नवा रायपुर में मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) तकनीकी मुद्दों पर दिया मार्गदर्शन
रायपुर: छत्तीसगढ़ में गुणवत्तापूर्ण सड़को का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़े अधिकारियों को सड़क निर्माण में गुणवत्ता पूर्ण सामग्री के उपयोग तथा इन सामग्रियों से जुड़े तकनीकी परीक्षण के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। प्रधानमंत्री सड़क योजना से जुड़े अधिकारियों को रूरल कनेक्टिविटी ट्रेनिंग एवं रिसर्च सेंटर, नवा रायपुर में आयोजित प्रशिक्षण में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) श्री राकेश पुराम ने जानकारी दी कि शासन द्वारा डिजिटल रिबाउंड हैमर से परीक्षण कराने के लिये 2500 रूपए प्रति परीक्षण निर्धारित किया गया है। इसी तरह अल्ट्रासोनिक पल्स पैलासिटी उपकरण से परीक्षण कराये जाने के लिये 3 हजार रूपए प्रति परीक्षण निर्धारित किया गया है। परीक्षण शुल्क को जमा करने के लिये शासन द्वारा नवीन राजस्व मद भी खोला गया है, जिसमें राशि चालान के माध्यम से जमा की जा सकती है। निर्माण में प्रयुक्त कांकीट की गुणवत्ता का परीक्षण सीधे सी.टी.ई. कार्यालय से संपर्क कर कराया जा सकता है। प्रशिक्षण के दौरान नान डिस्ट्रेक्टिव टेस्ट उपकरण का डेमो भी दिया गया।
मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) श्री राकेश पुराम के ई-परीक्षक माडयूल के उपयोगिता के संबंध में भी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि आम नागरिक भी उनके स्वयं के धन से कराये जा रहे भवन आदि निर्माण कार्य का परीक्षण करा सकते हैं। प्रशिक्षण में सड़क निर्माण के दौरान मैदानी अधिकारियों को आने वाली तकनीकी कठिनाईयां के निराकरण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। सी.टी.ई. कार्यालय द्वारा जारी निरीक्षण प्रतिवेदन में प्रधानमंत्री सड़क योजना के सड़कों के निरीक्षण पश्चात आवश्यक जानकारी दिए जाने के संबंध में भी विस्तार से बताया गया। इसके अलावा सी.टी.ई. कार्यालय द्वारा वितरित किए गए 100 बिंदुओं की चेक लिस्ट पुस्तिका और उसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी गई।