जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में शिक्षा विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर, क्लर्क और एक स्कूल के संचालक ने मिलकर 72 लाख रुपए का घोटाला कर दिया। संचालक को 7 लाख रुपए का भुगतान करना था। मगर ऑपरेटर और क्लर्क की मदद से उसे 72 लाख रुपए मिल गए। ये जानकारी सूचना के आधिकार के तहत सामने आई। जिसके बाद डीईओ ने तीनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। अब पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।
साल 2019-20 में मयुरा कॉन्वेंट स्कूल को शिक्षा विभाग की तरफ से शिक्षा के अधिकार के तहत कार्यक्रम के लिए 7 लाख रुपए का भुगतान करना था। फिर भी संचालक को 72 लाख रुपए दिए गए थे। इस बात की जानकारी एक सामाजिक कार्यकर्ता को लगी। तब उसने सूचना का अधिकार लगाया। जिसमें पूरी जानकारी सामने आ गई।
जांच में ये भी पता चला कि तीनों की मिलीभगत से ये घोटाला हुआ है। फिर तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने पहले तो संचालक को नोटिस जारी किया था। उस दौरान कहा गया कि 65 लाख रुपए का भुगतान वापस शिक्षा विभाग को कर दिया जाए।
बताया गया कि नोटिस जारी करने के बाद भी संचालक राजेंद्र मौर्य ने सिर्फ 35 लाख रुपए ही जमा कराए। बाकी के पैसों के लिए वह टालमटोल करता रहा। इस बीच जब कलेक्टर को इस बात की जानकारी लगी, तब कलेक्टर ने वर्तमान डीईओ को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर के निर्देश पर डीईओ ने कंप्यूटर ऑपरेटर विकास साहू को बर्खास्त और क्लर्क शिवानंद राठौर को निलंबित कर दिया था। इसके बाद डीईओ ने शनिवार को पूरे मामले की शिकायत पुलिस से भी की। जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार भी कर लिया है।