Saturday, April 20, 2024
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CG: 11 दिन से बेटा, बहू और 2 बच्चे लापता… घर लौटने की राह देख रही मां; रायपुर के फोटो स्टूडियो में आखिरी बार दिखा परिवार

कांकेर: जिले के चारामा के पूरी गांव में एक कार में आग लगने के बाद से लापता हुए परिवार का 11 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं है। चारों आखिरी बार रायपुर के फोटो स्टूडियो देखे गए थे। उसके बाद से पति-पत्नी और 2 बच्चे कहां गए, कुछ पता नहीं चल पा रहा है। पुलिस भी इस केस में उलझी हुई है।

उधर, घर में युवक की मां आलूमति सिकदार इसी आस में रोती हुई बैठी है कि उसका बेटा समीरन सिकदार(29), बहू जया (26) दोनों बच्चे दीप (9 ) और कृतिका (4 ) जल्द आ जाएंगे। उसकी आंख में उम्मीद और आंसू है। भाई और पिता जगह-जगह अपने परिवार की तलाश कर रहे हैं। आलूमति के हाथ में बच्चों और बेटे-बहू की तस्वीर है।

समीरन और उसका परिवार। परिजनों का शक है कि इनके साथ कोई अनहोनी हुई है।

समीरन और उसका परिवार। परिजनों का शक है कि इनके साथ कोई अनहोनी हुई है।

वहीं पड़ताल के लिए मीडिया की टीम समीरन के घर भी पहुंची। जो बंद मिला। वो पोल्ट्री व्यवसाय करता था। फार्म भी बंद था। मुर्गों की आवाज बस आ रही थी। वहां बच्चों के खिलौने और साइकिल खड़े हुए थे। उसके बाद टीम समीरन के माता-पिता के घर भी गई। जहां सिर्फ उनकी मां आलूमति सिकदार मिली। माता-पिता का घर समीरन के घर से एक किलोमीटर दूर है।

किसी से ज्यादा दोस्ती नहीं थी

आस-पास के लोगों से पड़ताल करने पर ये बात सामने आई कि समीर की किसी से न ज्यादा दोस्ती थी और न ही किसी से दुश्मनी। जबकि उसकी मां ने बताया कि 1 मार्च की सुबह करीब साढ़े 6 बजे पिता को फोन करके समीरन ने बेटे और पत्नी के इलाज के लिए रायपुर रवाना होने कि सूचना दी थी। जिसके बाद रात में करीब 10 बजे जब समीरन से बात हुई तो उसने धमतरी से खाना खाकर वापस निकलने की बात कही थी। उसके बाद से उसके फोन से कोई संपर्क नहीं हुआ।

समीरन का घर बंद है। बाहर बच्चों के खिलौने, दूसरी तरफ बच्चों की साइकिल रखी हुई है।

समीरन का घर बंद है। बाहर बच्चों के खिलौने, दूसरी तरफ बच्चों की साइकिल रखी हुई है।

मां ने बताया…

मां आलूमति सिकदार ने बताया कि समीरन ने कुछ दिन पहले ही अपने मुर्गी फार्म के लिए नए चूजों का भी ऑर्डर दिया था और एक लाख 20 हजार रुपए का भुगतान भी किया था। अगर उसने घर से भागने का प्लान बनाया होता तो मुर्गे का ऑर्डर देकर भुगतान आखिर क्यों करता। वहीं समीरन का बेटा दीप सिकदार भी लापता होने के दो दिन पहले तक लगातार स्कूल भी जा रहा था। समीरन के परिवार को अभी भी यही शक है कि उसके साथ किसी तरह की अनहोनी हुई है, या उसका अपहरण हुआ है। परिवार उनके के खुद से कही चले जाने की बात से पूरी तरह इनकार करता हुआ नजर आ रहा है।

घटना के दिन ये जानकारी सामने आई थी

कार में आग लगने की घटना के बाद ये पता चला कि यह गाड़ी पखांजूर निवासी समीरन सिकदार(29) की है। वो पखांजूर से अपनी पत्नी जया और, बच्चे दीप,कृतिका को लेकर धमतरी गया था। वहां उन्हें अपने बेटे दीप को डॉक्टर से दिखाना था। ये भी बताया गया कि वह वहां से वापस लौट रहे थे। तभी यह हादसा हो गया। उसके बाद से परिवार लापता है।

इसके बाद से मामले में जांच चल रही है। जगदलपुर की फॉरेसिंक टीम ने भी पड़ताल की और कहा कि कार के अंदर से किसी भी शख्स के जलने के सबूत नहीं है। पुलिस को यह थ्योरी थोड़ी समझ नहीं आई। इसलिए रायपुर से भी फॉरेंसिक टीम पहुंची। उस टीम ने भी यही बात कही कि कार के जलने से किसी की मौत नहीं हुई है। बस इसी के बाद से ये पूरा मामला उलझा है।

रायपुर और जगदलपुर की फॉरेंसिक टीम जली हुई कार की जांच कर साक्ष्य जुटाते हुए।

रायपुर और जगदलपुर की फॉरेंसिक टीम जली हुई कार की जांच कर साक्ष्य जुटाते हुए।

होटल में नजर आया परिवार

जांच करती हुई पुलिस की टीम धमतरी में भी गई थी। वहां पुलिस को परिवार के अशियाना होटल में रुकने के सबूत मिले। इस आधार पर पुलिस ने माना कि परिवार जिंदा है। उनके अपहरण की थ्योरी भी गलत है। क्योंकि एक मार्च बुधवार को जिस वक्त यह घटना घटी उसके कुछ देर पहले यानि 8 बजे के आस-पास समीरन सिकदार ने अपने परिवार के साथ होटल में चेक इन किया था। फिर करीब पौने 9 बजे समीर अपने परिवार के साथ खाना खाने निकल जाता है।

इसके बाद 9.30 बजे सभी कार से वापस आते हैं। तब उसकी पत्नी और बच्चे वापस होटल में चले जाते हैं। जबकि समीरन कार से वापस किसी ओर निकल जाता है। इसके बाद वह 2 मार्च को सुबह वापस होटल आता है। फिर परिवार के साथ होटल से चेक आउट करके चारों लोग निकल जाते हैं। पुलिस को इस पूरे घटनाक्रम के सीसीटी्वी फुटेज भी मिले थे। जिसके आधार पर यह पूरी जानकारी सामने आई थी।

धमतरी से यह सीसीटीवी फुटेज मिला है। इसमें रोड पर चल रही कार में परिवार सवार था।

धमतरी से यह सीसीटीवी फुटेज मिला है। इसमें रोड पर चल रही कार में परिवार सवार था।

स्टू्डियों के सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले

उसी सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने और पड़ताल की। तब ये बात चला कि परिवार रायपुर भी गया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही पुलिस ने माना था कि परिवार जिंदा है। मामले को लेकर एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि आखिरी बार ये लोग रायपुर के पंडरी स्थित अजय फोटो स्टूडियो गए थे। हमने वहां का सीसीटीवी फुटेज चेक करना चाहा। मगर उसका बैकअप 24 घंटे का था। इसलिए फुटेज नहीं मिल सका।

इस मामले में कांकेर के अलावा धमतरी और कांकेर पुलिस भी जांच कर रही है। तीनों जिले के अलग-अलग सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। फिर भी अब तक परिवार का कोई सुराग नहीं है। पुलिस के लिए फिलहाल ये पहेली है की समीरन और उसके परिवार ने कोई साजिश रची या कोई अनहोनी हुई।

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