85वें कांग्रेस महाधिवेशन के दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजनीति से हटने का संकेत देकर सबको चौंका दिया है।
रायपुर: 85वें कांग्रेस महाधिवेशन के दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजनीति से हटने का संकेत देकर सबको चौंका दिया है। अधिवेशन को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि वह गौरवान्वित हैं कि भारत जोड़ो यात्रा से मेरी पारी का समापन है। यह पार्टी के लिए महत्वपूर्ण मोड़ है।
मेरी उम्र हो गई है… खरगे के नेतृत्व में युवाओं को आगे आना चाहिए। सोनिया ने जैसे ही यह कहा, अधिवेशन स्थल पर हजारों कांग्रेसियों की मौजूदगी में सन्नाटा छा गया। दिनभर अधिवेशन स्थल पर कांग्रेसियों में चर्चा रही कि सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति को अलविदा कहने वाली हैं।
सोनिया गांधी जैसे ही अधिवेशन के मंच पर पहुंचीं, वहां तथा अधिवेशन स्थल पर मौजूद 15 हजार से ज्यादा कांग्रेस डेलिगेट्स उनके स्वागत में खड़े हो गए। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बाद सोनिया गांधी ने संबोधन शुरू किया, जो करीब एक घंटे चला। सोनिया ने कहा कि 1998 में पार्टी की अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभालने के बाद से 25 वर्षों में पार्टी की कई कामयाबियां देखीं तो कई बार हताशा का साना करना पड़ा।
लेकिन कांग्रेस पार्टी के देशभर में फैले कार्यकर्ताओं के सहयोग और समझबूझ ने ताकत दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 और 2009 की जीत तथा डा. मनमोहन सिंह के कुशल नेतृत्व से व्यक्तिगत तौर पर मुझे आत्मसंतोष हुआ। लेकिन मैं सबसे ज्यादा इस बात से गौरवान्वित हूं कि मेरी पारी का समापन भारत जोड़ो यात्रा से हो रहा है। उन्होंने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने इस यात्रा को पूरा करने में मुश्किलों का सामना किया। इसी यात्रा से यह बात निकल आई कि देश सौहार्द्र, समानता और टॉलरेंस चाहता है।
85वां अधिवेशन हमारी साझी विरासत की झलक है। सबको सम्मान देने की हमारी संस्कृति ही हमारी असली शक्ति है। दलित, आदिवासी, ओबीसी, अल्पसंख्यक समुदाय, महिला और युवाओं को प्रतिनिधित्व देना लक्ष्य है। देश में नफरत और कट्टरता के माहौल के खिलाफ लड़ते रहेंगे। गरीबों, किसानों, मजदूरों और वंचितों की आवाज उठाते रहेंगे। -सोशल मीडिया पर राहुल गांधी
देश की संस्थाएं भाजपा आरएसएस के कब्जे में
सोनिया ने अपने संबोधन में केंद्र की मौजूदा भाजपा सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश और कांग्रेस, दोनों के लिए यह चुनौती का समय है। प्रधानमंत्री और भाजपा-आरएसएस गठजोड़ ने देश की हर संस्था को कब्जे में ले लिया है। उनका दुरुपयोग किया जा रहा है। दलितों, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है। संविधान के मूल्यों पर चोट की जा रही है। आगे और कठिन समय है।
पार्टी ने सोनिया का आभार जताया, रिटायरमेंट पर चुप
प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने अधिवेशन में सोनिया गांधी के योगदान के लिए आभार प्रस्ताव पेश किया। उनके 25 साल के नेतृत्व पर पार्टी ने धन्यवाद दिया। हालांकि रिटायरमेंट पर नेता चुप रहे। दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसके मायने आप खुद निकाल लीजिए। जयराम रमेश ने भी कहा कि वो जो भी निर्णय लेंगी, उससे देश और पार्टी का भला निहित होगा। शैलजा बोलीं- सोनिया का हाथ हमारे सिर पर हमेशा रहेगा।
संगठन में 50% आरक्षण, 50 से कम उम्र वालों को भी आधे पद
कांग्रेस ने पहली बार ब्लॉक से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक संगठन में एससी-एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया है। रायपुर अधिवेशन में इसके लिए पार्टी ने संविधान में संशोधन किया और इस व्यवस्था को तुरंत लागू करने का फैसला लिया है। यही नहीं, कांग्रेस ने 50 साल से कम उम्र के लोगों को संगठन में 50 फीसदी पद देने के लिए भी नियमों में संशोधन कर दिया है। दैनिक भास्कर ने 25 फरवरी को ही इस आशय की खबर प्रकाशित कर दी थी।
प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के अनुसार कांग्रेस में नशा करने वालों को सदस्यता नहीं देने का प्रस्ताव भी लाया गया है। अधिवेशन के दूसरे दिन पार्टी ने कई और नियम बदले हैं। राजनीतिक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों और आर्थिक मामलों से जुड़े 113 संकल्प भी रखे गए हैं।
इसमें राजनीति के 58, अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़े 26 और आर्थिक मामलों से जुड़े 29 बिंदु शामिल थे। इसके अनुसार, 1 जनवरी 2025 से कांग्रेस में अब पेपर मेंबरशिप नहीं होगी, सिर्फ डिजिटल मेंबरशिप होगी। सदस्यता फार्म में थर्ड जेंडर की चर्चा होगी। इसमें मां और पत्नी का नाम भी लिखा जाएगा।
ब्लॉक, जिला और प्रदेश स्तर पर जहां भी कांग्रेस के चुने हुए सदस्य हैं, वे सभी डेलीगेट्स होंगे। अब 6 पीसीसी डेलिगेट्स मेंबर पर एक एआईसीसी मेंबर चुना जाएगा, जो तक 8 की संख्या पर एक चुना जाता था। इससे एआईसीसी सदस्यों की संख्या 1240 से बढ़कर 1653 हो जाएगी। अधिवेशन में एक राष्ट्रीय चुनावी कोष का भी संकल्प लिया गया, ताकि वर्तमान चुनावी बॉन्ड की कमियों को दूर किया जा सके।
दलबदल कानून में बदलाव का संकल्प
राजनीतिक मामलों के संकल्प ड्राफ्ट के 12 बिंदू में कांग्रेस ने दलबदल कानून में बदलाव की मंशा जाहिर की है। उसमें कहा गया है कि 2014 के बाद बड़े पैमाने पर दलबदल करवाए गए हैं। विधायकों को खरीदा गया है और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को गिराया गया है। कांग्रेस ऐसी प्रथाओं को खत्म करने के लिए संविधान में संशोधन करेगी।
खरगे ने कहा- देश में नफरत का माहौल
अधिवेशन को दूसरे दिन संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार हर चीज बेच रही है। रेल, जेल, तेल सब कुछ अपने मित्रों को दे रही है। दिल्ली में बैठे लोगों का डीएनए गरीब विरोधी है। नोटबंदी और गलत जीएसटी ने छोटे कारोबारियों को बर्बाद कर दिया है। हर कांग्रेसी के सामने लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाए रखने की चुनौती है, और जिम्मेदारी भी।
आज राहुल का संबोधन, सभा भी
अधिवेशन के तीसरे दिन राहुल गांधी का संबोधन होगा। सोनिया गांधी के रिटायरमेंट के संकेतों के बीच उनके उद्बोधन को बेहद अहम माना जा रहा है। अधिवेशन का समापन रविवार को दोपहर खरगे के संबोधन से होगा। इसके बाद दोपहर तीन बजे रायपुर से लगे जोरा के मेला ग्राउंड में आमसभा होगी, जिसे राहुल के अलावा खरगे और भूपेश बघेल भी संबोधित करेंगे।