जशपुर: जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती लोकप्रिय हो रही है। अपने लजीज स्वाद और मेडिसिनल वैल्यू के कारण इसकी डिमांड काफी ज्यादा है। इसकी खेती से मिलने वाले लाभ के कारण लगातार किसान इसे लेकर आकर्षित हो रहे हैं। एक एकड़ में इसकी खेती करके 4 से 5 लाख की आमदनी ली जा सकती है।
जशपुर जिले में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती की है। जशपुर में विंटर डान प्रजाति की स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए गए हैं। इन किसानों को उद्यानिकी विभाग की योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत तकनीकी मार्गदर्शन और अन्य सहायता मिल रही है। किसानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में होने वाली स्ट्रॉबेरी की गुणवत्ता काफी अच्छी है। साथ ही स्थानीय स्तर पर इसका उत्पादन होने के कारण व्यापारियों को ताजे फल भी मिल रहे हैं। जिसके कारण उन्हें अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।
स्ट्रॉबेरी की खेती।
कलेक्टर डॉ रवि मित्तल ने किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जिले के और भी किसानों को अलग-अलग खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जशपुर की जलवायु आम, लीची, सेब और स्ट्रॉबेरी की खेती लिए बहुत उपयुक्त है।
स्ट्रॉबेरी के फल निकालती महिला।
धान के मुकाबले 8 से 9 गुना ज्यादा फायदा
स्ट्रॉबेरी की खेती में धान के मुकाबले कई गुना ज्यादा फायदा है। जहां धान की खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी के साथ-साथ ज्यादा पानी और तापमान की जरूरत होती है, वहीं स्ट्रॉबेरी की खेती सामान्य भूमि और सामान्य सिंचाई में भी की जा सकती है। धान की खेती को जहां देखरेख की ज्यादा जरूरत पड़ती है, वहीं स्ट्रॉबेरी के लिए कम देखरेख की जरूरत पड़ती है। इसके लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है। जहां धान से एक एकड़ में करीब 50 हजार की आमदनी ली जा सकती है, वहीं स्ट्रॉबेरी की खेती करके 3 से 4 लाख रुपए की आमदनी ली जा सकती है। इस तरह से इसमें धान से 8-9 गुना ज्यादा आमदनी मिलती है।