Tuesday, July 1, 2025

CG: रायपुर के डॉक्टर ने की लापरवाही.. सर्जरी के बाद मरीज की हालत बिगड़ी तो डॉक्टर ने झाड़ लिया पल्ला, बोला- अब कहीं और ले जाओ

रायपुर: मरीज डॉक्टर को भगवान मानकर उसपर भरोसा करते हैं। मगर कुछ डॉक्टर्स अपनी जिम्मेदारियां तो ठीक से नहीं निभाते और कष्ट मरीज और उसके पूरे परिवार को झेलना पड़ता है। रायपुर का मोवा निवासी एक परिवार ऐसी ही समस्या को झेल रहा है। एक डॉक्टर ने इस परिवार को भरोसे में लिया। इलाज के पूरे पैसे ले लिए जब मरीज की हालत बिगड़ गईं तो कह दिया अब मुझसे नहीं होगा। इन्हें किसी और अस्पताल लेकर जाओ।

नंदलाल साहित्य नाम के बुजुर्ग ने अपने परिजन का इलाज डॉ हर्षित गोयनका से करवाया। नंदलाल ने डॉ हर्षित पर इलाज में लापरवाही बरतने और मरीज को गंभीर अवस्था में ले जाने का आरोप लगाया है। नंदलाल ने बताया कि तीन-चार महीनों से उनके परिवार की महिला चल-फिर नहीं पा रहीं थीं। उनकी रीढ़ में समस्या थी। डॉ हर्षित ने कहा कि रीढ़ में पस है इसका इलाज कर दूंगा।

डॉक्टर ने हमें झांसे में लिया
नंदलाल ने बताया कि डॉक्टर हर्षित ने पहले चेकअप किया। हम मरीज को घर ले आए इसके बाद डॉक्टर हमें ऑपरेशन करवा लेने के लिए कॉल करते रहे। मरीज की स्थिति देखने के बाद भी हमसे डॉक्टर ने कहा कि मुझपर विश्वास करो दो तीन दिन में आपकी मरीज चलने लगेगी। पहले डॉक्टर ने डेढ़ लाख फीस बताई। मरीज की सर्जरी से पहले जांच कराने पर कहा- इन्हें तो हेपेटाइटिस है, अब पैसे ज्यादा लूंगा। एक और जांच की और कहने लगे कि मरीज को पेशाब में इन्फेक्शन है और ज्यादा पैसे लगेंगे।

परिवार डॉक्टर हर्षित की बात मानता गया। 2 लाख 14 हजार सर्जरी के बाद डॉक्टर ने मांगे। मगर बात 2 लाख में तय हुई। इसके बाद उन्होंने मरीज की इन बीमारियों और इन्फेक्शन के बावजूद सर्जरी की। टांके खुलवाने के लिए 15 दिन बाद आने को कहा। जब परिजन टांके खुलवाने गए तो डॉक्टर ने कह दिया मरीज को इन्फेक्शन हो गया है। बीपी लो है, इन्हें दूसरे अस्पताल ले जाएं हमारे पास सुविधा नहीं है।

परिवार कर रहा कार्रवाई की मांग
अब नंदलाल दूसरे अस्पताल लेकर मरीज को भटक रहे हैं। वहां नए सिरे से इलाज का खर्च मध्यम वर्गीय परिवार पर आ चुका है। दूसरे चिकित्सकों ने भी कहा कि जब पहले ही मरीज को दूसरी समस्याएं थीं तो ऑपरेशन को लेकर और सावधानी बरतने की जरुरत थी। नंदलाल ने मांग की है कि ऐसे चिकित्सकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। नियमों का हवाला देकर ऐसे चिकित्सक बच जाते हैं। आखिर मरीज के प्रति इनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। इस पूरे मामले पर डॉ हर्षित से भी बात की, उन्होंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं है,मैं इसपर बाद में बात करूंगा।


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