भिलाई: धमधा में दो दिन पहले कार सहित पांच लाख रुपए की लूट के मामले का पर्दाफाश हो गया है। यह लूट किसी और ने नहीं बल्कि खुद जिसके साथ लूट हुई उसी ने रची थी। आरोपी ने प्लानिंग तो काफी अच्छी की थी, लेकिन वह तीसरी आंख की जद से बच नहीं पाया। पुलिस ने जब खैरागढ़ को जाने वाले 150 CCTV कैमरों के फुटेज खंगाले तो सच चौकाने वाली थी। पुलिस ने आरोपी सहित उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि जैसे ही मामले की शिकायत उन्हें मिली उन्होंने तुरंत एक टीम को इसमें लगाया। उनकी टीम ने खैरागढ़ से रायपुर के बीच करीब 150 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। इसके बाद तकनीकी साक्ष्य के आधार पर मामले का विश्लेषण करने पर पाया गया कि शिकायत लिखवाने वाला खुद ही इस मामले में कहीं न कहीं इनवाल्व है। इसके बाद पुलिस ने शिकायतकर्ता दिलशाद अली (28 साल) को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की तो उसने पूरी सच्चाई खुद ब खुद बता दी। उसने बताया कि उसने इस पूरी वारदात को अंजाम अपने साथी सिकंदर (27 साल) एवं सफात खान (22 साल) के साथ मिलकर दिया है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर 4 लाख रुपए नगद व घटना में प्रयुक्त कार जब्त किया गया। वहीं आरोपी सिकंदर निवासी मौदहापारा रायपुर के कब्जे से 40 हजार रुपये और सफात खान निवासी मौदहापारा रायपुर के कब्जे 24 हजार रुपए जब्त किया है।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
यह था पूरा मामला
दुर्ग एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव ने बताया कि 19 जनवरी को प्रार्थी दिलशाद अली निवासी मौदहापारा रायपुर ने धमधा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके साथ लूट हुई है। उसने बताया कि वो अपनी डिजायर कार से रायपुर रेलवे स्टेशन से सवारी लेकर खैरागढ़ गया था। वहां सवारी उतारने के बाद रायपुर निवासी प्रॉपर्टी डीलर युवराज वर्मा का 5 लाख रुपए पेमेंट खैरागढ़ के अशोक बरड़िया से लेकर वापस रायपुर जा रहा था। रास्ते में 10 बजे के करीब ठेलका चौक और बरहापुर के बीच वह रोड किनारे पेशाब करने रुका। उस समय चाबी कार में ही लगी थी। इसी दौरान बाइक सवार दो अज्ञात लड़के मुंह में कपड़ा बांधकर आये। एक लड़का बाइक से उतरा और उसकी कार लेकर भाग गया। वो लोग धमधा की ओर भागे हैं। उसने बताया कि कार की डिक्की में 5 लाख रुपए भी थे।
कर्ज के पैसे चुकाने के लिए दिया वारदात को अंजाम
एसपी की पूछताछ में आरोपी दिलशाद अली ने बताया कि उसके ऊपर कर्ज हो गया था। उसे किसी को एक लाख रुपए देने थे। 18 जनवरी को युवराज वर्मा का पेमेंट खैरागढ़ से लाना था। इसलिए उसने साथियों के साथ मिलकर लूट की साजिश रची।