सरगुजा: छत्तीसगढ़़ के सबसे धनी विधायक और प्रदेश के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव की संपत्ति पांच सालों में 52 करोड़ रुपये घट गई है। उनके पास एक लाख 70 हजार रुपए ही कैश है। शुक्रवार को नामांकन के साथ दिए गए शपथ पत्र में उन्होंने अपनी संपत्ति 447.77 करोड़ रुपये घोषित की। साल 2018 में उनकी कुल संपत्ति 500 करोड़ एक लाख रुपए थी।
सरगुजा राज परिवार के मुखिया एवं प्रदेश के डिप्टी सीएम जमीनें बेचकर राजनीति करने के लिए मशहूर हैं। सिंहदेव की कुल संपत्ति हर पांच साल में बढ़ने के बजाए घट रही है। यह स्थिति तब है, जब उनकी अधिकांश संपत्ति अचल स्वरूप में है और इनकी कीमतें पांच सालों में कम से कम 25 फीसदी बढ़नी चाहिए थी।
सिंहदेव के नामांकन रैली के दौरान की फोटो।
विरासत में मिली हैं जमीनें एवं महल
टीएस सिंहदेव के पास विरासत में मिली संपत्ति में पुराना राजमहल और जमीनें हैं। इनके अलावा व्यवसायिक प्लॉट, भवन भी शामिल हैं। शपथ पत्र में उन्होंने अचल संपत्ति 436.71 करोड़ रुपये घोषित की है। वहीं चल संपत्ति 10 करोड़ 99 लाख रुपए है। इनमें उन्हें विरासत में मिले जेवरात, बंदूकें और अन्य सामान हैं। चल संपत्ति में बैंक खातों में जमा रकम, बीमा, बैंक व फर्मों की हिस्सेदारी और निवेश की रकम शामिल है।
इन कारों के हैं मालिक
टीएस सिंहदेव 2006 मॉडल की होंडा सिविक कार, 2012 मॉडल के महिंद्रा एक्सयूवी 500, हुंडई वरना कार 2012, ऑडी कार 2014 मॉडल और मर्सडीज 2017 मॉडल की है। कारों का मूल्य चल संपत्ति के ब्योरे में शामिल है।
डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव।
चल संपत्ति बढ़ी, अचल संपत्तियां घटी
सिंहदेव की अचल संपत्ति में पांच सालों में 52 करोड़ रुपए की कमी आई । वहीं चल संपत्ति 26 लाख 21 हजार रुपए बढ़ी। अचल संपत्ति वर्ष 2018 में 478.84 करोड़ रुपए थी जो घटकर 436.71 करोड़ रह गई। जबकि इस अवधि में जमीनों के दाम बढ़े हैं। वर्ष 2018 में सिंहदेव की चल संपत्ति 10 करोड़ 73 लाख 12 हजार रुपए थी जो वर्ष 2023 में बढ़कर 10 करोड़ 99 लाख 33 हजार रुपये हो गई।
हर पांच वर्ष में घटी संपत्ति
परिसीमन में सामान्य हुई अंबिकापुर विधानसभा सीट से टीएस सिंहदेव लगातार तीसरी बार विधायक हैं और चौथी बार कांग्रेस ने उन्हें चुनाव मैदान पर उतारा है। हर पांच सालों तक मंत्री रहने के बावजूद उनकी संपत्ति बढ़ने के बजाये घटी है।
टीएस सिंहदेव की ओर से वर्ष 2013 में अपनी कुल संपत्ति 561.50 करोड़ रुपये घोषित की थी। वर्ष 2018 में यह संपत्ति करीब 61.49 करोड़ घट गई थी। वहीं 2023 में उनकी संपत्ति 52 करोड़ रुपये घटकर 447.77 करोड़ रुपये रह गई। इस अवधि में अन्य मंत्रियों और विधायकों की संपत्ति में इजाफा हुआ है।