Friday, April 26, 2024
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CG: विश्वभूषण हरिचंदन छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल… नड्‌डा के दौरे के बाद केंद्र ने अनुसुईया उइके को मणिपुर भेजा, रमेश बैस महाराष्ट्र के गवर्नर

रायपुर: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के छत्तीसगढ़ दौरे के एक दिन बाद ही यहां की राज्यपाल अनुसुईया उइके को हटा दिया गया है। उइके को मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे विश्वभूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल बनाया गया है। हरिचंदन पड़ोसी राज्य ओडिशा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।

यह बदलाव महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और लद्दाख के उप राज्यपाल राधाकृष्ण माथुर के इस्तीफे के साथ शुरू हुए हैं। कोश्यारी और माथुर ने कुछ दिन पहले इस्तीफा दिया था। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए उनको मुक्त कर दिया है। झारखंड के राज्यपाल रहे रमेश बैस को भगत सिंह कोश्यारी की जगह महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक को अरुणाचल प्रदेश, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम, सीपी राधाकृष्णन को झारखंड और आंध्र प्रदेश में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर को राज्यपाल बनाया गया है। राजस्थान में भाजपा विधायक दल के नेता गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बना दिया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता शिव प्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। मणिपुर के राज्यपाल रहे एलए गणेशन को नगालैंड का राज्यपाल बनाया गया है। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को मेघालय भेजा गया है। वहीं हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं ब्रिगेडियर बीसी मिश्रा अब केंद्र शासित लद्दाख के उप राज्यपाल होंगे। ब्रिगेडियर मिश्रा अभी तक अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल थे।

नए राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन।

नए राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन।

सीएम भूपेश ने नियुक्ति का किया स्वागत

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नये राज्यपाल की नियुक्ति का स्वागत किया है। उन्होंने लिखा – मैं छत्तीसगढ़ की ओर से हमारे नये संवैधानिक अभिभावक का स्वागत करता हूं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लिखा – प्रदेश की पुण्य धरा पर विश्वभूषण जी का स्वागत है। मुझे विश्वास है कि आपके मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ संविधानिक अधिकारों की दिशा में सशक्त होगा।

मुख्यमंत्री ने यह ट्वीट किया है।

मुख्यमंत्री ने यह ट्वीट किया है।

कांग्रेस सरकार बनने के बाद बनी थीं राज्यपाल

कांग्रेस होकर भाजपा में आईं अनुसुईया उइके को सरकार ने 16 जुलाई 2019 को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्ति किया था। उन्होंने 17 जुलाई को कार्यभार ग्रहण कर लिया था। ठीक एक महीने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नई सरकार ने काम शुरू किया था। मुख्यमंत्री को शपथ ग्रहण मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तत्कालीन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कराया था। अब जब नवम्बर में विधानसभा का फिर से चुनाव होने जा रहा है, अनुसूईया उइके को यहां से हटाकर मणिपुर भेज दिया गया है।

मणिपुर की राज्यपाल बनाई गईं अनुसुईया उइके।

मणिपुर की राज्यपाल बनाई गईं अनुसुईया उइके।

सरकार के साथ लगातार टकराती रहीं हैं उइके

छत्तीसगढ़ में अनुसूईया उइके को सरकार से टकराने वाली राज्यपाल के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने सामान्य प्रशासनिक कामकाज में भी राजभवन की भूमिका का विस्तार कर दिया। सुपेबेड़ा के किडनी रोग प्रभावितों से मिलने जाकर उन्होंने सरकार को असहज किया। उसके बाद कुलपतियों की नियुक्ति में सरकार की सिफारिशों को नलरअंदाज कर नियुक्ति कर सीधा टकराव मोल लिया। सरकार ने कुलपति नियुक्ति का अधिकार बदलने का विधेयक पारित कर भेजा तो उसे रोक लिया। विवादित कृषि कानूनों का प्रभाव कम करने वाले विधेयकों को भी रोक कर रखा। आरक्षण विवाद तो हद से आगे बढ़ गया। राज्यपाल ने यह विधेयक रोक लिया तो सरकार राज्यपाल के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंच गई।

2019 को आंध्र प्रदेश के बनाए गए थे राज्यपाल।

2019 को आंध्र प्रदेश के बनाए गए थे राज्यपाल।

नये राज्यपाल को भी जान लीजिए

विश्वभूषण हरिचंदन को भी अनुसुईया उइके साथ ही ही जुलाई 2019 में आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाकर भेजा गया था। तीन अगस्त 1934 में पैदा हुए हरिचंदन अभी 89 साल के हैं। उन्होंने 1971 में भारतीय जनसंघ जॉइन किया था। जनता पार्टी के गठन तक वे जनसंघ से ओडिशा के महामंत्री थे। 1980 में भाजपा के गठन के बाद उन्हें ओडिशा यूनिट का अध्यक्ष बनाया गया है। वे 1988 तक वे भाजपा के अध्यक्ष रहे। उसके बाद उन्होंने बीजू जनता दल जॉइन कर लिया। 1996 में वे फिर भाजपा में लौटे। हरिचंदन पांच बार विधायक रहे हैं। पहली बार जनता लहर में 1977 में चिल्का सीट से चुनाव जीते थे। उन्होंने भुवनेश्वर सेंट्रल सीट का भी प्रतिनिधित्व किया। भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहे। हरिचंदन ने ओडिशा के पाइका विद्रोह सहित कई पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें भी लिखी हैं।

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