Tuesday, December 30, 2025

              CG: महिला की मौत,2 दिनों तक नहीं हो सका अंतिम संस्कार.. सामाजिक बहिष्कार के चलते किसी ने मदद नहीं की, फिर पुलिस की मदद से हुआ अंत्येष्टि

              Bilaspur: बिलासपुर में एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उसका 2 दिन तक अंतिम संस्कार ही नहीं हो सका। सामाजिक बहिष्कार के चलते किसी ने महिला के बेटे की मदद नहीं की। जिसके चलते शव घर पर ही पड़ा रहा। आखिरकार महिला के बेटे ने जब पुलिस से मदद मांगी। तब जाकर महिला का अंतिम संस्कार किया गया है। मामला बेलगहना चौकी क्षेत्र का है।

              ग्राम मोहली की रहने वाली अमृत बाई(90) का 9 फरवरी को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। बताया गया है कि महिला 50 साल पहले दूसरे शख्स के साथ चले गई थी। इस वजह से उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया था। बाद में उसका पहला पति और जिस शख्स के साथ वह गई थी। दोनों की मौत हो गई। जिसके बाद से ही वह अपने बेटे के साथ रह रही थी। इस बीच उसकी मौत हो गई।

              मौत के बाद 55 साल के बेटे ने आस-पास के लोगों ने उसकी मां का अंतिम संस्कार करने मदद मांगी। कंधा देने लोगों से निवेदन किया। मगर कोई भी राजी नहीं हुआ। परिजनों ने भी उसे मना कर दिया था। ये सब करते हुए दो दिन बीत गए। जिसके बाद महिला का बेटा पुलिस के पास पहुंचा।

              घटना की जानकारी मिलने पर ही चौकी प्रभारी हेमंत सिंह ठाकुर, प्रधान आरक्षक राजेश्वर साय, आरक्षक सत्येंद्र सिंह और ईश्वर नेताम ग्राम मोहली पहुंचे। फिर सबने मिलकर महिला के शव को कांधा दिया। जिसके बाद पूरे रीति रिवाज से शव का अंतिम संस्कार किया गया है।

              पुलिस ने शव को दिया कंधा।

              पुलिस ने शव को दिया कंधा।

              माजिद खान ने खोदा गड्‌ढा

              इस मामले में धर्म के बंधन से परे होकर एक स्थानीय व्यक्ति मजीद खान ने भी मदद की। उसने मानवता का परिचय देते हुए सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की। बुजुर्ग महिला की अंतिम शव यात्रा में जब ग्राम के सामाजिक व्यक्ति शामिल नहीं हुए, तब मजीद खान ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और दफन करने के लिए गड्ढे की खुदाई की।

              सामाजिक बुराई के प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी

              इस पूरे घटना को लेकर बेलगहना चौकी प्रभारी हेमंत सिंह ने बताया कि बहिष्कार जैसे सामाजिक कुरीति एक अभिशाप की तरह है। 21वीं सदी के इस दौर में भी जहां लोग जाति-धर्म,ऊंच-नीच के भेदभाव को त्याग कर आपसी भाईचारा और समरसता के साथ एक जुट होकर रह रहे हैं। ऐसे में कुछ लोग आज भी रूढ़िवादी सामाजिक बुराई के बीच घिरे हुए हैं। आधुनिकता के इस समय में समाज में फैली बहिष्कार जैसी प्रथा को समाप्त करने ठोस पहल की आवश्यकता है। लोगों में एक दूसरे के प्रति सहयोग और मानवता बनी रहे। साथ ही सामाजिक बुराई के प्रति लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा।


                              Hot this week

                              रायपुर : रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन के 543 प्रकरण दर्ज

                              रायपुर: बालौदाबाजार जिले में अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन...

                              रायपुर : दिव्यांग नेमी सिंह को उपमुख्यमंत्री शर्मा ने प्रदान की पेट्रोल चलित स्कूटी

                              रायपुर: उपमुख्यमंत्री एवं कवर्धा विधायक विजय शर्मा की संवेदनशील...

                              KORBA : मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन, दावा-आपत्ति आमंत्रित

                              कोरबा (BCC NEWS 24): भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य...

                              Related Articles

                              Popular Categories