Monday, December 9, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाCG: छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट... रायगढ़, कोरबा...

CG: छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट… रायगढ़, कोरबा और सरगुजा में गिरेगा पानी, सरगुजा, बिलासपुर संभाग के कुछ जिलों में पड़ेंगी बौछारें

रायपुर: छत्तीसगढ़ के 7 जिलों के लिए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। गुरुवार को सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, रायगढ़ और कोरबा ​​​में​​​​ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, इन जिलों में ​बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है। मौसम वैज्ञानिक पी चंद्रा के मुताबिक सरगुजा और बिलासपुर संभाग के कुछ जिलों में बौछारें पड़ सकती हैं। प्रदेश में मानसून की विदाई 10 से 15 अक्टूबर के आसपास होगी। इस बीच कई इलाकों में बारिश का दौर जारी रहेगा।

पिछले 24 घंटे में कैसा रहा मौसम

  • रायपुर में सुबह से तेज धूप रही और मौसम साफ रहा।
  • बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ में हल्की बारिश हुई।
  • बलरामपुर के रामानुजगंज में 3 इंच तक पानी गिर गया।
  • दुर्ग, राजनांदगांव में मौसम साफ रहा।
  • सूरजपुर में जमकर बारिश हुई।

दिन का पारा चढ़ेगा, रात का लुढ़केगा

मौसम वैज्ञानिक पी चंद्रा ने बताया कि आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में वृद्धि होगी। मौसम साफ हो रहा है, इसलिए न्यूनतम तापमान गिरेगा।

बलरामपुर के रामानुजगंज में बुधवार को तेज बारिश हुई।

बलरामपुर के रामानुजगंज में बुधवार को तेज बारिश हुई।

क्या होता है ऑरेंज और यलो अलर्ट

ऑरेंज अलर्ट

जब भारी से अतिभारी या फिर सीमांत भारी बारिश की संभावना होती है तब ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है। मौसम से जुड़ी किसी भी तरह की आपदा से सतर्क रहने के लिए मौसम विभाग ये अलर्ट जारी करता है।

यलो अलर्ट

यलो अलर्ट जारी करने का मतलब सतर्क रहने से है। हालांकि ये खतरे को नहीं बताता लेकिन कभी भी मौसम खतरनाक हो सकता है। इसके लिए तैयार रहने के लिए मौसम विभाग ये अलर्ट जारी करता है।

बीते 24 घंटे में इन जिलों में हुई बारिश

जिलाबारिश (आंकड़े मिलीमीटर में)
बलरामपुर (रामानुजगंज)80.0मिलीमीटर
सूरजपुर (भैयाथान)72.3 मिलीमीटर
सरगुजा (अंबिकापुर)39.4मिलीमीटर
बिलासपुर (पेंड्रा)39.2 मिलीमीटर
जशपुर31.2 मिलीमीटर
कोरिया (भरतपुर)25.2मिलीमीटर
कोरबा (करतला)23.2 मिलीमीटर

अक्टूबर 2022 में ऐसा था मौसम

मौसम विभाग के अनुसार, 2022 में मानसून की विदाई 18 अक्टूबर के आसपास हुई थी। पिछले साल भी अक्टूबर के महीने में औसत बारिश अच्छी हुई थी। मौसम वैज्ञानिक पी चंद्रा ने बताया कि मानसून बंगाल की खाड़ी से उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ता हुआ झारखंड और उसके आसपास से उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ जाता है। जिसके कारण सरगुजा संभाग और उससे लगे बिलासपुर संभाग के जिलों में अक्टूबर के महीने में अच्छी बारिश दर्ज की जाती है।

अक्टूबर 2022 में हुई बारिश के औसत आंकड़े

जिलाबारिश (आंकड़े मिलीमीटर में)
बलरामपुर138.6 मिलीमीटर
जशपुर132.9 मिलीमीटर
सूरजपुर100.5 मिलीमीटर
कबीरधाम85.2 मिलीमीटर
रायगढ़76.6 मिलीमीटर
बिलासपुर74.3 मिलीमीटर
सरगुजा69.8 मिलीमीटर

शहरों में पिछले 24 घंटे में ऐसा रहा तापमान

  • रायपुर में अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री रहा। गुरुवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री रह सकता है।
  • दुर्ग में 31.2 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। गुरुवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री रह सकता है।
  • अंबिकापुर जिले में 25.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। गुरुवार को अधिकतम तापमान 29 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री रह सकता है।
  • पेंड्रा में अधिकतम तापमान 30.6 डिग्री दर्ज किया गया। गुरुवार को अधिकतम तापमान 31 और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री रह सकता है।
  • जगदलपुर में अधिकतम तापमान 32 डिग्री दर्ज किया गया। गुरुवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री रह सकता है।
  • राजनांदगांव में अधिकतम तापमान 34 डिग्री दर्ज किया गया। गुरुवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री रह सकता है।

क्यों गिरती है आकाशीय बिजली?

आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल हवा में आपस में टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है, जहां से वह गुजर सके।

अगर यह आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिक पोल के संपर्क में आती है, तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी संपर्क में आ जाता है, तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है।

आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है, जहां से वह गुजर सके।

आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है, जहां से वह गुजर सके।

आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य, जो आपके लिए जानना जरूरी

  • आकाशीय बिजली का तापमान सूर्य के ऊपरी सतह से भी ज्यादा होता है। इसकी क्षमता 300 किलोवॉट यानी 12.5 करोड़ वॉट से ज्यादा चार्ज की होती है। यह बिजली मिली सेकेंड से भी कम समय के लिए ठहरती है।
  • यह मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।
  • दोपहर के वक्त इसके गिरने की आशंका ज्यादा होती है।

आकाशीय बिजली से जुड़े मिथ

  • आकाशीय बिजली एक चीज पर दो बार नहीं गिरती।
  • रबर, टायर या फोम इससे बचाव कर सकते हैं। अगर कोई नाव चला रहा हो, तो बाहर आ जाना चाहिए।
  • लंबी चीजें आकाशीय बिजली से बचाव करती हैं।

बचाव के उपाय

  • अगर आप बादलों के गरजने के समय घर के अंदर हैं, तो घर के अंदर ही रहें।
  • बिजली पैदा करने वाली चीजों से दूरी बनाकर रखें। जैसे- रेडिएटर, फोन, धातु के पाइप, स्टोव वगैरह।
  • पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जाने से बचें।
  • अगर आप खुले मैदान में हैं, तो जल्दी से किसी बिल्डिंग में जाकर खड़े हो जाएं।



RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular