BILASPUR: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई है। इसके बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। महिला पिछले एक सप्ताह से बीमार थी। कुछ दिन पहले ही उनका सैंपल लिया गया, जिसमें उसके स्वाइल फ्लू पाजिटिव होने की पुष्टि हुई। महिला को परिजनों ने अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया था। इधर, मंगलवार को शहर में एक और कोरोना संक्रमित मरीज भी मिला है।
CMHO डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि कोनी के रिवर व्यू कॉलोनी की रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला की एक सप्ताह पहले तबीयत खराब हो गई थी। शुरूआती लक्ष्ण में में उसे सर्दी-खांसी की समस्या थी, जो लगातार बढ़ती ही जा रही थी। उनकी हालत में सुधार नहीं होने पर आठ फरवरी को परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए अपोलो हास्पिटल में भर्ती कराया। यहां भी लगातार उपचार के बाद उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था।
अपोलो अस्पताल में भर्ती थी स्वाइन फ्लू पीड़ित महिला।
स्वाइन फ्लू टेस्ट में रिपोर्ट मिला पाजिटिव
इसके बाद बीते 11 फरवरी को आशंका जताई गई कि महिला स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो सकती है। लिहाजा, उनका स्वाइन फ्लू टेस्ट कराया गया। जिसमें उनकी स्वाइन फ्लू पाजिटिव होने की पुष्टि हुई। इसके बाद उनके इलाज की पद्धति बदली गई। बावजूद इसके कोई फायदा नहीं हुआ। मंगलवार को अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग ने किया अलर्ट
स्वाइन फ्लू से महिला की मौत की जानकारी अपोलो प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग को दी, जिसके बाद CMHO डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने विभाग की टीम को अलर्ट कर दिया है। टीम अब महिला के परिवार व उनके संपर्क में आने वालों की सैंपल लेगी। अगर कोई और भी स्वाइन फ्लू संक्रमित मिलता है तो उसके उपचार की व्यवस्था कर नियंत्रण कार्य तेज किया जाएगा।
ऐसे फैलता है स्वाइन फ्लू
जब आप खांसते या छींकते हैं तो हवा में या जमीन पर या जिस भी सतह पर थूंक या मुंह और नाक से निकले द्रव के कण गिरते हैं, वह वायरस की चपेट में आ जाते हैं। यह कण हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं। मसलन, दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी यह वायरस फैल सकता है। अगर इन चीजों का इस्तेमाल किसी संक्रमित व्यक्ति ने किया हो।
अब जानिए स्वाइन फ्लू के लक्षण
सूअरों में शुरू होने वाले एक तरह के इंफ़्लुएंज़ा का मनुष्यों के श्वसन तंत्र (सांस संबंधी तंत्र) में संक्रमण से होता है। यह एक मौसमी फ़्लू वायरस के रूप में फैलता है. स्वाइन फ़्लू का कारण H1N1 वायरस स्ट्रेन है, जिसकी शुरुआत सूअरों से हुई। बुखार, खांसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द जैसे इसके लक्षण हैं, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को गंभीर संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।
एक कोरोना संक्रमित भी मिला
मंगलवार को शहरी क्षेत्र में एक और कोरोना संक्रमित मिला है। होम आइसोलेशन में रखकर उसका उपचार किया जा रहा है। बीते एक जनवरी से अब तक की स्थिति में जिले में कोरोना के 24 मरीज मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वर्तमान में कोरोना सक्रिय तीन मरीज हैं। उनका उपचार चल रहा है।
कोरोना की जांच धीमी, इसलिए नहीं मिल रहे मरीज
पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना जांच को लेकर निष्क्रिय हो गई है। सर्दी-खांसी व बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों का भी कोरोना टेस्ट बंद हो गया है। यही वजह है कि शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमितों की पहचान नहीं हो पा रही है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि कोरोना वायरस को भी लेकर गाइडलाइन का पालन करने की सलाह दी गई है और जरूरत के हिसाब से मरीजों की जांच की जा रही है।
(Bureau Chief, Korba)